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इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विपक्षी दलों ने किया स्वागत, कांग्रेस ने केंद्र सरकार का फूंका पुतला - इलेक्टोरल बॉन्ड

Supreme Court decision. इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विपक्ष के नेताओं ने स्वागत किया है. विपक्ष ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया है. फैसले को लेकर भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.

नOpposition parties welcomed Supreme Court decision on electoral bonds
नOpposition parties welcomed Supreme Court decision on electoral bonds
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 16, 2024, 7:29 AM IST

रांची: देश के राजनीतिक दलों को एसबीआई के इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा दिए जाने के प्रावधान को उच्चतम न्यायालय द्वारा असंवैधानिक करार दिए जाने के फैसले से राज्य की भाजपा विरोधी पार्टियां खासा उत्साहित नजर आ रही है. फैसले के बाद जहां मीडिया संवाद कर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भाजपा, केंद्र सरकार के साथ साथ ईडी पर हमला बोला तो शाम होते होते कांग्रेस के नेताओं ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए केंद्र सरकार का पुतला फूंका. इसके साथ साथ वाम दल और राजद की ओर से भी सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को अहम बताते हुए इसे लोकतंत्र का कवच तक करार दिया गया.

कांग्रेस ने फूंका पुतला

चुनावी बॉन्ड पर सर्वोच्च न्यायालय के संवैधानिक पीठ के फैसले को चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी के सपनों पर हथौड़ा प्रहार बताते हुए कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि कॉर्पाेरेट घरानों के काले धन को सफेद करने के मोदी के सपने आज चकनाचूर हो गए हैं. जिसका पूरा देश स्वागत कर रहा है.

प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से अल्बर्ट एक्का चौक तक जुलूस

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर खुशी जताते हुए पार्टी कार्यालय से परमवीर अल्बर्ट एक्का चौक तक जुलूस निकाला और फिर वहीं पर मोदी सरकार का पुतला फूंका. पुतला दहन के बाद कार्यकर्ताओं एवं आम जनता को संबोधित करते हुए राजेश ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार की बहुत प्रतिक्षित काला धन रूपांतरण योजना यानी चुनावी बांड को देश में वित्त विधेयक के रूप में पेश किया गया था. उस पर उच्चतम न्यायालय के फैसले ने पानी फेर दिया है.

2017 में जब इसे विधेयक के रूप में पेश किया गया था तब से कांग्रेस इसके अपारदर्शी और अलोकतांत्रिक स्वरूप का विरोध कर रही थी. कांग्रेस शुरू से इलेक्टोरल बॉन्ड को देश के लिए हानिकारक और मोदी सरकार द्वारा काले धन को चुनावी चंदे के रूप में प्राप्त करने का एक कारगर हथियार मान रही थी. कांग्रेस ने इससे देश की जनता को अवगत कराते हुए संसद के भीतर और संसद के बाहर सड़कों पर अपनी पूरी क्षमता से लड़ाई जारी रखी थी. आज सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से यह साबित हो गया कि कांग्रेस इसका जो विरोध कर रही थी वह सही था.

राजेश ठाकुर ने कहा कि इस विधेयक से लोकतांत्रिक ढांचे के स्वरूप में बदलाव की प्रारंभिक कोशिश की गई थी, परंतु 7 वर्षों के संघर्ष के बाद उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले से संघीय व्यवस्था को ध्वस्त होने से बचा लिया. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की सभी सीमाओं को पार कर इस बांड के जरिए भाजपा ने कितना चंदा कॉर्पोरेट घरानों से प्राप्त किया उसे जनता को जानने का हक है और देर सबेर इसका खुलासा भी होगा. कांग्रेस नेता ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड का फायदा उठाकर भ्रष्टाचारी मोदी सरकार ने अपने मित्र कॉर्पोरेट घरानों से अरबों रूपये काला धन चंदा के रूप में प्राप्त किया होगा जिसका खुलासा होना चाहिए.

कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि चुनावी बॉन्ड को कानून का जामा पहना कर भाजपा ने उद्योगपतियों की नाजायज काली कमाई से अवैध वसूली का नया तरीका ईजाद किया था जो अब पूरी तरह ध्वस्त हो गया है. वहीं पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा कि विगत 7 वर्षों से अवैध चुनावी बॉन्ड द्वारा जुटाए गए चंदे से भारतीय चुनाव प्रणाली प्रभावित हो रही थी और चुनावी बॉन्ड के जरिए काले धन का प्रवाह चुनावी राजनीति में हो रहा था अब उस पर सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि आखिर क्या कारण है कि चुनावी बॉन्ड के जरिए जुटाए गए धन का लगभग 90- 95 % धन भाजपा के पास गया और बाकी राजनीतिक दलों के पास सिर्फ 5% से 10% राशि ही गई.

भाकपा माले ने इलेक्टोरल बांड स्कीम रद्द करने का किया स्वागत

भाकपा माले ने भाजपा सरकार की लोकतंत्र विरोधी इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को रद्द करने के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है. माले के राज्य सचिव मनोज भक्त ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को कौन एवं कितना चंदा दे रहा है, यह जानने का भारत के मतदाताओं को पूरा अधिकार है लेकिन पीएम मोदी ने जनता का यह अधिकार भी छिन लिया था. इलेक्टोरल बॉड के जरिये पूंजीपतियों से गुप्त रूप से राजनीतिक दलों को असीमित राशि का चंदा देने का प्रावधान बनाया गया था. यह क्रोनीवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ाने वाली लोकतंत्र के लिये बेहद घातक कार्रवाई थी. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से लोकतंत्र मजबूत होगा और अब जो आदेश चुनाव आयोग को दिया है उससे असंवैधानिक इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से मिले चंदे का भी खुलासा होगा.

