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मंत्री ओपी राजभर की बढ़ी मुश्किलें, मऊ कोर्ट ने केस दर्ज करने का जारी किया आदेश - OP Rajbhar troubles increased

मऊ न्यायालय ने मंत्री ओपी राजभर पर क्रिमिनल केस दर्ज करने का जारी किया आदेश, चुनाव के बीच मंत्री पर एफआईआर से उनकी मुश्किलें बढ़ गई है

राजभर की बढ़ी मुश्किलें
राजभर की बढ़ी मुश्किलें (PHOTO source, ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 23, 2024, 11:09 PM IST

मऊ: योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री और सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर की मुश्किलें बढ़ गई है. मऊ कोर्ट के प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नासेहा वसीम की अदालत ने पंचायत राज्य मंत्री ओमप्रकाश राजभर पर मामला दर्ज करने का आदेश थाने को दिया है.

सिविल कोर्ट के अधिवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया की, 30 अप्रैल को करीब 6:30 बजे पदमेश तिवारी अपने साथी राजीव कुमार सिंह के साथ अपने कार से अदारी जा रहे थे. उसी समय मंत्री के साथ चल रहे अंगरक्षकों से कुछ कहा सुनी हो गई, जिसके बाद हाथापाई हो गई, जिसको लेकर पीड़ित ने थाने में तहरीर दी लेकिन दर्ज नहीं हुआ जिसके बाद पीड़ित को न्यायालय के शरण में जाना पड़ा.

सिकटिया ओवरब्रिज पर जाम लगा था, उसी समय पंचायत राज मंत्री अपने काफिले के साथ हूटर बजाते हुए जा रहे थे, रास्ते में लगे जाम में फंस गए और उनके साथ बैठे एक व्यक्ति ने पदमेश तिवारी से गाड़ी आगे बढ़ाने को कहा, उनके द्वारा कहा गया कि आगे जाने के लिए जगह नहीं है, इसी बात पर नाराज होकर उनके साथ अभद्रता की गई. साथ ही ठीक करने की धमकी दी गई. साथ ही गाड़ी का शीशा तोड़ दिया और जान मारने की धमकी भी दिया.

पदमेश तिवारी के अधिवक्ता ने बताया कि उस घटना को लेकर थाना सरायलखंसी में तहरीर दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर न्यायालय में 156 (3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र दिया. प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने मामला दर्ज करने का आदेश सुनाया.

ये भी पढ़ें:गब्बर सिंह समझ लो...पर मंत्री ओपी राजभर की सफाई खलनायक नहीं हू, सवाल पर भड़ककर बोले-'अखिलेश के एजेंट हो'

मऊ: योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री और सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर की मुश्किलें बढ़ गई है. मऊ कोर्ट के प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नासेहा वसीम की अदालत ने पंचायत राज्य मंत्री ओमप्रकाश राजभर पर मामला दर्ज करने का आदेश थाने को दिया है.

सिविल कोर्ट के अधिवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया की, 30 अप्रैल को करीब 6:30 बजे पदमेश तिवारी अपने साथी राजीव कुमार सिंह के साथ अपने कार से अदारी जा रहे थे. उसी समय मंत्री के साथ चल रहे अंगरक्षकों से कुछ कहा सुनी हो गई, जिसके बाद हाथापाई हो गई, जिसको लेकर पीड़ित ने थाने में तहरीर दी लेकिन दर्ज नहीं हुआ जिसके बाद पीड़ित को न्यायालय के शरण में जाना पड़ा.

सिकटिया ओवरब्रिज पर जाम लगा था, उसी समय पंचायत राज मंत्री अपने काफिले के साथ हूटर बजाते हुए जा रहे थे, रास्ते में लगे जाम में फंस गए और उनके साथ बैठे एक व्यक्ति ने पदमेश तिवारी से गाड़ी आगे बढ़ाने को कहा, उनके द्वारा कहा गया कि आगे जाने के लिए जगह नहीं है, इसी बात पर नाराज होकर उनके साथ अभद्रता की गई. साथ ही ठीक करने की धमकी दी गई. साथ ही गाड़ी का शीशा तोड़ दिया और जान मारने की धमकी भी दिया.

पदमेश तिवारी के अधिवक्ता ने बताया कि उस घटना को लेकर थाना सरायलखंसी में तहरीर दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर न्यायालय में 156 (3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र दिया. प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने मामला दर्ज करने का आदेश सुनाया.

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