बस्तर : बस्तर जिले के 41 ग्राम पंचायतों में विकास कार्य रुका हुआ है. सरकार इन पंचायतों में संचालित योजना के लिए राशि और अन्य मदद तो भेजती है, लेकिन बंटवारे की वजह से एस समान नाम और गांव का कोड एक ही होने के चलते सरकारी मदद इन गांवों तक नहीं पहुंच रही है. इस वजह से इन 41 नए ग्राम पंचायतों के विकास कार्य बाधित हो रहे हैं. इस संबंध में बस्तर कलेक्टर ने जल्द ही कार्य को पूरा करने की बात कही है.
नए पंचायतों के नाम क्यों बदल रहे ? : जानकारी के मुताबिक, बस्तर में 41 ग्राम पंचायतों का बंटवारा तो हो गया है. लेकिन उनका नाम नहीं बदलने की वजह से गांव का कोड आज भी एक ही है. ऐसे में योजना के लिए जो भी राशि या हिताग्राही के लिए बुनियादी सुविधा आती हैं, वह मूल गांव के नाम पर ही आबंटित होता है. ऐसे में वे गांव, जिसके पंचायत कई टूकड़ों में बंटे हैं, उनके लिए योजना का आबंटन सभी में न होकर मूल गांव के लिए ही हो जाता है. इससे उसी पंचायत से अलग हुए नए पंचायत को सरकारी मदद नहीं मिल रही है.
नए पंचायतों के नाम बदलने की प्रक्रिया शुरु : जिले में कई ऐसी पंचायतें हैं, जो एक, दो, तीन, चार में बंटे हुए हैं. ऐसे में इस गांव के विकास के लिए आबंटित राशि 4 गुना कम पहुंच रहीं है. जिले में ऐसे करीब 41 पंचायतें चिन्हाकिंत की गई हैं. इन सभी का नाम अब बदला जा रहा है. इन सभी को नया कोड मिलेगा. इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है.
ग्रामसभा में प्रस्ताव भी पास : बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के मुताबिक, "इस दिशा में पिछले 4 महीने से काम चल रहा है. सभी 41 पंचायतों ने नाम बदलने के लिए ग्रामसभा में प्रस्ताव भी पास कर लिया है. नए नामों की सूची भी जिला प्रशासन के पास पहुंच गई है. इस पर अमल करने की दिशा में आगे की कार्रवाई पूरी हो रही है."
"पंचायतों की सीमाओं का भी सीमांकन हो जाएगा, जिससे पंचायतों के बीच होने वाले विवादों का निपटान हो सकेगा. पंचायतों का नया नक्शा तैयार होगा, जिससे जमीन विवाद लगभग खत्म हो जाएंगे. जिसके चलते गांव और पंचायतों की तस्वीर और साफ हो जाएगी." - विजय दयाराम, कलेक्टर, बस्तर
ऐसे समझें इन पंचायतों की समस्या : चित्रकोट विधानसभा के राजुर और किलेपाल गांव में दो तीन ग्राम पंचायतें हैं. राजुर 1 और राजुर 2. लेकिन इस गांव का कोड एक ही है और वह भी राजुर नाम से. ऐसे में सरकार की तरफ से अगर प्रति गांव को 20 पीएम आवास आबंटित करने का निर्णय होगा तो राजुर 1 और राजुर 2 दोनों को मिलाकर 20 पीएम आवास ही दिए जाएंगे. जबकि असल में उन्हें 40 पीएम आवास का लाभ दिए जाने चाहिए.