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किसानों का भरोसेमंद मित्र साबित होगा पालम ट्रैप, सब्जियों को नुकसान पहुंचाने वाली मक्खियों का ऐसे करेगा सफाया - Palam Trap

Palam Trap for Fruit Fly: हिमाचल प्रदेश में बरसात का मौसम शुरू होते ही फ्रूट फ्लाई का खतरा भी बढ़ जाता है. इनके अटैक से सब्जियों और फलों को खासा नुकसान पहुंचता है. सब्जियों और फलों को फ्रूट फ्लाई के अटैक से बचाने के लिए ही पालम ट्रैप का इस्तेमाल किया जा रहा है. आखिर कैसे काम करता है ये पालम ट्रैप, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

Palam Trap for Fruit Fly
फ्रूट फ्लाई के अटैक से बचाएगा पालम ट्रैप (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 28, 2024, 1:36 PM IST

Updated : Jul 28, 2024, 2:26 PM IST

सिरमौर: हिमाचल प्रदेश में पालम ट्रैप किसानों का भरोसेमंद मित्र साबित हो सकता है. इस तकनीक को अपनाने में जहां किसान को बहुत कम पैसे खर्च करने पड़ेंगे. वहीं, स्प्रे आदि पर आने वाले महंगे खर्च से निजात पाकर वह खुद फायदा ज्यादा कर सकते है. यह ट्रैप सब्जियों और फलों पर नुकसान पहुंचाने वाली नर फल मक्खियों सफाया करेगा. बड़ी बात यह है कि 50 प्रतिशत अनुदान पर किसानों को यह उपलब्ध भी करवाए जा रहे है.

बरसात में फ्रूट फ्लाई कीटों से फसलों को बचाएगा पालम ट्रैप (ETV Bharat)

बरसात में बढ़ा फ्रूट फ्लाई का अटैक

दरअसल प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कृषि विभाग द्वारा आत्मा परियोजना के तहत अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जा रहा है. वहीं, उनकी फसलों की सुरक्षा के बारे में उन्हें मदद व समय-समय पर सलाह भी दी जा रही है. वर्षा ऋतु के इस मौसम में बहुत से किसान प्राकृतिक खेती से सब्जी उत्पादन भी कर रहे हैं, जिन पर इन दिनों फ्रूट फ्लाई के अटैक का खतरा ज्यादा रहता है. इसी अटैक से बचने के लिए किसान अपने खेतों में पालम ट्रैप लगाकर अपनी सब्जियों व फलों की सुरक्षा कर सकते हैं. नाहन विधानसभा क्षेत्र के तहत भेड़ीवाला गांव में किसान इस पालम ट्रैप का इस्तेमाल भी कर रहे हैं.

Palam Trap for Fruit Fly
फ्रूट फ्लाई के लिए पालम ट्रैप (ETV Bharat)

फ्रूट फ्लाई को कंट्रोल करता है पालम ट्रैप

कृषि विभाग आत्मा परियोजना सिरमौर के प्रोजेस्ट डायरेक्टर डॉ. साहब सिंह ने बताया कि इन दिनों फ्रूट फ्लाई के अटैक से बचने के लिए किसान अंधाधुंध केमिकल का स्प्रे करते हैं. इससे किसान अपने साथ-साथ जमीन का भी नुकसान कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि फ्रूट फ्लाई पर कंट्रोल करने के लिए ही कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर द्वारा पालम ट्रैप तैयार किया है.

कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर ने तैयार किया ट्रैप

डायरेक्टर डॉ. साहब सिंह ने बताया कि बरसात के मौसम में वेलवर्गीय फसलें जैसे कद्दू, तोरई, घीया, खीरा सहित अमरूद पर फ्रूट फ्लाई का ज्यादा अटैक देखने को मिलता है. इस दौरान नर फल मक्खी इन्हें खराब कर देती हैं. इन्हीं से बचाव के लिए कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर द्वारा तैयार किए गए यह पालम ट्रैप प्रदेश भर में आत्मा परियोजना के तहत किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान में उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. इन्हें खेत में लगाने पर नर फल मक्खियां आकर्षित होकर इसमें फंस जाती हैं. यही नर फल मक्खियां फ्रूट फ्लाई अटैक का बड़ा कारण बनती है.

Palam Trap for Fruit Fly
फ्रूट फ्लाई (ETV Bharat)

लोर नामक दवा का होता है इस्तेमाल

प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. साहब सिंह ने बताया कि ट्रैप के तौर पर खेतों में एक प्लास्टिक की बोतल लगाकर उसमें लोर नामक दवा रखी जाती है, जो इन नर फल मक्खियों को अपनी ओर आकर्षित करती है. उन्होंने बताया कि ट्रैप को लगाने के बाद देखेंगे कि 2 से 3 दिन में काफी संख्या में मक्खियां इसमें एकत्रित हो जाती है. लोर नामक दवा से यह नर फल मक्खियां इसके अंदर जाकर फंसकर मर जाती है. इसके कारण इनका लाइफ सर्किल पूरा नहीं हो पाता और इनकी ग्रोथ भी कम हो जाती है.

