रायपुर: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के ग्राफ में इजाफा हो रहा है. पूरे प्रदेश में सुगमता के साथ किसान धान बेच रहे हैं. अब तक सूबे में 45.78 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है. कुल 9.79 लाख किसानों ने अपने धान का विक्रय किया है. सरकार ने किसानों को अब तक 10001 करोड़ रूपए से अधिक का पेमेंट किया है. धान रीदी के लिए सरकार ने प्रदेश में हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. 0771-2425463 पर किसान फोन कॉल कर अपनी समस्या बता सकते हैं.
छत्तीसगढ़ में धान उठाव की स्थिति: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी में तेजी है. इसके साथ ही धान का उठाव भी समुचित तरीके से हो रहा है. अब तक पूरे प्रदेश में 2.51 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव किया गया है. इसके लिए डीओ जारी किया गया है. 51 हजार मीट्रिक टन धान का हुआ उठाव अब तक हो चुका है. बुधवार को साय कैबिनेट की बैठक में कस्टम मिलिंग को लेकर साय सरकार ने फैसला किया. जिसके तहत कस्टम मिलिंग के भुगतान की राशि जारी की गई. कस्टम मिलिंग की राशि में भी इजाफा किया गया.
कितने किसानों ने कराया पंजीयन?: छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी के लिए कुल 27.68 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल हैं. धान खरीदी के लिए राज्य में कुल 2739 उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं. सरकार ने 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है. 12 दिसंबर को कुल 67479 किसानों से 2.66 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है. 92 हजार से ज्यादा टोकन जारी किए गए. 13 दिसंबर के लिए कुल 93160 टोकन जारी हुए हैं.
अवैध धान परिवहन पर प्रशासन सख्त: धान खरीदी के दौरान छत्तीसगढ़ में अवैध धान का परिवहन तेज हो जाता है. इस समस्या को लेकर भी प्रशासन सख्त है. कवर्धा में 12 दिसंबर को जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए कुल 88 क्विंटल अवैध धान को जब्त किया. यह धान एमपी से लाया जा रहा था. मध्यप्रदेश के बिटली और मंडाई गांव से छत्तीसगढ़ धान को लेकर आया गया था. रेंगाखार क्षेत्र की समितियों में इस धान को बेचने की तैयारी थी. उससे पहले जिला प्रशासन ने तेज गति से कार्य करते हुए अवैध धान के तस्करों पर शिकंजा कस दिया.
मंडी अधिनियम के तहत हमने कार्रवाई करते हुए कुल 88 क्विंटल धान को जब्त किया है. ऐसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. राज्य में औचक निरीक्षण और निगरानी लगातार जारी रहेगी-पवन शर्मा, मंडी निरीक्षक, कवर्धा
कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ में धान तिहार को लेकर शासन प्रसासन बेहद गंभीर है. किसानों की हितों की रक्षा के लिए साय सरकार ने सारे प्रयास किए हैं. किसानों से लगातार धान खरीदी हो रही है. बैंक लिंकिंग के जरिए किसानों को धान का भुगतान भी हो रहा है.