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1 मार्च से शुरू होगा उत्तराखंड पुलिस का अभियान 'ऑपरेशन मुक्ति', स्वयंसेवी संस्थाएं भी होंगी शामिल - Uttarakhand Police campaign

Operation Mukti Abhiyan of Uttarakhand Police उत्तराखंड पुलिस का ऑपरेशन मुक्ति अभियान एक मार्च से शुरू होने जा रहा है. अभियान के तहत उत्तराखंड पुलिस पिछले 6 साल में साढ़े 7 हजार से अधिक बच्चों को भिक्षावृत्ति से दूर कर चुकी है.

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फोटो-ईटीवी भारत
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 27, 2024, 10:56 PM IST

देहरादूनः बच्चों से कराई जा रही भिक्षावृत्ति, बच्चों के साथ होने वाले अपराधों की रोकथाम, बच्चों को अपराध में शामिल होने से रोकने और उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित किए जाने के लिए 'ऑपरेशन मुक्ति' अभियान 1 मार्च से 31 मार्च तक प्रदेश के सभी जिलों और रेलवेज में चलाया जाएगा. सभी जिलों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट द्वारा अभियान को चलाया जाएगा. साथ ही रेलवेज में भी एक टीम का गठन किया जाएगा.

'ऑपरेशन मुक्ति' अभियान के लिए अन्य संबंधित विभागों और स्वयं सेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा. अभियान जिले के मुख्य-मुख्य स्थान जहां बच्चों द्वारा द्वारा भिक्षावृत्ति की जाती है, ऐसे सभी जगहों पर चलाया जाएगा. अभियान में भिक्षावृत्ति, कूड़ा बीनने, गुब्बारे बेचने आदि कार्यों में शामिल बच्चों को रेस्क्यू कर उनका विद्यालयों में दाखिला कराए जाने की कार्रवाई की जाएगी. साथ ही सभी स्कूल-कॉलेजों, सार्वजनिक स्थानों, महत्वपूर्ण चौराहों, सिनेमाघरों, बस व रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थलों आदि स्थानों पर बच्चों को भिक्षा न दिए जाने के संबंध में जागरूकता अभियान चलाकर जनता को जागरूक किया जाएगा. साल 2017 से चलाए जा रहे 'ऑपरेशन मुक्ति' अभियान में 7670 बच्चों को भिक्षावृत्ति से रेस्क्यू किया गया, जिनमें से 3603 बच्चों का विद्यालयों में दाखिला कराया गया है.

डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि बच्चों से भिक्षावृत्ति करवाने, किसी भी प्रकार के गैंग के सामने आने अथवा किसी अपराध का होना पाए जाने पर तत्काल किशोर न्याय बोर्ड (बच्चों की देखभाल व संरक्षण) अधिनियम, धारा 370 भारतीय दंड संहिता, उत्तर प्रदेश भिक्षावृत्ति प्रतिषेध अधिनियम 1975 आदि अन्य संबंधित धाराओं और अधिनियमों में कार्रवाई की जाएगी. साथ ही आम जनता भी इस अभियन में सहयोग कर सकते हैं. बच्चों द्वारा की जा रही भिक्षावृत्ति की सूचना डायल 112 पर दी जा सकती है.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड पुलिस ने चलाया ऑपरेशन मुक्ति अभियान, 203 बच्चों का स्कूल में कराया दाखिला

देहरादूनः बच्चों से कराई जा रही भिक्षावृत्ति, बच्चों के साथ होने वाले अपराधों की रोकथाम, बच्चों को अपराध में शामिल होने से रोकने और उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित किए जाने के लिए 'ऑपरेशन मुक्ति' अभियान 1 मार्च से 31 मार्च तक प्रदेश के सभी जिलों और रेलवेज में चलाया जाएगा. सभी जिलों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट द्वारा अभियान को चलाया जाएगा. साथ ही रेलवेज में भी एक टीम का गठन किया जाएगा.

'ऑपरेशन मुक्ति' अभियान के लिए अन्य संबंधित विभागों और स्वयं सेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा. अभियान जिले के मुख्य-मुख्य स्थान जहां बच्चों द्वारा द्वारा भिक्षावृत्ति की जाती है, ऐसे सभी जगहों पर चलाया जाएगा. अभियान में भिक्षावृत्ति, कूड़ा बीनने, गुब्बारे बेचने आदि कार्यों में शामिल बच्चों को रेस्क्यू कर उनका विद्यालयों में दाखिला कराए जाने की कार्रवाई की जाएगी. साथ ही सभी स्कूल-कॉलेजों, सार्वजनिक स्थानों, महत्वपूर्ण चौराहों, सिनेमाघरों, बस व रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थलों आदि स्थानों पर बच्चों को भिक्षा न दिए जाने के संबंध में जागरूकता अभियान चलाकर जनता को जागरूक किया जाएगा. साल 2017 से चलाए जा रहे 'ऑपरेशन मुक्ति' अभियान में 7670 बच्चों को भिक्षावृत्ति से रेस्क्यू किया गया, जिनमें से 3603 बच्चों का विद्यालयों में दाखिला कराया गया है.

डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि बच्चों से भिक्षावृत्ति करवाने, किसी भी प्रकार के गैंग के सामने आने अथवा किसी अपराध का होना पाए जाने पर तत्काल किशोर न्याय बोर्ड (बच्चों की देखभाल व संरक्षण) अधिनियम, धारा 370 भारतीय दंड संहिता, उत्तर प्रदेश भिक्षावृत्ति प्रतिषेध अधिनियम 1975 आदि अन्य संबंधित धाराओं और अधिनियमों में कार्रवाई की जाएगी. साथ ही आम जनता भी इस अभियन में सहयोग कर सकते हैं. बच्चों द्वारा की जा रही भिक्षावृत्ति की सूचना डायल 112 पर दी जा सकती है.

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