पालम ट्रैप की कीमत

डॉ. साहब सिंह ने किसानों से आह्वान किया कि फ्रूट फ्लाई पर कंट्रोल करने के लिए इस पालम ट्रैप का इस्तेमाल करें. कृषि विभाग आत्मा पूरे हिमाचल में इस पर 50 प्रतिशत सब्सिडी भी दे रहा है. इसे लगाना आसान है और इसे लगाने से केमिकल पर होने वाले खर्चे से भी किसान बच जाएंगे. करीब 130 रुपए में यह ट्रैप उपलब्ध हो जाएगी. जिले में किसान इसे कृषि विज्ञान केंद्र धौलाकुआं सिरमौर से भी प्राप्त कर सकते हैं. बता दें कि जिला सिरमौर में भी इन दिनों व्यवसायिक सब्जी उत्पादन किया जाता है और यह पालम ट्रैप फसल सरंक्षण में किसानों के लिए बड़े मददगार साबित हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें: अब एनाइडर सिस्टम करेगा हाथियों के हमले से लोगों की सुरक्षा, जानें इससे कैसे दूर भागेंगे जंगली जानवर

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सिरमौर: हिमाचल प्रदेश में पालम ट्रैप किसानों का भरोसेमंद मित्र साबित हो सकता है. इस तकनीक को अपनाने में जहां किसान को बहुत कम पैसे खर्च करने पड़ेंगे. वहीं, स्प्रे आदि पर आने वाले महंगे खर्च से निजात पाकर वह खुद फायदा ज्यादा कर सकते है. यह ट्रैप सब्जियों और फलों पर नुकसान पहुंचाने वाली नर फल मक्खियों सफाया करेगा. बड़ी बात यह है कि 50 प्रतिशत अनुदान पर किसानों को यह उपलब्ध भी करवाए जा रहे है.

बरसात में फ्रूट फ्लाई कीटों से फसलों को बचाएगा पालम ट्रैप (ETV Bharat)

बरसात में बढ़ा फ्रूट फ्लाई का अटैक

दरअसल प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कृषि विभाग द्वारा आत्मा परियोजना के तहत अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जा रहा है. वहीं, उनकी फसलों की सुरक्षा के बारे में उन्हें मदद व समय-समय पर सलाह भी दी जा रही है. वर्षा ऋतु के इस मौसम में बहुत से किसान प्राकृतिक खेती से सब्जी उत्पादन भी कर रहे हैं, जिन पर इन दिनों फ्रूट फ्लाई के अटैक का खतरा ज्यादा रहता है. इसी अटैक से बचने के लिए किसान अपने खेतों में पालम ट्रैप लगाकर अपनी सब्जियों व फलों की सुरक्षा कर सकते हैं. नाहन विधानसभा क्षेत्र के तहत भेड़ीवाला गांव में किसान इस पालम ट्रैप का इस्तेमाल भी कर रहे हैं.

Palam Trap for Fruit Fly
फ्रूट फ्लाई के लिए पालम ट्रैप (ETV Bharat)

फ्रूट फ्लाई को कंट्रोल करता है पालम ट्रैप

कृषि विभाग आत्मा परियोजना सिरमौर के प्रोजेस्ट डायरेक्टर डॉ. साहब सिंह ने बताया कि इन दिनों फ्रूट फ्लाई के अटैक से बचने के लिए किसान अंधाधुंध केमिकल का स्प्रे करते हैं. इससे किसान अपने साथ-साथ जमीन का भी नुकसान कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि फ्रूट फ्लाई पर कंट्रोल करने के लिए ही कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर द्वारा पालम ट्रैप तैयार किया है.

कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर ने तैयार किया ट्रैप

डायरेक्टर डॉ. साहब सिंह ने बताया कि बरसात के मौसम में वेलवर्गीय फसलें जैसे कद्दू, तोरई, घीया, खीरा सहित अमरूद पर फ्रूट फ्लाई का ज्यादा अटैक देखने को मिलता है. इस दौरान नर फल मक्खी इन्हें खराब कर देती हैं. इन्हीं से बचाव के लिए कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर द्वारा तैयार किए गए यह पालम ट्रैप प्रदेश भर में आत्मा परियोजना के तहत किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान में उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. इन्हें खेत में लगाने पर नर फल मक्खियां आकर्षित होकर इसमें फंस जाती हैं. यही नर फल मक्खियां फ्रूट फ्लाई अटैक का बड़ा कारण बनती है.

Palam Trap for Fruit Fly
फ्रूट फ्लाई (ETV Bharat)

लोर नामक दवा का होता है इस्तेमाल

प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. साहब सिंह ने बताया कि ट्रैप के तौर पर खेतों में एक प्लास्टिक की बोतल लगाकर उसमें लोर नामक दवा रखी जाती है, जो इन नर फल मक्खियों को अपनी ओर आकर्षित करती है. उन्होंने बताया कि ट्रैप को लगाने के बाद देखेंगे कि 2 से 3 दिन में काफी संख्या में मक्खियां इसमें एकत्रित हो जाती है. लोर नामक दवा से यह नर फल मक्खियां इसके अंदर जाकर फंसकर मर जाती है. इसके कारण इनका लाइफ सर्किल पूरा नहीं हो पाता और इनकी ग्रोथ भी कम हो जाती है.

पालम ट्रैप की कीमत

डॉ. साहब सिंह ने किसानों से आह्वान किया कि फ्रूट फ्लाई पर कंट्रोल करने के लिए इस पालम ट्रैप का इस्तेमाल करें. कृषि विभाग आत्मा पूरे हिमाचल में इस पर 50 प्रतिशत सब्सिडी भी दे रहा है. इसे लगाना आसान है और इसे लगाने से केमिकल पर होने वाले खर्चे से भी किसान बच जाएंगे. करीब 130 रुपए में यह ट्रैप उपलब्ध हो जाएगी. जिले में किसान इसे कृषि विज्ञान केंद्र धौलाकुआं सिरमौर से भी प्राप्त कर सकते हैं. बता दें कि जिला सिरमौर में भी इन दिनों व्यवसायिक सब्जी उत्पादन किया जाता है और यह पालम ट्रैप फसल सरंक्षण में किसानों के लिए बड़े मददगार साबित हो सकते हैं.

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Last Updated : Jul 28, 2024, 2:26 PM IST
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