वाराणसी: इस दीपावली बनारस के दशाश्वमेध घाट के पास वाराणसी विकास प्राधिकरण की तरफ से तैयार किए गए प्लाजा में दुकान लेने का लोगों के पास सुनहरा अवसर है. 20 से 26 अक्टूबर तक ई ऑक्शन के जरिए हाईफाई प्लाजा में दुकानों के लिए बोली लगेगी. बनारस के सबसे व्यस्त और कारोबारी इलाके में अपने व्यवसाय की चाहत रखने वालों के लिए वीडीए ये मौका लेकर आया है. बता दें कि यह प्लाजा काशी विश्वनाथ धाम के निकट भी है. इन दुकानों की कीमत 16 लाख रुपए से लेकर 25 लाख रुपए के बीच है.
2014 में धर्म की नगरी वाराणसी को सांसद के रूप में प्रधानमंत्री मिला. इसके बाद से ही बनारस में कई विकास योजनाएं चल रही हैं. जिसकी वजह से यहां पर्यटकों की संख्या भी बढ़ रही है और कारोबार भी. वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर तैयार किए गए प्लाजा में खाली दुकानों की बिक्री वाराणसी विकास प्राधिकरण करने जा रहा है.
वाराणसी विकास प्राधिकरण के संपत्ति अधिकारी राजीव जायसवाल का कहना है कि दशाश्वमेध क्षेत्र सबसे महत्वपूर्ण और भीड़ की दृष्टि से सबसे ज्यादा व्यस्त माना जाता है. ठीक नीचे गंगा घाट और कुछ दूरी पर बाबा विश्वनाथ का मंदिर है. पूरा मार्केट ही नजदीक है. इस वजह से यहां पर दुकान लेना फायदे का सौदा है, क्योंकि इस प्लाजा के निर्माण के दौरान स्थानीय दुकानदारों को हटाया गया था, इस वजह से पहले उन्हें दुकान आवंटित करने का कार्य किया गया है.
प्लाजा में हैं 30 दुकानें: बताया कि अब तक यहां पर तैयार हुई 186 दुकानों में से 158 दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया को पूरा किया जा चुका है, जबकि 101 दुकानों को कब्जा भी दिया गया है. इसमें 28 दुकानों की रजिस्ट्री पूरी की जा चुकी है. अभी यहां पर 30 दुकानें बची हैं. इसके अलावा आवंटित हुई 158 दुकानों में से अभी उन दुकानों को भी एक समय के बाद लिया जा सकेगा, जिनको आवंटन के 6 महीने के वक्त तक रजिस्ट्री संबंधित आवंटी नहीं करवा पता है.
20 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक ई ऑक्शन: संपत्ति अधिकारी का कहना है कि वाराणसी विचार प्राधिकरण की वेबसाइट www.vdavns.com पर 20 से 26 अक्टूबर तक ई ऑक्शन के जरिए दुकानों के लिए बोली लगाई जा सकती है. जिसकी ज्यादा बोली होगी, उसे दुकान आवंटित की जाएगी. लेकिन यदि कोई एकल यानी सिंगल बिडर भी होगा तो उसे तुरंत दुकान आवंटित कर दी जाएगी.
इस स्थिति में रद हो जाएगा आवंटन: संपत्ति अधिकारी का कहना है कि नियम के मुताबिक आवंटन की तिथि से 6 महीने के अंदर कुल राशि का भुगतान करके दुकान की रजिस्ट्री करवाना अनिवार्य है. यह प्रक्रिया अनिवार्य रूप से पूरी करनी होती है. यदि इस दौरान कोई व्यक्ति जिसे दुकान आवंटित की गई है, वह दुकान के लिए निर्धारित रजिस्ट्री का पूरा पैसा नहीं देता है और विभाग में ही वह जमा नहीं हो पता है तो इसका आवंटन रद्द किया जाएगा. इसके बाद यह दुकान किसी और को दी जा सकती है. संपत्ति अधिकारी का कहना है कि इन दुकानों की कीमत 16 लाख रुपए से लेकर 25 लाख रुपए के बीच है, जैसी दुकान की लोकेशन, वैसी कीमत रखी गई है. अलग-अलग रेट की दुकानें हैं, जिसे लिया जा सकता है.