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हरियाणा में बच्चा गोद लेने की क्या है प्रक्रिया, अडॉप्शन कमेटी की बैठक में उपायुक्त ने दी जानकारी - CHILD ADOPTING PROCESS IN HARYANA

पंचकूला की उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने बच्चा गोद लेने की प्रोसेस पर अडॉप्शन कमेटी में चर्चा की.

CHILD ADOPTING PROCESS IN HARYANA
अडॉप्शन कमेटी की बैठक (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 24, 2025, 10:39 PM IST

पंचकूला: पंचकूला की उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने आज लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित अडॉप्शन कमेटी की अध्यक्षता की. इस बैठक में तीन बच्चों के गोद दिए जाने को लेकर विस्तार से चर्चा की गई. उपायुक्त ने गोद लेने के लिए आवेदन करने वाले तीन परिजनों का साक्षात्कार भी लिया. इस दौरान उनसे पारिवारिक, वैवाहिक, कामकाज और कार्यशैली की जानकारी हासिल की और परिजनों के दस्तावेजों की जांच भी की गई.

बच्चा गोद लेने के लिए ऑनलाइन करें आवेदन: उपायुक्त ने बताया कि यदि किसी भी परिवार को बच्चा गोद लेना है तो वे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन क्रमांक के अनुसार उन्हें बच्चे को गोद दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि बच्चा गोद देने से पहले प्रशासन यह आश्वस्त करता है कि परिवार बच्चे की परवरिश करने में सक्षम है या नहीं. उन्होंने बताया कि इसके लिए एक प्रशासनिक टीम आवेदक के घर जाकर स्थिति की जानकारी हासिल करती है. साथ ही, गांव के लोगों से परिवार के व्यवहार का पता भी लगाते हैं.

बच्चा गोद लेने के लिए यह दस्तावेज जरूरी: उपायुक्त ने बताया कि बच्चा गोद लेने के लिए जो आवेदन पत्र भरना होगा, उसमें आवेदक की व्यक्तिगत जानकारी, आय और अन्य आवश्यक विवरण शामिल होंगे. आवेदन के समय आवेदक का पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड), पता प्रमाण पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, बिजली बिल), आय प्रमाण पत्र (आय प्रमाण पत्र, फॉर्म 16), विवाह प्रमाण पत्र, बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र होना चाहिए.

बच्चा गोद लेने के समझौते में अधिकार और जिम्मेदारियां: उपायुक्त ने बताया कि आवेदन के बाद सामाजिक कार्यकर्ता आवेदक के घर आकर परिवार बारे जानकारी हासिल करेंगे. इसके बाद उन्हें एक साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा, जहां आवेदक की गोद लेने की योग्यता और क्षमता का मूल्यांकन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि यदि आवेदक को एक बच्चा गोद लेने के लिए चुना जाता है तो उन्हें बच्चे के बारे में जानकारी दी जाएगी और फिर वह बच्चे से मिलेंगे. बच्चे को गोद लेने के लिए तैयार होने के बाद इसके लिए आवेदक को एक समझौता करना होगा, जिसमें उनके अधिकार और जिम्मेदारियां शामिल होंगी. इसके अलावा एक कानूनी प्रक्रिया भी होगी. इस बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त निशा यादव, जिला बाल संरक्षण अधिकारी निधि मलिक, बाल कल्याण अधिकारी शिवानी व अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

इसे भी पढ़ें : फरीदाबाद में ममता शर्मसार, बैग में मिली मृत नवजात बच्ची, अस्पताल पहुंचाने वाली महिला बोली- जिंदा बच जाती तो मैं उसे अपनाती

पंचकूला: पंचकूला की उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने आज लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित अडॉप्शन कमेटी की अध्यक्षता की. इस बैठक में तीन बच्चों के गोद दिए जाने को लेकर विस्तार से चर्चा की गई. उपायुक्त ने गोद लेने के लिए आवेदन करने वाले तीन परिजनों का साक्षात्कार भी लिया. इस दौरान उनसे पारिवारिक, वैवाहिक, कामकाज और कार्यशैली की जानकारी हासिल की और परिजनों के दस्तावेजों की जांच भी की गई.

बच्चा गोद लेने के लिए ऑनलाइन करें आवेदन: उपायुक्त ने बताया कि यदि किसी भी परिवार को बच्चा गोद लेना है तो वे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन क्रमांक के अनुसार उन्हें बच्चे को गोद दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि बच्चा गोद देने से पहले प्रशासन यह आश्वस्त करता है कि परिवार बच्चे की परवरिश करने में सक्षम है या नहीं. उन्होंने बताया कि इसके लिए एक प्रशासनिक टीम आवेदक के घर जाकर स्थिति की जानकारी हासिल करती है. साथ ही, गांव के लोगों से परिवार के व्यवहार का पता भी लगाते हैं.

बच्चा गोद लेने के लिए यह दस्तावेज जरूरी: उपायुक्त ने बताया कि बच्चा गोद लेने के लिए जो आवेदन पत्र भरना होगा, उसमें आवेदक की व्यक्तिगत जानकारी, आय और अन्य आवश्यक विवरण शामिल होंगे. आवेदन के समय आवेदक का पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड), पता प्रमाण पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, बिजली बिल), आय प्रमाण पत्र (आय प्रमाण पत्र, फॉर्म 16), विवाह प्रमाण पत्र, बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र होना चाहिए.

बच्चा गोद लेने के समझौते में अधिकार और जिम्मेदारियां: उपायुक्त ने बताया कि आवेदन के बाद सामाजिक कार्यकर्ता आवेदक के घर आकर परिवार बारे जानकारी हासिल करेंगे. इसके बाद उन्हें एक साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा, जहां आवेदक की गोद लेने की योग्यता और क्षमता का मूल्यांकन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि यदि आवेदक को एक बच्चा गोद लेने के लिए चुना जाता है तो उन्हें बच्चे के बारे में जानकारी दी जाएगी और फिर वह बच्चे से मिलेंगे. बच्चे को गोद लेने के लिए तैयार होने के बाद इसके लिए आवेदक को एक समझौता करना होगा, जिसमें उनके अधिकार और जिम्मेदारियां शामिल होंगी. इसके अलावा एक कानूनी प्रक्रिया भी होगी. इस बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त निशा यादव, जिला बाल संरक्षण अधिकारी निधि मलिक, बाल कल्याण अधिकारी शिवानी व अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

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