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बिलासपुर लोकसभा सीट के युवा वोटर्स किन मुद्दों पर करेंगे वोट, आम चुनाव के बाद कैसी सरकार चाहता है न्यायधानी का यूथ - Opinion of young voters of Bilaspur - OPINION OF YOUNG VOTERS OF BILASPUR

बिलासपुर के युवा वोटर्स ने लोकसभा चुनाव को लेकर अपना मत रखा है. युवा वोटरों ने देश में नौकरी की समस्या को बड़ी समस्या बताया है. इसके साथ ही उन्होंने आने वाली नई सरकार से वोकेशनल पढ़ाई और रोजगार परक शिक्षा की उम्मीद जताई है.

OPINION OF YOUNG VOTERS OF BILASPUR
बिलासपुर लोकसभा सीट
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 25, 2024, 6:50 PM IST

Updated : Mar 25, 2024, 8:06 PM IST

बिलासपुर लोकसभा सीट के युवा वोटर्स

बिलासपुर: लोकसभा चुनाव में इस बार यूथ वोटर्स अहम भूमिका निभाने जा रहे हैं. युवाओं का फैसला देश की दशा और दिशा तय करेगा. बिलासपुर लोकसभा सीट के युवा क्या सोचते हैं इसे लेकर बिलासपुर के गुरू घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्र छात्राओं से ईटीवी भारत ने बात की है. उन्होंने लोकसभा चुनाव और आने वाली सरकार पर अपना मत रखा है. यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राएं अपनी नौकरी के साथ ही भविष्य को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं. वे आने वाली सरकार से उम्मीदें रखते हैं कि सरकार उन्हें इस देश में ही एक अच्छी नौकरी मुहैया कराए, यह जरूरी नहीं कि उन्हें सरकारी नौकरी ही मिले निजी क्षेत्र में भी सरकार अच्छी नौकरी उपलब्ध करा सकती है.

देश में नौकरी करना चाहते हैं छात्र: बिलासपुर के युवा विद्यार्थियों ने बताया कि उन्हें आईटी या इंजीनियरिंग सेक्टर ज्यादा नहीं भा रहा है. न ही वे विदेश जाना चाहते हैं. वह अपने देश में अपनी स्किल के साथ और अपने शिक्षा के दम पर नौकरी पाना चाहते हैं. इसके साथ ही छात्र छात्राओं ने देश के विकास के साथ आम जनता से जुड़ी समस्याओं और मुद्दों पर अपने विचार ईटीवी भारत के साथ रखे.

सरकार को रोजगार के नए क्षेत्र पैदा करने चाहिए: बिलासपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्र कुशाग्र गुप्ता ने कहा कि देश में सरकार को रोजगार के नए क्षेत्र पैदा करने चाहिए.

"सरकार का मुख्य एजेंडा रोजगार होना चाहिए. देश में जितनी नौकरी है उससे ज्यादा यहां पढ़े लिखे छात्र छात्राएं हैं. ऐसे पढ़ाई करने के बाद अधिकांश छात्रों को नौकरी नहीं मिलती. आंकड़े की अगर बात करें तो 100 छात्र ग्रेजुएट हैं तो देश मे केवल 45 ही नौकरी है. 55 छात्र बेरोजगार घूमते हैं. यही चीज चलती रही तो मुझे नहीं लगता कि भारत का भविष्य अच्छे हाथों में है. भारत का भविष्य तय करना सरकार के हाथ में है. देश की सरकार मुद्दे पर ध्यान दें तो रोजगार या नौकरी का अवसर पैदा हो सकता है. आधारभूत संरचनाओं पर काम करें और ग्लोबलाइजेशन पर काम करें तो इस फैक्टर पर रोजगार पैदा हो सकते हैं. बाहरी कंपनियों को मौका दिया जाना चाहिए. जिससे रोजगार में बढ़ावा मिल सकेगा": कुशाग्र गुप्ता, छात्र, गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी, बिलासपुर

मजबूरी में युवा करते हैं विदेश पलायन: बिलासपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी की छात्रा आरोही शुक्ला ने बताया कि "हमारे देश में जो ग्रेजुएट युवा हैं उनके लिए अवसर बेहद कम है. देश में आईटी और मेडिकल के बाद कोई बड़ा फील्ड नहीं है जिसमें युवाओं को रोजगार मिल सके. आईटी और मेडिलक में भी प्लेसमेंट नहीं हो पा रहा है जिस वजह से आज पढ़ा लिखा युवा विदेश जाने को मजबूर है. इतना पैसा खर्च कर जब युवा इमानदारी से पढ़ता है और उसे देश में नौकरी नहीं मिलती है तो वह विदेश का रुख करता है. सरकार को नौकरी के अवसर पैदा करने पर सोचना चाहिए. देश में राजनीतिक दलों को संप्रदाय और धर्म के आधार पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. इस देश में धार्मिक स्वतंत्रता है"

