गिरिडीह: दिल्ली को कोलकाता से जोड़ने वाली नेशनल हाईवे हमेशा से ही आर्थिक अपराधियों की पसंद रही है. कहा जाता है कि इस मार्ग पर अनगिनत वाहनों की भीड़ के बीच में प्रतिबंधित सामानों को मालगाड़ी में छुपाकर एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश तक पहुंचाना ज्यादा आसान है. यही कारण है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के द्वारा प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली को इसी मार्ग के माध्यम पश्चिम बंगाल से धनबाद फिर गिरिडीह के डुमरी-बगोदर होते हुए बिहार, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों तक पहुंचाया जा रहा है. यह धंधा संगठित गिरोह के द्वारा चल रहा है. इस प्रतिबंधित मछली से लदे मालवाहक की पासिंग करवाने के लिए भी इस नेशनल हाइवे पर एक गिरोह सक्रिय है.
बंगाल-बांग्लादेश के बॉर्डर पर होता है पालन
बताया जाता है कि इस मछली का पालन पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के बॉर्डर इलाके में ज्यादा किया जाता है. चूंकि यूपी-बिहार में यह मछली 300 से 400 रुपये किलो तक बिकती है. जबकि मछली पालन इलाकों में 50 से 70 रुपये किलो मिलती है. ऐसे में प्रतिबंध के बावजूद इसका पालन और तस्करी की जाती है. बताया जाता है कि इस मछली का विकास काफी तेजी से होता है. चार महीने में ही यह मछली दो से तीन किलो तक बड़ी हो जाती है. ऐसे में कम लागत और मुनाफा अधिक होने के कारण भी इसका पालन और तस्करी होती है. जबकि इस मछली के सेवन से कैंसर तक का खतरा रहता है.
दो दिनों में पकड़े गए तीन मालवाहक
पिछले दो दिनों के अंदर गिरिडीह एसपी डॉ बिमल कुमार और डुमरी एसडीपीओ सुमित कुमार को मिली सूचना पर तीन ट्रकों को पकड़ा गया, जिसमें थाई मांगुर बरामद किया गया. दो ट्रक डुमरी थाना पुलिस ने तो एक ट्रक निमियाघाट थाना की पुलिस ने पकड़ा. पुलिस के मुताबिक पकड़े गए वाहनों में 7-7 क्विंटल मांगुर मछलियां लोड थी. एक वाहन में मछली का जीरा (बच्चा) लोड किया गया था. इस मामले में निमियाघाट थाना पुलिस ने तीन लोगों को जेल भेजा है. जिन्हें जेल भेजा गया है उनमें चालक दक्षिणी 24 परगना ( पश्चिम बंगाल ) निवासी आलोक कुमार माझी, खलासी तरूण कुमार, व्यापारी कोलकाता निवासी मोहेश धड़ा शामिल है. इस मामले में ट्रक मालिक को भी आरोपी बनाया है. वहीं, दूसरी तरफ डुमरी पुलिस पांच लोगों से पूछताछ कर रही है.
पासिंग करवाने वालों की छानबीन जारी
वाहनों के साथ पकड़े गए आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है. यह पता लगाया गया है कि कहां से मछलियों को लोड किया गया था, किन लोगों ने मछलियां लोड करवाई थी, मछली को कहां ले जाया जा रहा था. गिरिडीह जिले में पासिंग करवाने में कौन-कौन लोग शामिल हैं. पूछताछ में दौरान मिली जानकारी के तहत पुलिस आगे की जांच में जुट गई है.
क्या कहते हैं स्थानीय
इधर, मछलियों की तस्करी को लेकर डुमरी प्रखंड के रहने वाले बिनोद महतो का कहना है कि प्रतिबंधित मछलियों की तस्करी पर रोकथाम के लिए स्थानीय लोग भी सक्रिय हैं. जब ऐसे अवैध वाहन को लेकर सूचना मिलती है तो प्रशासन को सहयोग भी किया जाता है. दो दिनों में ग्रामीणों का पूरा सहयोग प्रशासन को मिला है. उन्होंने कहा कि इन मछलियों की तस्करी में मंडल गिरोह का भी हाथ है. ऐसे मछलियों के कई वाहन में इसी तरह के गिरोह का पासिंग बिल्टी भी रहता है. ऐसे मछलियों को गिरिडीह के रास्ते यूपी, बिहार, हरियाणा भेजने में पूरा सिंडिकेट लगा हुआ है. उन्होंने कहा कि यहां के लोग इस गिरोह का खुलासा करने की मांग कर रहे हैं. पुलिस की तरफ से सकारात्मक भरोसा मिला है.
हर वक्त मुस्तैद है पुलिस: एसडीपीओ
डुमरी के एसडीपीओ सुमित कुमार कहते हैं कि थाई मांगुर मछली के मार्ग से गुजरने की जब भी सूचना मिली है तो त्वरित कार्रवाई की गई है. तीन माह पहले भो दो ट्रक से मांगुर मछली को पकड़ा गया था. इस बार भी सूचना पर कार्रवाई हुई और ट्रकों को पकड़ा गया. उन्होंने कहा कि इस तरह के अवैध कारोबार में शामिल और गिरिडीह के रास्ते पासिंग करवाने वालों की पहचान की जा रही है.
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