हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में इस बार 12वीं बोर्ड के तीनों स्ट्रीम की मेरिट में लड़कियों का दबदबा रहा है. तीनों फैकल्टी की मेरिट लिस्ट में प्रदेश के 90 छात्रों ने अपनी जगह बनाई है. वहीं, मेरिट लिस्ट में इस बार लड़कियों ने अपनी कामयाबी के झंडे गाड़ दिए हैं. प्रदेश की लड़कियों ने लड़कों के मुकाबले में 3 गुणा ज्यादा स्थान अपने नाम किए हैं. इसी कड़ी में हमीरपुर जिले की 12वीं कक्षा की छात्रा ज्योति झा ने भी 476 अंकों के साथ मेरिट लिस्ट में आठवां स्थान हासिल किया है.
कॉमर्स फैकल्टी की स्टूडेंट है ज्योति
ज्योति झा हमीरपुर जिले में कन्या स्कूल हमीरपुर में 12वीं कक्षा में कॉमर्स संकाय की छात्रा है. ज्योति झा मूल रूप से बिहार में रहने वाली हैं. जो कि हमीरपुर में अपने परिवार संग रहती हैं और यहीं पर उसने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की. ज्योति ने परीक्षा परिणाम में अव्वल स्थान पाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. ज्योति ने कॉमर्स संकाय में 95.20 प्रतिशत अंक प्राप्त करके मेरिट लिस्ट में अपना नाम बनाया और प्रदेशभर में 8वां स्थान हासिल किया.
6 साल से नहीं गई अपने घर
ज्योति झा ने बताया कि वो सुबह और शाम घर पर काम में मां का हाथ बांटने के बाद पढ़ाई करती थीं. ज्योति के पिता अनिल झा हमीरपुर में पेंटर, जबकि माता कविता देवी निजी दुकान में काम करती हैं. ज्योति ने कहा कि वह भविष्य में सीए बनना चाहती हैं. इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि पढ़ाई को लेकर उन्हें उनकी बड़ी बहन जूली का अहम योगदान रहा. जूली ने उसे पढ़ाई को लेकर प्रेरित किया. पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए वह पिछले छह सालों से बिहार स्थित अपने घर भी नहीं गई है. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने अभिभावकों और अध्यापकों को दिया है. वहीं, दूसरी ओर राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हमीरपुर की प्रिंसिपल पूनम चौहान और स्टाफ सदस्यों ने ज्योति को मेरिट सूची में आने पर शुभकामनाएं एवं बधाई दी है.
20 साल पहले हमीरपुर आए थे माता-पिता
बता दें कि 20 साल पहले ज्योति झा के पिता अनिल झा और माता कविता देवी रोजगार की तलाश में हमीरपुर पहुंचे थे. ज्योति की शुरुआती पढ़ाई हमीरपुर के निजी स्कूल से हुई है. जबकि आठवीं कक्षा के बाद उन्होंने कन्या स्कूल हमीरपुर में दाखिला लिया था. बेटी का नाम मेरिट सूची में आने पर अभिभावकों में खुशी की लहर है. परिवार की खराब आर्थिक हालत के बावजूद ज्योति ने मेहनत के दम पर यह मुकाम हासिल किया है.
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