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हिमालय से दिल्ली जू पहुंचे पेंटेड स्टार्क बने पर्यटकों के आकर्षण के केंद्र - Painted storks reached Delhi Zoo - PAINTED STORKS REACHED DELHI ZOO

Painted storks reached Delhi Zoo: दिल्ली के चिड़ियाघर यानि नेशनव जूलॉजिकल पार्क में हर साल हिमालय की तलहटी से पेंटेड स्टार्क इस मौसम में यहां पहुंचते हैं. ये ठंड के मौसम में यहां प्रवास करेंगे और मार्च तक फिर अपने मूल निवास हिमालय की ओर प्रस्थान कर जाएंगे. दिल्ली जू में इनके प्रवास की मुख्य वजह यहां जू प्रशासन की ओर से इन्हें दिया जाना वाला माहौल और भोजन है, क्योंकि इस मौसम में हिमालय में बर्फ जम जाने से इन्हें भोजन यानी मछलियां नहीं मिल पाती इसलिए ये दिल्ली पहुंच जाते हैं अपने भोजन और प्रजनन के लिए.

दिल्ली ज़ू पहुंचे पेंटेड स्टार्क बने पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र
दिल्ली ज़ू पहुंचे पेंटेड स्टार्क बने पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 15, 2024, 3:17 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क में सैकड़ों की संख्या में हिमालय की तलहटी से पेंटेड स्टार्क यानी चित्रित सारस पहुंचे हुए हैं, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. दिल्ली ज़ू में इन मेहमान पक्षियों के खानपान आदि का पूरा ख्याल रखा जा रहा है, जिससे उन्हें कोई असुविधा न हो. ये पेंटेड स्टार्क मार्च तक दिल्ली ज़ू में रहेंगे. इसके बाद हिमालय की ओर चले जाएंगे, लेकिन ये पेंटेड स्टार्क जब वापस जाएंगे तो तब तक इनकी संख्या दोगुनी हो जाएगी. क्योंकि तब तक ये पेंटेड स्टार्क अंडे देंगे जो विकसित होकर पेंटेड स्टार्क में तब्दील हो जाएंगे.

दिल्ली पुराने किले के पास 176 एकड़ में बना दिल्ली का नेशनल जूलॉजिकल पार्क ( दिल्ली जू) बेहद हराभरा पार्क है. यहां करीब 84 प्रजाति के 1200 से अधिक पशु पक्षी हैं. यहां पर रोजाना हजारों की संख्या में पर्यटक पशु-पक्षियों को देखने के लिए आते हैं. फिलहाल जू में अभी हिमालय की तलहटी में रहने वाले पेंटेड स्टार्क आए हुए हैं. बड़े आकार के ये पक्षी ज़ू में आने वाले पर्यटकों को खूब आकर्षित कर रहे हैं.

सर्दियों में पेटेंड स्टार्क को नहीं मिलता भोजनः दिल्ली जू के डायरेक्टर डॉ. संजीत कुमार ने बताया कि सर्दियों में हिमालय में बर्फ जम जाती है. नदियों का पानी भी जमने लगता है. ऐसे में पेटेंड स्टार्क को वहां भोजन नहीं मिलता है. ये पेंटेड स्टार्क मछलियां खाते हैं. नदियों का पानी जमने के कारण इन्हें मछलियां नहीं मिलती हैं. ऐसे में पेंटेड स्टार्क हिमालय की तलहटी से गर्म क्षेत्र में आ जाते हैं. दिल्ली जू में सैकड़ों की संख्या में पेंटेड स्टार्क आए हुए हैं.

