गयाः कला के क्षेत्र में बिहार के युवा बड़ी-बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर रहे हैं. गया के युवा के द्वारा बनाए गए कलाकृतियों को देश के कई नाम चिह्न प्रदर्शनी अवॉर्ड मिल चुका है. गया में पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाने वाले संग्रहालय निरीक्षक अरविंद महाजन ने कहा कि युवाओं में पेटिंग कला की रुचि बढ़ी है. इसमें कई संस्थान का भी बड़ा योगदान है. खास कर पिचकारी जिसने युवाओं को प्रेरित करने के साथ मंच दिया है.
"ऐसे कलाकार जिन्होंने प्राचीन कला में रुचि रखते हुए पेंटिंग बना रहे हैं. सफलता की राह में रुकावट भी आयी लेकिन कलाकार ने उनसब को पीछे छोड़ आगे बढ़ें. गोल्डन कुमार, अंजली, सिमरन, प्रिय कुमारी ने पेंटिंग बनायी है. इन्होंने कठिनाईयों से संघर्ष कर सफलता प्राप्त किया है." -अरविंद महाजन, संग्रहालय निरीक्षक
तीन साल में बनी एक पेंटिंगः गोल्डन कुमार ने पेंटिंग की कला में बड़ा मुकाम हासिल किया है. गोल्डन कुमार गया के रहने वाले हैं. वाराणसी से फैकेल्टी ऑफ विजुअल आर्ट का कोर्स कर चुके हैं. साइनो पेंटिंग के माध्यम से अपने स्वास्थ्य की पूरी कहानी बयां की है. पेंटिग में बताया गया है कि कैसे जीवन में अस्थिरता हो सकती है. उन्होंने अपनी पेंटिंग के माध्यम से बताया है कि साइनो पेंटिंग एक प्राचीन कला है. पेंटिंग के माध्यम से आयुर्वेद के प्राचीन विधि और उसकी विशेषता का वर्णन किया है.
एक ही पेंटिंग के दो हिस्से हैं. एक फुल कंपोजिशन है, जिस में एक शख्स आयुर्वेद औषधि का इलाज कराने के लिए भर्ती है. आस-पास आयुर्वेद औषधि है. दूसरी तस्वीर में सिर्फ हाथ है, जिसमें अस्थिरता है. सोच और अनुभव को एक पेंटिंग में तीन साल का वक्त लगा. बिहार के इलावे दिल्ली, महाराष्ट्र, हैदराबाद समेत कई राजयों के बड़े प्रदर्शनी में लग चुकी है. करोना काल में स्वास्थ्य बिगड़ा था तभी के चिकित्सा अनुभव को पेंटिंग के माध्यम से दर्शाया है." -गोल्डन कुमार, कलाकार
4 महीने में बनीं 'भावना': कलाकार अंजली पेंटिंग के क्षेत्र में प्रसिद्ध हैं. उन्होंने एक महिला की शक्ति, उसकी कोमलता, प्रेम और ज्वाला प्रतीक पर एक पेंटिंग बनायी है. लोकप्रिय पेंटिंग का नाम भावना रखा है. अंजली ने बताया कि पेंटिंग में बारीकी को समझाने में लंबा वक्त लगा. चार महीने से अधिक समय में उनकी भावना पेंटिंग तैयार हुई थी. यह पेंटिंग लाखों रुपए में बिक चुकी है.
"कला के प्रति हम समर्पित हैं, कला हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है. हमने एक महिला की भावनाओं को, उसकी शक्ति, कोमलता को चित्र के माध्यम से दिखाया है. दुनिया को एक नया नजरिया दिया है. ऐसा नहीं है कि इस में नाम शोहरत और पैसा नहीं है. मिथिला पेंटिंग ने पूरी दुनिया में स्थापित है." -अंजली, पेंटिंग कलाकार
प्रिया कुमारी की पेंटिंग खासः इसी तरह प्रिया कुमारी ने चित्रकला बनाई है. प्रिया कुमारी ने कहा कि जीवन में आसपास की घटनाओं के अनुभव का चित्रण कर समाज को संदेश दिया है. जब थीम समझ में नहीं आती तो आप आसपास के वातावरण, घटनाओं को ऑब्जर्व करें. मेरे घर में बिल्ली है जो अक्सर दूध पर ही धावा बोलती है. वह दूध को गिरा देती है. उसी से आइडिया आया और उसी को अपनी पेंटिंग में चित्रण किया. प्रिया कुमारी की कई और पेंटिंग है.
दूरदर्शन की दुर्दशा: गया कि सिमरन की पेंटिंग मोबाइल और वर्तमान में दर्जनों टीवी चैनलों पर पेंटिंग है, जो काफी प्रसिद्ध है. उन्होंने कहा कि किन कारणों से दूरदर्शन की ऐसी दुर्दशा हुई है. लोग इसको देखते नहीं हैं. इसी आधार पर उसका चित्रण किया है. उन्होंने कहा कि पहले दूरदर्शन हमलोग देखा करते थे, लेकिन समय बदला और आज उसकी चमक फीकी पड़ चुकी है.
दिवसीय कला का प्रदर्शन: ज्ञात हो कि पिचकारी आर्ट्स ग्रुप के माध्यम से नए कलाकारों को मंच देता है. ग्रुप के द्वारा इन कलाकारों को प्रदर्शनी का अवसर देता है. बड़े शहरों में लगने वाले प्रदर्शनी में सहायता करता है. इस बार भी दो दिवसीय कला का प्रदर्शन हुआ है.
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