मंडी: जुलाई महीने के अंत से मंडी जिला के पधर, जोगिंद्रनगर और लड़भड़ोल में पीलिया की चपेट में हैं. सिविल हॉस्पिटल जोगिंद्रनगर में इन क्षेत्रों से अभी तक पीलिया के 227 मामले सामने आ चुके हैं. 171 मरीजों को अस्पताल में उपचार देने के बाद उन्हें घर भेज दिया गया है, जबकि 17 लोग ऐसे हैं जिन्हें उपचार के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज या अन्य बड़े स्वास्थ्य संस्थानों के लिए रेफर किया गया है.
सिविल हॉस्पिटल जोगिंद्रनगर में पीलिया के 37 मरीज उपचाराधीन हैं. अभी तक पीलिया से 4 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन प्रशासन ने सिर्फ 2 मौतों को ही आंकड़ों में शामिल किया है. 2 लोग ऐसे थे जिन्हें पूर्ण रूप से पीलिया ही था और उनकी पीलिया के कारण ही मौत हुई है, जबकि बाकी दो लोगों में अन्य बीमारियों के लक्षण भी थे, जिससे यह तय नहीं किया जा सकता कि उनकी मौत सिर्फ पीलिया से ही हुई हैं.
एडीसी मंडी रोहित राठौर ने बताया कि, 'जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में सभी पेयजल स्त्रोतों की जांच करवाने के साथ ही टैंकों की साफ-सफाई भी करवा दी है. पीलिया ग्रसित लोगों की पहचान के लिए टीमों को घर-घर भेजा जा रहा है. इन्होंने लोगों से पीलिया के शुरूआती लक्षण दिखने पर तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर जांच करवाने की अपील की है. साथ ही यह आह्वान भी किया है कि इस स्थिति में किसी झाड़-फूंक वाले के पास न जाकर बेहतरीन स्वास्थ्य उपचार ही लें.'
मंडी जिला प्रशासन ने लोगों से बरसात के इस मौसम में अपने स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन, साफ-सुथरे और ताजे खान-पान की सलाह दी है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक लोग पीने के लिए उबले हुए पानी का ही इस्तेमाल करें और जितना संभव हो सके बाहर के खाने से परहेज करें. यदि कहीं पर भी किसी जल स्त्रोत में गड़बड़ी नजर आती है तो तुरंत इसकी सूचना संबंधित विभाग या प्रशासन को दें. प्रशासन की ओर से पीलिया की रोकथाम के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं.
बता दें कि इन दिनों सिविल हॉस्पिटल जोगिंद्रनगर में मरीजों की भारी भीड़ उमड़ रही है. मंडी से विशेषज्ञ भी जोगिंद्रनगर भेजे जा रहे हैं. कम लक्षण वाले मरीजों को दवाईयां और सुझाव देकर घर भेज दिया जा रहा है, जबकि गंभीर लक्षण वालों को एडमिट करके उपचार दिया जा रहा है.
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