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रांची: देश के राजनीतिक दलों को एसबीआई के इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा दिए जाने के प्रावधान को उच्चतम न्यायालय द्वारा असंवैधानिक करार दिए जाने के फैसले से राज्य की भाजपा विरोधी पार्टियां खासा उत्साहित नजर आ रही है. फैसले के बाद जहां मीडिया संवाद कर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भाजपा, केंद्र सरकार के साथ साथ ईडी पर हमला बोला तो शाम होते होते कांग्रेस के नेताओं ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए केंद्र सरकार का पुतला फूंका. इसके साथ साथ वाम दल और राजद की ओर से भी सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को अहम बताते हुए इसे लोकतंत्र का कवच तक करार दिया गया.

कांग्रेस ने फूंका पुतला

चुनावी बॉन्ड पर सर्वोच्च न्यायालय के संवैधानिक पीठ के फैसले को चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी के सपनों पर हथौड़ा प्रहार बताते हुए कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि कॉर्पाेरेट घरानों के काले धन को सफेद करने के मोदी के सपने आज चकनाचूर हो गए हैं. जिसका पूरा देश स्वागत कर रहा है.

प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से अल्बर्ट एक्का चौक तक जुलूस

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर खुशी जताते हुए पार्टी कार्यालय से परमवीर अल्बर्ट एक्का चौक तक जुलूस निकाला और फिर वहीं पर मोदी सरकार का पुतला फूंका. पुतला दहन के बाद कार्यकर्ताओं एवं आम जनता को संबोधित करते हुए राजेश ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार की बहुत प्रतिक्षित काला धन रूपांतरण योजना यानी चुनावी बांड को देश में वित्त विधेयक के रूप में पेश किया गया था. उस पर उच्चतम न्यायालय के फैसले ने पानी फेर दिया है.

2017 में जब इसे विधेयक के रूप में पेश किया गया था तब से कांग्रेस इसके अपारदर्शी और अलोकतांत्रिक स्वरूप का विरोध कर रही थी. कांग्रेस शुरू से इलेक्टोरल बॉन्ड को देश के लिए हानिकारक और मोदी सरकार द्वारा काले धन को चुनावी चंदे के रूप में प्राप्त करने का एक कारगर हथियार मान रही थी. कांग्रेस ने इससे देश की जनता को अवगत कराते हुए संसद के भीतर और संसद के बाहर सड़कों पर अपनी पूरी क्षमता से लड़ाई जारी रखी थी. आज सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से यह साबित हो गया कि कांग्रेस इसका जो विरोध कर रही थी वह सही था.

राजेश ठाकुर ने कहा कि इस विधेयक से लोकतांत्रिक ढांचे के स्वरूप में बदलाव की प्रारंभिक कोशिश की गई थी, परंतु 7 वर्षों के संघर्ष के बाद उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले से संघीय व्यवस्था को ध्वस्त होने से बचा लिया. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की सभी सीमाओं को पार कर इस बांड के जरिए भाजपा ने कितना चंदा कॉर्पोरेट घरानों से प्राप्त किया उसे जनता को जानने का हक है और देर सबेर इसका खुलासा भी होगा. कांग्रेस नेता ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड का फायदा उठाकर भ्रष्टाचारी मोदी सरकार ने अपने मित्र कॉर्पोरेट घरानों से अरबों रूपये काला धन चंदा के रूप में प्राप्त किया होगा जिसका खुलासा होना चाहिए.

कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि चुनावी बॉन्ड को कानून का जामा पहना कर भाजपा ने उद्योगपतियों की नाजायज काली कमाई से अवैध वसूली का नया तरीका ईजाद किया था जो अब पूरी तरह ध्वस्त हो गया है. वहीं पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा कि विगत 7 वर्षों से अवैध चुनावी बॉन्ड द्वारा जुटाए गए चंदे से भारतीय चुनाव प्रणाली प्रभावित हो रही थी और चुनावी बॉन्ड के जरिए काले धन का प्रवाह चुनावी राजनीति में हो रहा था अब उस पर सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि आखिर क्या कारण है कि चुनावी बॉन्ड के जरिए जुटाए गए धन का लगभग 90- 95 % धन भाजपा के पास गया और बाकी राजनीतिक दलों के पास सिर्फ 5% से 10% राशि ही गई.

भाकपा माले ने इलेक्टोरल बांड स्कीम रद्द करने का किया स्वागत

भाकपा माले ने भाजपा सरकार की लोकतंत्र विरोधी इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को रद्द करने के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है. माले के राज्य सचिव मनोज भक्त ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को कौन एवं कितना चंदा दे रहा है, यह जानने का भारत के मतदाताओं को पूरा अधिकार है लेकिन पीएम मोदी ने जनता का यह अधिकार भी छिन लिया था. इलेक्टोरल बॉड के जरिये पूंजीपतियों से गुप्त रूप से राजनीतिक दलों को असीमित राशि का चंदा देने का प्रावधान बनाया गया था. यह क्रोनीवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ाने वाली लोकतंत्र के लिये बेहद घातक कार्रवाई थी. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से लोकतंत्र मजबूत होगा और अब जो आदेश चुनाव आयोग को दिया है उससे असंवैधानिक इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से मिले चंदे का भी खुलासा होगा.

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