झालावाड़. राजस्थान के झालावाड़ मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल से रविवार को ब्रेनडेड हो चुके एक युवक की दोनों किडनी और लीवर को ट्रांसप्लांट के लिए जयपुर और जोधपुर स्थित ट्रांसप्लांट सेंटर ले जाया जा रहा है. ये ऑर्गनन्स डॉक्टर की विशेष निगरानी में सड़क मार्ग से जयपुर और जोधपुर स्थित एम्स में कुछ घंटे बाद पहुंचे. इसके लिए बाकायदा प्रदेश सरकार की अनुमति लेकर झालावाड़ से जोधपुर और जयपुर के लिए ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण भी किया गया है, जिसके लिए हाईवे के वन साइड ट्रैफिक को रोका गया, ताकि समय रहते युवक के ऑर्गन्स ट्रांसप्लांट सेंटर तक सुरक्षित पहुंचाए जा सके. इसके बाद ऑर्गन्स को संबंधित व्यक्ति में ट्रांसप्लांट कर किसी व्यक्ति का जीवन सुरक्षित किया जा सकेगा.
जिला अस्पताल अधीक्षक संजय पोरवाल और मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर साजिद खान ने जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार को उन्हेल थाना क्षेत्र के 30 वर्षीय भूरिया निवासी बामन देवरिया को चोट लगने के बाद गंभीर हालत में परिजनों की ओर से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान डॉक्टर ने पाया कि सिर में गंभीर चोट लग जाने के कारण युवक का ब्रेनडेड हो चुका है. बाद में इसकी सूचना मृतक युवक भूरिया के परिजनों को दी गई. इसके बाद जिला अस्पताल प्रशासन की ओर से अंग प्रत्यारोपण के लिए गठित कमेटियां नोटो और सोटो से संपर्क कर अंग को रिट्रीएवल करने की लीगल परमिशन ली गई. इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने मृतक युवक के परिजनों को मृतक भूरिया के अंगदान के लिए प्रेरित किया और उनकी सहमति ली.
दो दर्जन से अधिक डॉक्टरों की टीम जुटी थी : अस्पताल अधीक्षक संजय पोरवाल ने बताया कि ब्रेन डेड हो चुके युवक के अंगदान करने के लिए अंगों को सुरक्षित निकाला जाना था. इसके लिए बाकायदा प्रदेश के 45 डॉक्टरों की टीम लगातार शनिवार से ही पेशेंट की मॉनीटरिंग कर रही थी. इस दौरान युवक के ऑर्गन्स पर कई टेस्ट किए गए और उनकी रिपोर्ट्स को अंग प्रत्यारोपण केंद्र जयपुर और जोधपुर एम्स को भेजा गया है.
मृतक युवक का किया गया एपनिया टेस्ट : डॉक्टर साजिद खान ने बताया कि सिर में चोट लगने की वजह से मृत हो चुके युवक का दो बार एपनिया टेस्ट किया गया. उन्होंने बताया कि ब्रेन डेड के लिए यह टेस्ट किया जाता है, जिसके बाद ही अंग को रिट्रीएवल करने की परमिशन ली जाती है. मृतक भूरिया के ऑर्गन्स को डोनेट करने के बाद प्रदेश में झालावाड़ मेडिकल कॉलेज दूसरा रिट्रीएवल सेंटर बना है और संभाग में यह पहला रिट्रीएवल सेंटर होगा. उन्होंने बताया कि युवक का ब्रेनडेड होने के बाद उसके ऑर्गन्स कुछ घंटे तक जीवित रहते हैं. अगर समय रहते इन ऑर्गन्स को निकालकर किसी अन्य व्यक्ति में ट्रांसप्लांट किया जाए तो उसके जीवन को सुरक्षित किया जा सकता है.
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मृतक युवक का सम्मान से होगा अंतिम संस्कार : अस्पताल अधीक्षक संजय पोरवाल ने बताया कि अंगदान कर चुके युवक भूरिया का रविवार को सम्मान पूर्वक अंतिम संस्कार किया जाएगा. इसके लिए बाकायदा जिला प्रशासन और स्थानीय प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है. इसके साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी इसकी सूचना दी गई है.
जोधपुर और जयपुर से पहुंची डॉक्टर की टीम : अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि भूरिया के अंगों को जयपुर और जोधपुर एम्स में ट्रांसप्लांट के लिए ले जाने के लिए डॉक्टरों की टीम शनिवार शाम को ही झालावाड़ पहुंच गई थी और लगातार पेशेंट के ऑर्गन्स की मॉनिटरिंग की जा रही थी. उन्होंने बताया कि इस जटिल प्रक्रिया के बाद रविवार को युवक के अंगों को निकाल लिया गया है और उन्हें फ्रोजन कर जयपुर और जोधपुर के लिए रवाना कर दिया गया है, जहां कुछ घंटों के बाद इन अंगों को किसी अन्य व्यक्ति में ट्रांसप्लांट कर उसके जीवन को सुरक्षित किया जा सकेगा.