ये भी पढ़ें : अगर आप भी बाघों और चिड़ियों पर करना चाहते हैं रिसर्च, तो आइए दिल्ली चिड़ियाघर

पेटेंड स्टार्क को खाने को दी जा रहीं मछलियां: दिल्ली जू के डायरेक्टर डॉ. संजीत कुमार ने बताया कि दिल्ली जू में जो पेंटेड स्टार्क आए हैं. उन्होंने बबूल के पेड़ों पर घोसला बनाया हुआ है. इसमें उन्होंने अंडे दिए हुए हैं. ये पेंटेड स्टार्क खुद से भी खाना तलाशते हैं. इसके साथ ही दिल्ली ज़ू की तरफ से भी तालाब में रोजाना मछलियां डाली जाती हैं, जिससे वह आसानी से भोजन कर सकें. दिल्ली जू में ज़ू प्रशासन की तरफ से अच्छी व्यवस्था दी जा रही है, जिससे की पेंटेड स्टार्क को कोई परेशानी न हो. उनका प्रजनन अच्छे तरीके से हो. और उनकी संख्या भी वृद्धि हो.

ये भी पढ़ें : हिमालय से दिल्ली पहुंचे हजारों पक्षियों के लिए किए गए विशेष इंतजाम, जानें पक्षियों की मेहमान नवाजी की वजह

नई दिल्लीः दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क में सैकड़ों की संख्या में हिमालय की तलहटी से पेंटेड स्टार्क यानी चित्रित सारस पहुंचे हुए हैं, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. दिल्ली ज़ू में इन मेहमान पक्षियों के खानपान आदि का पूरा ख्याल रखा जा रहा है, जिससे उन्हें कोई असुविधा न हो. ये पेंटेड स्टार्क मार्च तक दिल्ली ज़ू में रहेंगे. इसके बाद हिमालय की ओर चले जाएंगे, लेकिन ये पेंटेड स्टार्क जब वापस जाएंगे तो तब तक इनकी संख्या दोगुनी हो जाएगी. क्योंकि तब तक ये पेंटेड स्टार्क अंडे देंगे जो विकसित होकर पेंटेड स्टार्क में तब्दील हो जाएंगे.

दिल्ली पुराने किले के पास 176 एकड़ में बना दिल्ली का नेशनल जूलॉजिकल पार्क ( दिल्ली जू) बेहद हराभरा पार्क है. यहां करीब 84 प्रजाति के 1200 से अधिक पशु पक्षी हैं. यहां पर रोजाना हजारों की संख्या में पर्यटक पशु-पक्षियों को देखने के लिए आते हैं. फिलहाल जू में अभी हिमालय की तलहटी में रहने वाले पेंटेड स्टार्क आए हुए हैं. बड़े आकार के ये पक्षी ज़ू में आने वाले पर्यटकों को खूब आकर्षित कर रहे हैं.

सर्दियों में पेटेंड स्टार्क को नहीं मिलता भोजनः दिल्ली जू के डायरेक्टर डॉ. संजीत कुमार ने बताया कि सर्दियों में हिमालय में बर्फ जम जाती है. नदियों का पानी भी जमने लगता है. ऐसे में पेटेंड स्टार्क को वहां भोजन नहीं मिलता है. ये पेंटेड स्टार्क मछलियां खाते हैं. नदियों का पानी जमने के कारण इन्हें मछलियां नहीं मिलती हैं. ऐसे में पेंटेड स्टार्क हिमालय की तलहटी से गर्म क्षेत्र में आ जाते हैं. दिल्ली जू में सैकड़ों की संख्या में पेंटेड स्टार्क आए हुए हैं.

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पेटेंड स्टार्क को खाने को दी जा रहीं मछलियां: दिल्ली जू के डायरेक्टर डॉ. संजीत कुमार ने बताया कि दिल्ली जू में जो पेंटेड स्टार्क आए हैं. उन्होंने बबूल के पेड़ों पर घोसला बनाया हुआ है. इसमें उन्होंने अंडे दिए हुए हैं. ये पेंटेड स्टार्क खुद से भी खाना तलाशते हैं. इसके साथ ही दिल्ली ज़ू की तरफ से भी तालाब में रोजाना मछलियां डाली जाती हैं, जिससे वह आसानी से भोजन कर सकें. दिल्ली जू में ज़ू प्रशासन की तरफ से अच्छी व्यवस्था दी जा रही है, जिससे की पेंटेड स्टार्क को कोई परेशानी न हो. उनका प्रजनन अच्छे तरीके से हो. और उनकी संख्या भी वृद्धि हो.

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