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वर्दी त्यागकर राधा रानी बने पूर्व IG पांडा से ऑनलाइन ठगी, संत बनकर लंदन की कंपनी से कर रहे थे ट्रेडिंग

प्रयागराज के धूमनगंज पुलिस थाने में पूर्व आईजी डीके पांडा ने दर्ज कराई एफआईआर, आरोप 8 लाख देने पर दी गई धमकी

पूर्व आईजी डीके पांडा
पूर्व आईजी डीके पांडा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 29, 2024, 10:38 PM IST

प्रयागराजः दूसरी राधा के नाम से मशहूर पूर्व आईजी डीके पांडा एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं. इस बार कृष्ण प्रेम की वजह से चर्चा में नहीं आये, बल्कि कारण कुछ और है. पूर्व आईजी ने मंगलवार को विदेशी कंपनी और उसके एजेंट के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है. आरोप है कि उनके प्रॉफिट के 381 करोड़ रुपये और उनकी आईडी और आधार कार्ड का इस्तेमाल करके आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सकता है. शिकायत पर धूमनगंज पुलिस केस दर्ज जांच शुरू कर दी है.

धूमनगंज इलाके में रहने वाले पूर्व आईजी देवेंद्र किशोर पांडा ने धूमनगंज पुलिस को दी तहरीर में बताया कि कुछ दिनों पहले राहुल नामक युवक से उनका ऑनलाइन परिचय हुआ था. जिसके बाद राहुल के कहने पर ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू की. उन्होंने लंदन की फिंनी एक्स ग्रुप में रुपये लगाए. जिसके बाद उन्हें बताया गया कि उन्हें 381 करोड़ रुपये का फायदा मिला है. जिसको कैश कराने के लिए वह बैंक गए तो बताया गया कि उनके खाते में कोई रकम आई नहीं है.

एसीपी धूमनगंज राजकुमार मीना. (Video Credit; ETV Bharat)

इसके बाद उन्होंने एजेंट से बात की तो उधर से 25 अक्टूबर को व्हाट्सएप कॉल करके कहा गया कि इतने रकम को लेने के लिए 8 लाख का टैक्स जमा करना पड़ेगा. जब उन्होंने 8 लाख का टैक्स देने से मना किया तो उधर से उन्हें गालियां दी गयी. इसके साथ ही धमकाया गया कि उनके आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज आतंकियों को दिए जाएंगे, जिससे वह बुरी तरह से फंस जाएंगे. डीके पांडा ने धूमनगंज पुलिस से केस दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पूर्व आईजी ने कितनी रकम को इस कंपनी में निवेश किया था.

पुलिस केस दर्ज कर जांच में जुटीः पूर्व आईजी की तहरीर पर धूमनगंज थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 502 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. एसीपी धूमनगंज राजकुमार मीना ने बताया कि पूर्व आईजी डीके पांडा की शिकायत पर केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गयी है. जांच के बाद पूरे मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.


2005 में दूसरी राधा के नाम से हुए थे मशहूरः प्रयागराज में तैनाती के दौरान पूर्व आईजी डीके पांडा 2005 में उस वक्त चर्चा में आये थे, जब वह कृष्ण भक्ति में लीन होने की वजह से राधा का रूप धारण कर बाजारों में निकलने लगे थे. यही नहीं होठ में लिपिस्टिक, कान में झुमका, नाक में नथिया और साड़ी पहनकर कार्यालय में जाने लगे थे. उनका कहना था कि वह श्रीकृष्ण प्रिया राधा रानी का स्वरूप हैं. इसके बाद पांडा की चर्चा देश-दुनिया में मशहूर हो गए थे. हालांकि सरकार के दबाव में रिटायरमेंट से दो साल पहले आईपीएस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था. डीके पांडा मूल रूप से उड़ीसा के रहने वाले हैं और धूमनगंज थाना क्षेत्र में ही घर बनाकर बस गए हैं. 2015 तक डीके पांडा राधा के रूप में ही नजर आते रहे. लेकिन इसके उनका स्वरुप बदला और पीतांबर धारण कर खुद की नई पहचान बाबा कृष्णानंद के रूप में बना ली.

