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नक्सल विरोधी अभियान के लिए पलामू को मिलेंगी सीआरपीएफ की दो कंपनियां, बिहार से सटे इलाकों में की जाएगी तैनात

CRPF companies in Palamu. पलामू में नक्सल विरोधी अभियान के लिए सीआरपीएफ की दो कंपनियां मिल रही हैं, जिन्हें बिहार से सटे पलामू के इलाकों में तैनात किया जाएगा. लोकसभा चुनाव को देखते हुए ये फैसला लिया गया है.

CRPF companies in Palamu
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 3, 2024, 1:57 PM IST

पलामू: जिले में एक बार फिर नक्सल विरोधी अभियान में सीआरपीएफ की दो कंपनियां तैनात की जाएंगी. लोकसभा चुनाव से पहले सीआरपीएफ के नेतृत्व में झारखंड-बिहार सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जाएगा. गृह मंत्रालय और राजस्थान सरकार के सहयोग से पलामू को सीआरपीएफ की दो कंपनी उपलब्ध करायी जा रही है.

झारखंड के अन्य जिलों को भी लोकसभा चुनाव से पहले अर्धसैनिक बलों की एक-एक कंपनी उपलब्ध करायी जानी है. झारखंड में सीआरपीएफ की दो कंपनी सिर्फ पलामू को दी जा रही है. सीआरपीएफ के साथ मिलकर झारखंड और बिहार के सीमावर्ती इलाकों में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी, टीएसपीसी और जेजेएमपी के खिलाफ ऑपरेशन चलाया जाएगा.

मनातू समेत अन्य इलाकों में की जायेगी तैनाती

सीआरपीएफ को पलामू के मनातू इलाके में और एक कंपनी को बिहार से सटे इलाकों में तैनात किया जाना है. दोनों कंपनियां पड़ोसी राज्य बिहार के साथ समन्वय बनाकर बड़ा अभियान चलाएंगी. सीआरपीएफ की जैप, आईआरबी और पलामू जिला बल सहयोग करेगी. सीआरपीएफ पलामू की सभी सड़कों और बिहार की सीमा से लगे सभी इलाकों के रास्तों की जांच करेगी.

पिछले साल हटाई गई सीआरपीएफ कंपनी

पलामू में 1996 से ही नक्सलियों के खिलाफ सीआरपीएफ तैनात थी. लेकिन 2023 के शुरुआती महीनों में पलामू से सीआरपीएफ को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई. पलामू में तैनात सीआरपीएफ की 134 बटालियन को सारंडा इलाके में तैनात किया गया है. सीआरपीएफ का मुख्यालय पलामू में है लेकिन इसकी सभी कंपनियां सारंडा इलाके में तैनात हैं.

यह भी पढ़ें: तीन दशक बाद सीआरपीएफ के बिना लोकसभा चुनाव कराना बड़ी चुनौती! तैयारी में जुटा है महकमा

यह भी पढ़ें: पलामू से कैंप हटने के बाद उठ रहे कई सवाल, सीआरपीएफ ने कहा- तैनाती राज्य सरकार की नीतियों पर निर्भर

यह भी पढ़ें: 400 जवानों के भरोसे 23 लाख की आबादी, सीआरपीएफ के जाने के बाद पलामू में कम हुई संख्या

पलामू: जिले में एक बार फिर नक्सल विरोधी अभियान में सीआरपीएफ की दो कंपनियां तैनात की जाएंगी. लोकसभा चुनाव से पहले सीआरपीएफ के नेतृत्व में झारखंड-बिहार सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जाएगा. गृह मंत्रालय और राजस्थान सरकार के सहयोग से पलामू को सीआरपीएफ की दो कंपनी उपलब्ध करायी जा रही है.

झारखंड के अन्य जिलों को भी लोकसभा चुनाव से पहले अर्धसैनिक बलों की एक-एक कंपनी उपलब्ध करायी जानी है. झारखंड में सीआरपीएफ की दो कंपनी सिर्फ पलामू को दी जा रही है. सीआरपीएफ के साथ मिलकर झारखंड और बिहार के सीमावर्ती इलाकों में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी, टीएसपीसी और जेजेएमपी के खिलाफ ऑपरेशन चलाया जाएगा.

मनातू समेत अन्य इलाकों में की जायेगी तैनाती

सीआरपीएफ को पलामू के मनातू इलाके में और एक कंपनी को बिहार से सटे इलाकों में तैनात किया जाना है. दोनों कंपनियां पड़ोसी राज्य बिहार के साथ समन्वय बनाकर बड़ा अभियान चलाएंगी. सीआरपीएफ की जैप, आईआरबी और पलामू जिला बल सहयोग करेगी. सीआरपीएफ पलामू की सभी सड़कों और बिहार की सीमा से लगे सभी इलाकों के रास्तों की जांच करेगी.

पिछले साल हटाई गई सीआरपीएफ कंपनी

पलामू में 1996 से ही नक्सलियों के खिलाफ सीआरपीएफ तैनात थी. लेकिन 2023 के शुरुआती महीनों में पलामू से सीआरपीएफ को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई. पलामू में तैनात सीआरपीएफ की 134 बटालियन को सारंडा इलाके में तैनात किया गया है. सीआरपीएफ का मुख्यालय पलामू में है लेकिन इसकी सभी कंपनियां सारंडा इलाके में तैनात हैं.

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