मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में अधिशासी अधिकारी ने मसूरी नगर पालिका में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारी रखे जाने के लिए टेंडर प्रक्रिया की. जिसका पालिका के कर्मचारियों ने विरोध किया. भारी हंगामे और कर्मचारियों की चेतावनी को देखते हुए आउटसोर्सिंग टेंडर प्रक्रिया निरस्त कर दी गई है. जिसके बाद कर्मचारियों ने अपना आंदोलन का समाप्त कर दिया है.
अधिशासी अधिकारी तनवीर मारवाह ने कहा शासन प्रशासन के द्वारा प्राप्त निर्देशों और 2015 का नगर निकाय के स्ट्रक्चर के अनुसार आउटसोर्सिंग से कई पद भरे जाने हैं. जिसको लेकर पालिका प्रशासन द्वारा आउटसोर्सिंग एजेंसी को लेकर टेंडर प्रक्रिया कि जा रही थी. उन्होंने कहा अभी तक मसूरी नगर पालिका में आउटसोर्सिंग को लेकर कोई नामित ठेकेदार नहीं था. मसूरी में सफाई व्यवस्था देख रही कीन संस्था के माध्यम से आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को रखा जाता रहा है. ये अनियमितता है. यह मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया.
जिसके बाद उनके निर्देशों के बाद मसूरी में आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर टेंडर प्रक्रिया की जा रही थी. उन्होंने कहा कीन संस्था का काम सिर्फ सफाई का ठेका है. वह आउटसोर्स एजेंसी नहीं है. जिसके कारण न तो कर्मचारियों का पीएफ, ईएसआई सहित अन्य सुविधा नहीं मिल पा रही है. उन्होंने कहा शासनादेश के अनुसार संविदा कर्मचारियों को ₹500 प्रति दिन मानदेय नहीं मिल पा रहा था. जिसको लेकर मसूरी नगर पालिका में कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए आउटसोर्सिंग का टेंडर 11 महीने के लिए निकाला गया. उन्होंने कहा पालिका के कर्मचारियों में आउटसोर्सिंग का टेंडर को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी.
उन्होने कहा जो कर्मचारी कीन संस्था के माध्यम से लगाये गए थे उन्हें नियमों के अनुसार लाये जाने को लेकर टेंडर प्रक्रिया की जा रही थी. जिससे उनको नियमों के अनुसार मानदेय और अन्य सुविधा मिल सके.उन्होंने कहा कर्मचारियों के आक्रोश को देखते हुए फिलहाल टेंडर को निरस्त कर दिया गया है. उच्च अधिकारियों के सामने इस पूरे मामले को रखा जाएगा. सभी कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करने के बाद आउटसोर्सिंग का टेंडर किये जाने को लेकर निर्णय लिया जाएगा.
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