इसे भी पढ़ें-महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं को नहीं होगी दिक्कत, योगी सरकार ने की ये खास तैयारी

प्रयागराजः दूसरी राधा के नाम से मशहूर पूर्व आईजी डीके पांडा एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं. इस बार कृष्ण प्रेम की वजह से चर्चा में नहीं आये, बल्कि कारण कुछ और है. पूर्व आईजी ने मंगलवार को विदेशी कंपनी और उसके एजेंट के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है. आरोप है कि उनके प्रॉफिट के 381 करोड़ रुपये और उनकी आईडी और आधार कार्ड का इस्तेमाल करके आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सकता है. शिकायत पर धूमनगंज पुलिस केस दर्ज जांच शुरू कर दी है.

धूमनगंज इलाके में रहने वाले पूर्व आईजी देवेंद्र किशोर पांडा ने धूमनगंज पुलिस को दी तहरीर में बताया कि कुछ दिनों पहले राहुल नामक युवक से उनका ऑनलाइन परिचय हुआ था. जिसके बाद राहुल के कहने पर ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू की. उन्होंने लंदन की फिंनी एक्स ग्रुप में रुपये लगाए. जिसके बाद उन्हें बताया गया कि उन्हें 381 करोड़ रुपये का फायदा मिला है. जिसको कैश कराने के लिए वह बैंक गए तो बताया गया कि उनके खाते में कोई रकम आई नहीं है.

एसीपी धूमनगंज राजकुमार मीना. (Video Credit; ETV Bharat)

इसके बाद उन्होंने एजेंट से बात की तो उधर से 25 अक्टूबर को व्हाट्सएप कॉल करके कहा गया कि इतने रकम को लेने के लिए 8 लाख का टैक्स जमा करना पड़ेगा. जब उन्होंने 8 लाख का टैक्स देने से मना किया तो उधर से उन्हें गालियां दी गयी. इसके साथ ही धमकाया गया कि उनके आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज आतंकियों को दिए जाएंगे, जिससे वह बुरी तरह से फंस जाएंगे. डीके पांडा ने धूमनगंज पुलिस से केस दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पूर्व आईजी ने कितनी रकम को इस कंपनी में निवेश किया था.

पुलिस केस दर्ज कर जांच में जुटीः पूर्व आईजी की तहरीर पर धूमनगंज थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 502 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. एसीपी धूमनगंज राजकुमार मीना ने बताया कि पूर्व आईजी डीके पांडा की शिकायत पर केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गयी है. जांच के बाद पूरे मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.


2005 में दूसरी राधा के नाम से हुए थे मशहूरः प्रयागराज में तैनाती के दौरान पूर्व आईजी डीके पांडा 2005 में उस वक्त चर्चा में आये थे, जब वह कृष्ण भक्ति में लीन होने की वजह से राधा का रूप धारण कर बाजारों में निकलने लगे थे. यही नहीं होठ में लिपिस्टिक, कान में झुमका, नाक में नथिया और साड़ी पहनकर कार्यालय में जाने लगे थे. उनका कहना था कि वह श्रीकृष्ण प्रिया राधा रानी का स्वरूप हैं. इसके बाद पांडा की चर्चा देश-दुनिया में मशहूर हो गए थे. हालांकि सरकार के दबाव में रिटायरमेंट से दो साल पहले आईपीएस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था. डीके पांडा मूल रूप से उड़ीसा के रहने वाले हैं और धूमनगंज थाना क्षेत्र में ही घर बनाकर बस गए हैं. 2015 तक डीके पांडा राधा के रूप में ही नजर आते रहे. लेकिन इसके उनका स्वरुप बदला और पीतांबर धारण कर खुद की नई पहचान बाबा कृष्णानंद के रूप में बना ली.

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