रोहतक: पीजीआईएमएस रोहतक में ऑर्गन डोनेशन से एक मरीज को जीवन दान मिला है. पंचकूला से एक मृत युवक की किडनी लाकर पीजीआईएमएस में एक मरीज को सफल ट्रांसप्लांट किया गया. फिलहाल मरीज डॉक्टरों की निगरानी में है. हेल्थ यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ एचके अग्रवाल और पीजीआईएमएस के कार्यकारी डायरेक्टर डॉ सुरेश सिंघल ने ट्रांसप्लांट करने वाली डॉक्टरों की टीम को बधाई दिया है.
अंगदान के लिए परिजनों को किया जागरूक: इस बारे में चिकित्सा अधीक्षक डॉ कुंदन मित्तल ने कहा कि 24 नवंबर को पंचकूला के अलकेमिस्ट हॉस्पिटल में सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए एक युवक को भर्ती कराया गया था. इस युवक के सिर पर गंभीर चोट लगी थी. इलाज के बावजूद युवक की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. 28 नवंबर को डॉक्टरों की कमेटी ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया. इसके बाद हॉस्पिटल के ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर ने ब्रेन डेड घोषित किए गए युवक के परिजनों को अंगदान के प्रति जागरूक किया.
मृतक के परिजनों ने किया अंगदान: मृत युवक के परिजनों ने अंगदान के बारे में पूरी जानकारी ली. इसके बाद मृतक का लीवर, हार्ट, लंग्स, किडनी और पेनक्रियाज दान करने की सहमति दी. परिजनों की सहमति के बाद पूरे प्रदेश में अंगदान का अलर्ट भेजा गया, लेकिन हृदय और लंग्स ट्रांसप्लांट की सुविधा न होने के चलते वह अलर्ट स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन के जरिए आगे उत्तर भारत में भेजा गया. जहां से नेशनल ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन ने लीवर को दिल्ली के एक हॉस्पिटल को अलॉट किया, जबकि पेनक्रियाज ट्रांसप्लांट के लिए फिट नहीं पाई गई. वहीं, किडनी को पीजीआईएमएस रोहतक को अलॉट किया गया.
जरूरतमंद मरीज का किडनी ट्रांसप्लांट: ऑर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर सोटो के नोडल अधिकारी डॉक्टर सुखबीर और सोटो की ट्रांसप्लांट कॉऑर्डिनेटर दीप्ति जाखड़ ने बताया कि शुक्रवार रात को ही पंचकूला से निकल चुकी दिल्ली की टीम से संपर्क बनाए रखते हुए पानीपत में किडनी ली. रात को ही नोडल अधिकारी डॉक्टर अंकुर गोयल ने मरीज का तुरंत डायलिसिस करवाया. इसके बाद ट्रांसप्लांट सर्जन डॉक्टर विवेक ठाकुर और डॉक्टर गौरव पांडे ने कई घंटे के ऑपरेशन के बाद एक जरूरतमंद मरीज को किडनी ट्रांसप्लांट किया. किडनी को पानीपत से पीजीआईएमएस रोहतक तक लाने में ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर रोहित तंवर ने अहम भूमिका निभाई.
किडनी ट्रांसप्लांट के बाद सुबह 8 बजे मरीज को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया. अब वह डॉक्टरों की निगरानी में है. अभी देश में जितनी जरूरत है, उसके हिसाब से अंगदान बहुत कम हो रहा है. ऐसे में हमें अंगदान के प्रति पहले अंधविश्वास को दूर कर अंगदान की मुहिम को बढ़ाना होगा. -डॉ कुंदन मित्तल, चिकित्सा अधीक्षक
अंगदान के प्रति लोग हो रहे जागरूक: हेल्थ यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ एचके अग्रवाल ने कहा कि अंगदान महादान है. प्रदेश में अंगदान के प्रति जागरूकता आ रही है. हमें जीते जी रक्तदान और मरणोपरांत अंगदान अवश्य करना चाहिए. एक व्यक्ति अंगदान के माध्यम से 8 लोगों का जीवन बचा सकता है. उन्होंने बताया कि कोई भी स्वस्थ व्यक्ति अंगदान कर सकता है. मैं पंचकूला के युवक और उसके परिजनों को सलाम करता हूं, जिन्होंने 3 लोगों को नया जीवन दान दिया है.
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