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मेकाहारा हॉस्पिटल में ओपन हार्ट सर्जरी बंद, भटक रहे गरीब मरीज, महंगा इलाज जीवन पर भारी - Open heart surgery closed

Open heart surgery closed छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में ओपन हार्ट सर्जरी पिछले साढ़े तीन माह से बंद है.इसकी वजह से गरीब मरीजों को सर्जरी के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है.जिनके पास पैसे हैं वो तो सर्जरी करवा ले रहे हैं.लेकिन जिनके पास पैसों की कमी है,उनके लिए जीवन किसी पहाड़ से कम नही है.ऐसे ही एक मरीज कोरबा को मदनगोपाल हैं.जो सर्जरी के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकते रहे.

Open heart surgery closed
मेकाहारा हॉस्पिटल में ओपन हार्ट सर्जरी बंद (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 17, 2024, 7:40 PM IST

रायपुर: प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल मेकाहारा में पिछले साढ़े तीन महीने से एसीटी और एबीजी मशीन नहीं है.जिसके कारण मरीजों की ओपन हार्ट सर्जरी नहीं हो पा रही है. मेकाहारा अपने मरीजों को एम्स रेफर कर रहा है, लेकिन वहां जाने के बाद भी उन्हें लंबी वेटिंग के कारण वापस लौटना पड़ रहा है.यही वजह है कि जिन मरीजों के पास पैसे नहीं है,वो इधर उधर भटक रहे हैं. गरीबी और आर्थिक तंगी के कारण कई लोग महंगा इलाज प्राइवेट हॉस्पिटल में नहीं करा सकते. मेकाहारा हॉस्पिटल में ओपन हार्ट सर्जरी के अलावा हार्ट से संबंधित दूसरे सर्जरी हो रहे हैं. हृदय रोग विभाग की माने तो साल 2017 से अब तक 240 ओपन हार्ट सर्जरी की गई है.

Open heart surgery closed
कोरबा के मदन गोपाल सर्जरी के लिए भटके (ETV Bharat Chhattisgarh)

प्राइवेट नौकरी वालों के लिए आफत : ओपन हार्ट सर्जरी के लिए भटकते ऐसे ही एक मरीज कोरबा निवासी मदन गोपाल हैं.जो सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं. मदन गोपाल अपने इलाज के लिए रायपुर के मेकाहारा अस्पताल पहुंचे थे. इसके बाद वहां से उन्हें एम्स हॉस्पिटल रायपुर रिफर कर दिया जाता है. एम्स हॉस्पिटल में जाने के बाद मरीज को बताया जाता है कि ओपन हार्ट सर्जरी के लिए आपको 2 से 3 महीने का लंबा इंतजार करना होगा. ऐसे में फिर से मरीज को मेकाहारा भेजा जाता है. लेकिन मेकाहारा में मशीनों के अभाव में ओपन हार्ट सर्जरी नहीं हो पाती.अब मरीज कोरबा में प्राइवेट इलाज के लिए पैसे इकट्ठा कर रहा है.

Open heart surgery closed
कोरबा में ही रहकर कर रहे पैसों का इंतजाम (ETV Bharat Chhattisgarh)

''मेकाहारा हॉस्पिटल गए थे. उसके बाद एम्स रेफर किया गया था. एम्स में चेकअप और टेस्ट होने के बाद फिर से मेकाहारा भेज दिया गया. मेकाहारा में एंजियोग्राफी भी की गई. इसके बाद एम्स दोबारा भेजा गया.लेकिन एम्स में वेटिंग के कारण सर्जरी नहीं हो सकी.'' मदन गोपाल, मरीज


इलाज के लिए भटकता रहा मरीज : पीड़ित मरीज की पत्नी ने बताया कि सीने में दर्द होने के बाद उन्होंने स्थानीय स्तर पर निजी अस्पताल ले जाया गया था. जहां पर अस्पताल वालों के कहने पर उन्हें रायपुर के मेकाहारा अस्पताल लाया गया. इसके बाद मेकाहारा हॉस्पिटल से उन्हें एम्स अस्पताल रेफर किया गया. मेकाहारा हॉस्पिटल में मरीज की एंजियोग्राफी होने के बाद व्यवस्थाओं की कमी का हवाला देकर उन्हें फिर से एम्स अस्पताल रेफर कर दिया गया. कुल मिलाकर मरीज का ओपन हार्ट सर्जरी नहीं हो पाया. आखिरकार मरीज को वापस अपने घर कोरबा लौटना पड़ा.