क्वॉलिटी एजुकेशन पर हो फोकस: GGCU के छात्र मयंक राय का कहना है कि "सरकार ने स्किल डेवलपमेंट और स्टार्टअप को महत्व दिया है. लेकिन इतन में ही देश से बेरोजगारी कम नहीं होगी. सरकार को उच्च शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए जिससे युवाओं को इसका लाभ मिल सके. क्वालिटी एजुकेशन होगा तो युवा रोजगार प्राप्त कर सकेगा. विदेश की बात करें तो अच्छी शिक्षा के मामले में हमारा देश काफी पीछे है. यही वजह है कि शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है. ताकि युवा पढ़ाई करने के बाद अपने स्किल के दम पर नौकरी हासिल कर सके"

बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए कानून बनाए जाने की जरूरत: बिलासपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्र आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि "बढ़ती जनसंख्या की वजह से बेरोजगारी बढ़ती जा रही है. आने वाली सरकार से उन्हें उम्मीद है कि वह जनसंख्या की रोकथाम के लिए कड़े कानून बनाएं. ताकि बच्चे दो अच्छे, हम दो हमारे दो जैसे नारों को सही साबित किया जा सके. जनसंख्या अधिक होने से बेरोजगारी बढ़ेगी, सरकार जनसंख्या रोकने का काम करेगी तो कुछ सालों में देश से बेरोजगारी खत्म हो जाएगी."

नई नीतियां नहीं बनाई जाए, पुरानी पॉलिसी को मजबूत करने की जरूरत: GGCU की छात्रा रिया गुप्ता ने बताया कि नई सरकार बनने के बाद हर सरकार का फोकस नई नीतियों को बनाने पर होता है. मेरा मानना है कि नई सरकार को नई नीति बनाने की जरूरत नहीं है बल्कि जो व्यवस्था पहले से है और जो नीति पहले से है उसे मजबूती से पूरा किया जाए.

"नई नीति आने से पुरानी नीति पर ध्यान नहीं दिया जाता और उस पर कोई काम नहीं किया जाता. जिस तरह से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और प्रौढ़ शिक्षा को लेकर नीतियां बनाई गई थी. इसे लागू भी किया गया लेकिन अब भी हम साक्षरता दर को प्राप्त नहीं कर सके हैं. 21वीं सदी में है फिर भी देश में निरक्षरता है जो देस पर कलंक है. युवा सरकार ला सकता है और हटा भी सकता है. सरकार आती जाती रहेगी लेकिन देश का विकास होता रहना चाहिए. इसलिए जो नीतियां पहले से हैं उसका बखूबी तरीके से पालन होना चाहिए. महिला सुरक्षा और नौकरी पर सरकार को ध्यान देना चाहिए": रिया गुप्ता, छात्रा, GGCU

कुल मिलाकर बिलासपुर लोकसभा सीट के युवाओं ने बेरोजगारी, बढ़ती जनसंख्या, उच्च शिक्षा की जरूरत, पढ़ाई में सुधार और पॉलिसी निर्माण से जुड़े विषय रखें. नई सरकार से इस ओर काम करने की उम्मीद जताई है.

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बिलासपुर: लोकसभा चुनाव में इस बार यूथ वोटर्स अहम भूमिका निभाने जा रहे हैं. युवाओं का फैसला देश की दशा और दिशा तय करेगा. बिलासपुर लोकसभा सीट के युवा क्या सोचते हैं इसे लेकर बिलासपुर के गुरू घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्र छात्राओं से ईटीवी भारत ने बात की है. उन्होंने लोकसभा चुनाव और आने वाली सरकार पर अपना मत रखा है. यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राएं अपनी नौकरी के साथ ही भविष्य को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं. वे आने वाली सरकार से उम्मीदें रखते हैं कि सरकार उन्हें इस देश में ही एक अच्छी नौकरी मुहैया कराए, यह जरूरी नहीं कि उन्हें सरकारी नौकरी ही मिले निजी क्षेत्र में भी सरकार अच्छी नौकरी उपलब्ध करा सकती है.

देश में नौकरी करना चाहते हैं छात्र: बिलासपुर के युवा विद्यार्थियों ने बताया कि उन्हें आईटी या इंजीनियरिंग सेक्टर ज्यादा नहीं भा रहा है. न ही वे विदेश जाना चाहते हैं. वह अपने देश में अपनी स्किल के साथ और अपने शिक्षा के दम पर नौकरी पाना चाहते हैं. इसके साथ ही छात्र छात्राओं ने देश के विकास के साथ आम जनता से जुड़ी समस्याओं और मुद्दों पर अपने विचार ईटीवी भारत के साथ रखे.

सरकार को रोजगार के नए क्षेत्र पैदा करने चाहिए: बिलासपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्र कुशाग्र गुप्ता ने कहा कि देश में सरकार को रोजगार के नए क्षेत्र पैदा करने चाहिए.

