शिमला: हिमाचल में आखिरी चरण में 1 जून को चार लोकसभा सहित छह विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान होगा. इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जरूरी दिशा निर्देश जारी किए हैं. इन आदेशों के मुताबिक मतदान के दिन 1 जून को प्रदेश के तहत सभी कार्यालय, बोर्ड, निगम, शिक्षण संस्थान व औद्योगिक प्रतिष्ठानों को अपने कर्मचारियों को मतदान के दिन वेतन सहित छुट्टी देनी होगी. आदेशों की अवहेलना होने पर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा संबंधित संस्थान पर जुर्माना लगाया जाएगा. ऐसे में 1 जून को वेतन सहित अवकाश घोषित किया गया है.
इनको भी मिलेगा वेतन सहित अवकाश
मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने बताया कि मतदान के दिन दैनिक वेतन भोगियों के लिए भी वेतन सहित अवकाश होगा और यह नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1981 की धारा 25 के तहत लागू होगा. उन्होंने कहा कि यह दिशा-निर्देश व्यापारिक एवं औद्योगिक प्रतिष्ठानों के कर्मियों पर भी लागू होंगे. जिन पर नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट लागू नहीं होता है. इसको लेकर हिमाचल सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. उन्होंने कहा कि श्रम आयुक्त एवं चीफ इंस्पेक्टर ऑफ फैक्ट्रीज हिमाचल प्रदेश ने सहायक निदेशक कारखाना, ऊना, सोलन और प्रदेश के सभी श्रम अधिकारियों को इस बारे में निर्देश जारी किए हैं. इसके अनुसार कारखाना निरीक्षणालय ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135-बी के प्रावधान के संबंध में जानकारी दी है, जिसमें मतदान के दिन कर्मचारियों को वेतन सहित अवकाश देने का प्रावधान है.
जिला निर्वाचन अधिकारियों को ये निर्देश जारी
हिमाचल प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों (उपायुक्त) को भी यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि कर्मचारी, विशेषकर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी या असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को भी मतदान के दिन सवेतन अवकाश मिले. मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने कहा कि किसी भी व्यवसाय, व्यापार, औद्योगिक उपक्रम या किसी अन्य प्रतिष्ठान में कार्यरत व्यक्ति, जो लोकसभा या विधानसभा के चुनावों के दौरान वोट देने का हकदार है को मतदान के दिन वेतन सहित अवकाश दिया जाएगा. ऐसे किसी भी व्यक्ति के वेतन में ऐसी छुट्टी के कारण कोई कटौती नहीं की जाएगी. उन्होंने बताया कि यदि कोई नियोक्ता अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जा सकती है.