भटक रहे हैं गरीब मरीज, महंगा इलाज जीवन पर भारी (ETV Bharat Chhattisgarh)
इस बारे में मेकाहारा हॉस्पिटल के हार्ट चेस्ट वैस्कुलर सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉक्टर कृष्णकांत साहू ने बताया कि ओपन हार्ट सर्जरी मेकाहारा हॉस्पिटल में पिछले साढ़े महीने से नहीं हो पा रही है. कोई भी ओपन हार्ट सर्जरी करने के लिए एसीटी और एबीजी मशीन की जरूरत पड़ती है जो वर्तमान समय में मेकाहारा में नहीं है.

''यह दोनों ही मशीन छोटी जरूर है लेकिन इसके बिना ओपन हार्ट सर्जरी करना संभव नहीं है. ओपन हार्ट सर्जरी करते समय हार्ट और फेफडे को बंद किया जाता है. इसके बाद हार्ट के एक चैंबर को ओपन किया जाता है. ऐसे समय में एक हार्ट लंग मशीन की भी आवश्यकता पड़ती है.''- केके साहू,हार्ट चेस्ट वैस्कुलर सर्जरी विभाग,मेकाहारा

क्या काम करती है एबीजी और एसीटी मशीन : एबीजी मशीन से हार्ट से संबंधित मरीज के ब्लड में कितना ऑक्सीजन और कितना कार्बन डाइऑक्साइड है इस बात की जानकारी मिलती है. ब्लड में किन-किन चीजों की आवश्यकता पड़ती है इस बात की जानकारी इस मशीन से पता लगती है.इसी तरह से दूसरी मशीन एसीटी होती है. ये मशीन ओपन हार्ट सर्जरी में काम आती है. ब्लड कितना पतला है और ऑपरेशन के लिए कितना और पतला करना होता है, इस बात के लिए मशीन जरूरी है. मरीज के ब्लड को ज्यादा पतला करते हैं तो पूरे शरीर में ब्लीडिंग हो जाती है या फिर हार्ट में ब्लड क्लॉट हो जाता है. इसलिए इन दोनों ही मशीनों के बिना ओपन हार्ट सर्जरी नामुमकिन है.

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रायपुर: प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल मेकाहारा में पिछले साढ़े तीन महीने से एसीटी और एबीजी मशीन नहीं है.जिसके कारण मरीजों की ओपन हार्ट सर्जरी नहीं हो पा रही है. मेकाहारा अपने मरीजों को एम्स रेफर कर रहा है, लेकिन वहां जाने के बाद भी उन्हें लंबी वेटिंग के कारण वापस लौटना पड़ रहा है.यही वजह है कि जिन मरीजों के पास पैसे नहीं है,वो इधर उधर भटक रहे हैं. गरीबी और आर्थिक तंगी के कारण कई लोग महंगा इलाज प्राइवेट हॉस्पिटल में नहीं करा सकते. मेकाहारा हॉस्पिटल में ओपन हार्ट सर्जरी के अलावा हार्ट से संबंधित दूसरे सर्जरी हो रहे हैं. हृदय रोग विभाग की माने तो साल 2017 से अब तक 240 ओपन हार्ट सर्जरी की गई है.

Open heart surgery closed
कोरबा के मदन गोपाल सर्जरी के लिए भटके (ETV Bharat Chhattisgarh)

प्राइवेट नौकरी वालों के लिए आफत : ओपन हार्ट सर्जरी के लिए भटकते ऐसे ही एक मरीज कोरबा निवासी मदन गोपाल हैं.जो सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं. मदन गोपाल अपने इलाज के लिए रायपुर के मेकाहारा अस्पताल पहुंचे थे. इसके बाद वहां से उन्हें एम्स हॉस्पिटल रायपुर रिफर कर दिया जाता है. एम्स हॉस्पिटल में जाने के बाद मरीज को बताया जाता है कि ओपन हार्ट सर्जरी के लिए आपको 2 से 3 महीने का लंबा इंतजार करना होगा. ऐसे में फिर से मरीज को मेकाहारा भेजा जाता है. लेकिन मेकाहारा में मशीनों के अभाव में ओपन हार्ट सर्जरी नहीं हो पाती.अब मरीज कोरबा में प्राइवेट इलाज के लिए पैसे इकट्ठा कर रहा है.

