गोरखपुर: जासूसी के आरोप में गोरखपुर के जिला जेल में बंद पाकिस्तानी नागरिक 15 साल बाद रिहा होने जा रहा है. दरअसल, विदेश मंत्रालय की तरफ से एनओसी जारी होने के बाद गोरखपुर प्रशासन और जेल प्रशासन ने इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. मोहम्मद मसरूर पिछले 15 साल से जासूसी के आरोप में जेल में बंद है. वह भारत में बिना पासपोर्ट और वीजा के घुसपैठ करने के आरोप में जेल में सजा काट रहा है.
कोर्ट ने सुनाई थी आजीवन कारावास की सजा
बता दें कि मोहम्मद मसरूर को 15 साल पहले बहराइच पुलिस ने नेपाल बॉर्डर के पास शक होने पर गिरफ्तार किया था. उस दौरान उस पर जासूसी के आरोप लगे थे. उस समय कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, लेकिन बाद में जांच में पाया गया कि वह जासूसी मामले में दोषी नहीं है.
कोर्ट ने जारी किए रिहा करने के आदेश
अब कोर्ट ने उसे रिहा करने के आदेश जारी कर दिए हैं, जिसके बाद उसे गोरखपुर जेल से बहराइच भेजा जाएगा. जहां से एलआईयू टीम उसे लेकर दिल्ली जाएगी और सारी औपचारिकता पूरी करने के बाद मशरूर को पाकिस्तानी दूतावास के हवाले कर दिया जाएगा. जहां से उसे पाकिस्तान भेजा जाएगा. वहीं, इसको लेकर जेल अधीक्षक डीके पाण्डेय ने कहा है कि 2008 में नेपाल के रास्ते उसने भारतीय सीमा में प्रवेश किया था. इस दौरान बहराइच पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था. 15 साल बाद कोर्ट के आदेश पर उसे रिहा किया जा रहा है. इसके लिए विदेश मंत्रालय को पत्र भेजा गया था, वहां से एनओसी जारी होने के बाद रिहाई की प्रक्रिया पूरी की जा रही है.
हाईकोर्ट ने मसरूर को पहले ही बरी कर दिया था
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सबूत के अभाव में मोहम्मद मसरूर को जासूसी के मामले में पहले ही बरी कर दिया गया था. रिहाई का आदेश चार महीने पहले ही जारी हुआ था, लेकिन कई अन्य औपचारिकताएं पूरी न हो पाने की वजह से उसकी रिहाई नहीं हो सकी थी. अब विदेश मंत्रालय द्वारा एनओसी जारी कर दिया गया है तो स्थानीय प्रशासन ने भी रिहा करने की तैयारी शुरू कर दी हैं