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मनोचिकित्सा के नए विकल्पों पर चर्चा के लिए जुटे देशभर के विशेषज्ञ, मानसिक स्वास्थ्य पर हुआ चिंतन - Phycologist National Workshop

Workshop For Psychiatrists, भारत के मनोचिकित्सकों के लिए क्लिनिकल प्रैक्टिस गाइडलाइन्स वर्कशॉप का शनिवार को जयपुर में किया गया. कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने किया. भारतीय मनोचिकित्सा परिषद ने डॉ. शिव गौतम को इस कमेटी के अध्यक्ष के पद पर मनोनीत किया है.

Phycologist National Workshop
जयपुर में जुटे देश भर के मनोचिकित्सक (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 10, 2024, 9:53 PM IST

किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर : इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी, गौतम हॉस्पिटल और इंस्टिट्यूट ऑप बिहेवियरल साइंसेज जयपुर की तरफ से शनिवार को देशभर के जाने माने मनोचिकित्सक जयपुर में जमा हुए. जहां मनोरोगियों के इलाज को लेकर नए तरीकों और उपायों पर चर्चा की गई. इस साल क्लिनिकल प्रैक्टिस गाइडलाइन्स "मनोव्याधियों में बेहतर अनुभूति के लिए आंकलन और उपचार" विषय पर बनाई जा रही है.

देश भर के 50 से अधिक विशेषज्ञों ने इस कार्यशाला में भाग लिया और अपने रिसर्च पेपर पेश किए. जयपुर में हुई वर्कशॉप के प्रमुख बिंदुओं को इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी की तरफ से इंडियन जर्नल ऑफ साइकाइट्री में प्रकाशित करने के लिए भेजा जाएगा. गौरतलब है कि क्लिनिकल प्रैक्टिस गाइडलाइन एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है. यह सभी मनोचिकित्सकों को एक गाइडलाइन के रूप में काम करता है. यह बताता है कि किस बीमारी में किस तरह की दवा का उपयोग करना चाहिए और इलाज कैसे करना चाहिए. यह दस्तावेज मनोचिकित्सकों को बेहतर तरीके से इलाज करने में मदद करता है.

पढ़ें : 64 साल पुराने रेलवे वर्कशॉप में तैयार होंगे मालगाड़ी के डिब्बे, अपग्रेड करने में खर्च हुए 83 करोड़ रुपये

मानसिक रोगियों की बेहतर सोच पर जोर : देशभर से लिए मनोज चिकित्सकों की इस वर्कशॉप में मानसिक रोगियों को महसूस होने वाली भावनाओं को बेहतर बनाने के लिए इलाज के नए रास्ते तलाशने पर बात हुई थी. मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े 15 अलग-अलग विषय दो दिन के इस कार्यशाला में रखे गए. मुंबई से आई डॉक्टर अविनाश डिसूजा ने बताया कि वह हाइपर एक्टिव बच्चों की मनोस्थिति के बारे में इस सेशन के जरिए गाइडलाइन तैयार करके बताएंगे. जिसमें बच्चों के पूर्ण कौशल विकास के लिए दवाइयां और थैरेपी के जरिए इलाज के नए रास्तों के बारे में बताएंगे.

बढ़ते मनोविकार चिंता का मुद्दा - दिलावर : शिक्षा मंत्री मदन दिलावर जी ने वर्तमान में बढ़ते मनोविकारों के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे देश की जनसंख्या बहुत बड़ी है, लेकिन मनोचिकित्सकों की संख्या बहुत कम है. आंकड़ों की बात कर, तो प्रति एक लाख जनसंख्या पर भारत में अभी 0.75 मनोचिकित्सक है. इस कारण से बहुत से लोग मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित होते हुए भी इलाज नहीं करवा पाते हैं. यह एक गंभीर स्थिति है.

देशभर के मनोचिकित्सकों ने पढ़े रिसर्च पेपर : भारतीय मनोचिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ. शिव गौतम ने बताया कि इस कार्यशाला में देश भर से करीब 70 मनोचिकित्सा विशेषज्ञ मौजूद रहे. जिनमें इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी के सचिव डॉ. अमृत पत्तोंजोशी भुवनेश्वर, डॉ. विहांग वाहिया मुंबई, डॉ. देबादत्त महापात्रा उड़ीसा, डॉक्टर संदीप ग्रोवर चंडीगढ़, डॉक्टर अलीम सिद्दीकी लखनऊ, डॉक्टर अलका सुब्रमण्यम मुंबई, डॉ. नवेन्दु गौर अजमेर, डॉ. मनीषा गौर अजमेर, डॉ. मनस्वी गौतम, डॉ. अनीता गौतम, डॉक्टर पीटी शिवकुमार बेंगलुरु, डॉ. मुरलीधर केशवन बेंगलुरु, डॉ. सत्यराज वेल्लोर चेन्नई, डॉ. सुरेश बडामठ बैंगलोर, डॉ. समीर कुमार प्रहराज कर्नाटक, अविनाश डिसूजा मुंबई, डॉ. ओपी सिंह कोलकाता और सुभमोहन सिंह चंडीगढ़ ने अपने रिसर्च पेपर पढ़े.

किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर : इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी, गौतम हॉस्पिटल और इंस्टिट्यूट ऑप बिहेवियरल साइंसेज जयपुर की तरफ से शनिवार को देशभर के जाने माने मनोचिकित्सक जयपुर में जमा हुए. जहां मनोरोगियों के इलाज को लेकर नए तरीकों और उपायों पर चर्चा की गई. इस साल क्लिनिकल प्रैक्टिस गाइडलाइन्स "मनोव्याधियों में बेहतर अनुभूति के लिए आंकलन और उपचार" विषय पर बनाई जा रही है.

देश भर के 50 से अधिक विशेषज्ञों ने इस कार्यशाला में भाग लिया और अपने रिसर्च पेपर पेश किए. जयपुर में हुई वर्कशॉप के प्रमुख बिंदुओं को इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी की तरफ से इंडियन जर्नल ऑफ साइकाइट्री में प्रकाशित करने के लिए भेजा जाएगा. गौरतलब है कि क्लिनिकल प्रैक्टिस गाइडलाइन एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है. यह सभी मनोचिकित्सकों को एक गाइडलाइन के रूप में काम करता है. यह बताता है कि किस बीमारी में किस तरह की दवा का उपयोग करना चाहिए और इलाज कैसे करना चाहिए. यह दस्तावेज मनोचिकित्सकों को बेहतर तरीके से इलाज करने में मदद करता है.

पढ़ें : 64 साल पुराने रेलवे वर्कशॉप में तैयार होंगे मालगाड़ी के डिब्बे, अपग्रेड करने में खर्च हुए 83 करोड़ रुपये

मानसिक रोगियों की बेहतर सोच पर जोर : देशभर से लिए मनोज चिकित्सकों की इस वर्कशॉप में मानसिक रोगियों को महसूस होने वाली भावनाओं को बेहतर बनाने के लिए इलाज के नए रास्ते तलाशने पर बात हुई थी. मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े 15 अलग-अलग विषय दो दिन के इस कार्यशाला में रखे गए. मुंबई से आई डॉक्टर अविनाश डिसूजा ने बताया कि वह हाइपर एक्टिव बच्चों की मनोस्थिति के बारे में इस सेशन के जरिए गाइडलाइन तैयार करके बताएंगे. जिसमें बच्चों के पूर्ण कौशल विकास के लिए दवाइयां और थैरेपी के जरिए इलाज के नए रास्तों के बारे में बताएंगे.

बढ़ते मनोविकार चिंता का मुद्दा - दिलावर : शिक्षा मंत्री मदन दिलावर जी ने वर्तमान में बढ़ते मनोविकारों के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे देश की जनसंख्या बहुत बड़ी है, लेकिन मनोचिकित्सकों की संख्या बहुत कम है. आंकड़ों की बात कर, तो प्रति एक लाख जनसंख्या पर भारत में अभी 0.75 मनोचिकित्सक है. इस कारण से बहुत से लोग मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित होते हुए भी इलाज नहीं करवा पाते हैं. यह एक गंभीर स्थिति है.

देशभर के मनोचिकित्सकों ने पढ़े रिसर्च पेपर : भारतीय मनोचिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ. शिव गौतम ने बताया कि इस कार्यशाला में देश भर से करीब 70 मनोचिकित्सा विशेषज्ञ मौजूद रहे. जिनमें इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी के सचिव डॉ. अमृत पत्तोंजोशी भुवनेश्वर, डॉ. विहांग वाहिया मुंबई, डॉ. देबादत्त महापात्रा उड़ीसा, डॉक्टर संदीप ग्रोवर चंडीगढ़, डॉक्टर अलीम सिद्दीकी लखनऊ, डॉक्टर अलका सुब्रमण्यम मुंबई, डॉ. नवेन्दु गौर अजमेर, डॉ. मनीषा गौर अजमेर, डॉ. मनस्वी गौतम, डॉ. अनीता गौतम, डॉक्टर पीटी शिवकुमार बेंगलुरु, डॉ. मुरलीधर केशवन बेंगलुरु, डॉ. सत्यराज वेल्लोर चेन्नई, डॉ. सुरेश बडामठ बैंगलोर, डॉ. समीर कुमार प्रहराज कर्नाटक, अविनाश डिसूजा मुंबई, डॉ. ओपी सिंह कोलकाता और सुभमोहन सिंह चंडीगढ़ ने अपने रिसर्च पेपर पढ़े.

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