नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जो भारत के समृद्ध आर्थिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परिवहन केंद्र बनने जा रहा है, जल्द ही उड़ानों का संचालन शुरू करने जा रहा है. यह एयरपोर्ट न केवल अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बल्कि घरेलू और कार्गो उड़ानों के लिए भी एक प्रमुख हब होगा. एयरपोर्ट से अप्रैल 2025 में उड़ाने शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है.
उड़ानों की शुरुआत और शेड्यूलिंग: पहले दिन, इसमें 28 से 30 फ्लाइट्स के साथ इसकी शुरुआत होने की उम्मीद है, जिसके बाद इस संख्या को धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा. कहा जा रहा है कि इस एयरपोर्ट की प्रबंधन क्षमता 200 से 250 उड़ानों तक की होगी. हाल ही में 1 अक्टूबर को आयोजित बैठक में सभी विभागों के अधिकारियों ने मिलकर फ्लाइट शेड्यूलिंग का कार्य पूरा किया है, जो एयरपोर्ट के संचालन के लिए एक आवश्यक प्रक्रिया है.
कैलिब्रेशन टेस्ट में सफलता: 15 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक चलने वाले कैलिब्रेशन फ्लाइट्स के सफल परीक्षण ने साबित कर दिया है कि एयरपोर्ट सभी सुरक्षा मानकों पर खरा उतरता है. यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने कहा कि इस परीक्षण के बाद सभी रिपोर्टों को डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) में जमा कर दिया गया है और उनका अप्रूवल भी प्राप्त हो चुका है.
अगले चरण की तैयारी: अब, दूसरी चरण की टेस्टिंग 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक की जाएगी, जिसमें फ्लाइट लैंडिंग टेस्टिंग शामिल होगी. इस दौरान, जो भी डाटा प्राप्त होगा, उसे डीजीसीए में अपलोड किया जाएगा. लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाएं भी चल रही हैं, जिन्हें 20 मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
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अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए प्रक्रियाएं: अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन के लिए अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) से अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया भी चल रही है. सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि हमने तीन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए अप्रूवल मांगा है, जो भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया जाएगा. पहले दिन, 25 डॉमेस्टिक फ्लाइट्स के साथ-साथ कार्गो फ्लाइट्स की भी शुरुआत होगी.
संरचना और सुविधाएं: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में 10 गेट और 10 एयरोब्रिज के साथ-साथ यात्रियों को सुविधाजनक अनुभव प्रदान करने के लिए अन्य आधुनिक सुविधाएं भी होंगी. इससे यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा दोनों को प्राथमिकता दी जाएगी.
निष्कर्ष: निश्चित रूप से, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण परिवहन केंद्र के रूप में खड़ा होगा. तेजी से बढ़ते आर्थिक परिदृश्य के बीच, इसकी शुरुआत से न केवल स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए भी एक मुख्य द्वार बनने का अवसर प्रदान करेगा. एयरपोर्ट का संचालन शुरू होने के साथ ही यह भारतीय हवाई यात्रा के क्षेत्र में एक नई युग की शुरुआत करेगा.
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