Open heart surgery closed
कोरबा में ही रहकर कर रहे पैसों का इंतजाम (ETV Bharat Chhattisgarh)

''मेकाहारा हॉस्पिटल गए थे. उसके बाद एम्स रेफर किया गया था. एम्स में चेकअप और टेस्ट होने के बाद फिर से मेकाहारा भेज दिया गया. मेकाहारा में एंजियोग्राफी भी की गई. इसके बाद एम्स दोबारा भेजा गया.लेकिन एम्स में वेटिंग के कारण सर्जरी नहीं हो सकी.'' मदन गोपाल, मरीज


इलाज के लिए भटकता रहा मरीज : पीड़ित मरीज की पत्नी ने बताया कि सीने में दर्द होने के बाद उन्होंने स्थानीय स्तर पर निजी अस्पताल ले जाया गया था. जहां पर अस्पताल वालों के कहने पर उन्हें रायपुर के मेकाहारा अस्पताल लाया गया. इसके बाद मेकाहारा हॉस्पिटल से उन्हें एम्स अस्पताल रेफर किया गया. मेकाहारा हॉस्पिटल में मरीज की एंजियोग्राफी होने के बाद व्यवस्थाओं की कमी का हवाला देकर उन्हें फिर से एम्स अस्पताल रेफर कर दिया गया. कुल मिलाकर मरीज का ओपन हार्ट सर्जरी नहीं हो पाया. आखिरकार मरीज को वापस अपने घर कोरबा लौटना पड़ा.

भटक रहे हैं गरीब मरीज, महंगा इलाज जीवन पर भारी (ETV Bharat Chhattisgarh)
इस बारे में मेकाहारा हॉस्पिटल के हार्ट चेस्ट वैस्कुलर सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉक्टर कृष्णकांत साहू ने बताया कि ओपन हार्ट सर्जरी मेकाहारा हॉस्पिटल में पिछले साढ़े महीने से नहीं हो पा रही है. कोई भी ओपन हार्ट सर्जरी करने के लिए एसीटी और एबीजी मशीन की जरूरत पड़ती है जो वर्तमान समय में मेकाहारा में नहीं है.

''यह दोनों ही मशीन छोटी जरूर है लेकिन इसके बिना ओपन हार्ट सर्जरी करना संभव नहीं है. ओपन हार्ट सर्जरी करते समय हार्ट और फेफडे को बंद किया जाता है. इसके बाद हार्ट के एक चैंबर को ओपन किया जाता है. ऐसे समय में एक हार्ट लंग मशीन की भी आवश्यकता पड़ती है.''- केके साहू,हार्ट चेस्ट वैस्कुलर सर्जरी विभाग,मेकाहारा

क्या काम करती है एबीजी और एसीटी मशीन : एबीजी मशीन से हार्ट से संबंधित मरीज के ब्लड में कितना ऑक्सीजन और कितना कार्बन डाइऑक्साइड है इस बात की जानकारी मिलती है. ब्लड में किन-किन चीजों की आवश्यकता पड़ती है इस बात की जानकारी इस मशीन से पता लगती है.इसी तरह से दूसरी मशीन एसीटी होती है. ये मशीन ओपन हार्ट सर्जरी में काम आती है. ब्लड कितना पतला है और ऑपरेशन के लिए कितना और पतला करना होता है, इस बात के लिए मशीन जरूरी है. मरीज के ब्लड को ज्यादा पतला करते हैं तो पूरे शरीर में ब्लीडिंग हो जाती है या फिर हार्ट में ब्लड क्लॉट हो जाता है. इसलिए इन दोनों ही मशीनों के बिना ओपन हार्ट सर्जरी नामुमकिन है.

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