"सरकार का मुख्य एजेंडा रोजगार होना चाहिए. देश में जितनी नौकरी है उससे ज्यादा यहां पढ़े लिखे छात्र छात्राएं हैं. ऐसे पढ़ाई करने के बाद अधिकांश छात्रों को नौकरी नहीं मिलती. आंकड़े की अगर बात करें तो 100 छात्र ग्रेजुएट हैं तो देश मे केवल 45 ही नौकरी है. 55 छात्र बेरोजगार घूमते हैं. यही चीज चलती रही तो मुझे नहीं लगता कि भारत का भविष्य अच्छे हाथों में है. भारत का भविष्य तय करना सरकार के हाथ में है. देश की सरकार मुद्दे पर ध्यान दें तो रोजगार या नौकरी का अवसर पैदा हो सकता है. आधारभूत संरचनाओं पर काम करें और ग्लोबलाइजेशन पर काम करें तो इस फैक्टर पर रोजगार पैदा हो सकते हैं. बाहरी कंपनियों को मौका दिया जाना चाहिए. जिससे रोजगार में बढ़ावा मिल सकेगा": कुशाग्र गुप्ता, छात्र, गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी, बिलासपुर

मजबूरी में युवा करते हैं विदेश पलायन: बिलासपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी की छात्रा आरोही शुक्ला ने बताया कि "हमारे देश में जो ग्रेजुएट युवा हैं उनके लिए अवसर बेहद कम है. देश में आईटी और मेडिकल के बाद कोई बड़ा फील्ड नहीं है जिसमें युवाओं को रोजगार मिल सके. आईटी और मेडिलक में भी प्लेसमेंट नहीं हो पा रहा है जिस वजह से आज पढ़ा लिखा युवा विदेश जाने को मजबूर है. इतना पैसा खर्च कर जब युवा इमानदारी से पढ़ता है और उसे देश में नौकरी नहीं मिलती है तो वह विदेश का रुख करता है. सरकार को नौकरी के अवसर पैदा करने पर सोचना चाहिए. देश में राजनीतिक दलों को संप्रदाय और धर्म के आधार पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. इस देश में धार्मिक स्वतंत्रता है"

क्वॉलिटी एजुकेशन पर हो फोकस: GGCU के छात्र मयंक राय का कहना है कि "सरकार ने स्किल डेवलपमेंट और स्टार्टअप को महत्व दिया है. लेकिन इतन में ही देश से बेरोजगारी कम नहीं होगी. सरकार को उच्च शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए जिससे युवाओं को इसका लाभ मिल सके. क्वालिटी एजुकेशन होगा तो युवा रोजगार प्राप्त कर सकेगा. विदेश की बात करें तो अच्छी शिक्षा के मामले में हमारा देश काफी पीछे है. यही वजह है कि शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है. ताकि युवा पढ़ाई करने के बाद अपने स्किल के दम पर नौकरी हासिल कर सके"

बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए कानून बनाए जाने की जरूरत: बिलासपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्र आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि "बढ़ती जनसंख्या की वजह से बेरोजगारी बढ़ती जा रही है. आने वाली सरकार से उन्हें उम्मीद है कि वह जनसंख्या की रोकथाम के लिए कड़े कानून बनाएं. ताकि बच्चे दो अच्छे, हम दो हमारे दो जैसे नारों को सही साबित किया जा सके. जनसंख्या अधिक होने से बेरोजगारी बढ़ेगी, सरकार जनसंख्या रोकने का काम करेगी तो कुछ सालों में देश से बेरोजगारी खत्म हो जाएगी."

नई नीतियां नहीं बनाई जाए, पुरानी पॉलिसी को मजबूत करने की जरूरत: GGCU की छात्रा रिया गुप्ता ने बताया कि नई सरकार बनने के बाद हर सरकार का फोकस नई नीतियों को बनाने पर होता है. मेरा मानना है कि नई सरकार को नई नीति बनाने की जरूरत नहीं है बल्कि जो व्यवस्था पहले से है और जो नीति पहले से है उसे मजबूती से पूरा किया जाए.

"नई नीति आने से पुरानी नीति पर ध्यान नहीं दिया जाता और उस पर कोई काम नहीं किया जाता. जिस तरह से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और प्रौढ़ शिक्षा को लेकर नीतियां बनाई गई थी. इसे लागू भी किया गया लेकिन अब भी हम साक्षरता दर को प्राप्त नहीं कर सके हैं. 21वीं सदी में है फिर भी देश में निरक्षरता है जो देस पर कलंक है. युवा सरकार ला सकता है और हटा भी सकता है. सरकार आती जाती रहेगी लेकिन देश का विकास होता रहना चाहिए. इसलिए जो नीतियां पहले से हैं उसका बखूबी तरीके से पालन होना चाहिए. महिला सुरक्षा और नौकरी पर सरकार को ध्यान देना चाहिए": रिया गुप्ता, छात्रा, GGCU

कुल मिलाकर बिलासपुर लोकसभा सीट के युवाओं ने बेरोजगारी, बढ़ती जनसंख्या, उच्च शिक्षा की जरूरत, पढ़ाई में सुधार और पॉलिसी निर्माण से जुड़े विषय रखें. नई सरकार से इस ओर काम करने की उम्मीद जताई है.

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Last Updated : Mar 25, 2024, 8:06 PM IST
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