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लखनऊ विश्वविद्यालय: नए सत्र से पहले एक और दो वर्षीय पीजी पाठ्यक्रम होगा तैयार

नई शिक्षा नीति 2020 (NEP) के तहत लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University ) को अपने दो वर्षीय पाठ्यक्रम में बदलाव करना है. इस बाबत विभागों को एक व दो वर्षीय पीजी का सिलेबस तैयार करने के लिए कहा गया है. एक वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए आर्डिनेंस भी तैयार हो रहा है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 1, 2024, 8:18 PM IST

लखनऊ : नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत लखनऊ विश्वविद्यालय पीजी पाठ्यक्रम में बदलाव करने की तैयारी कर रहा है. नई शिक्षा नीति के तहत प्रवेश लेने वाले छात्र चार साल में स्नातक की पढ़ाई करके अब एक साल में पीजी कोर्स कर सकेंगे. तीन वर्षीय स्नातक कोर्स पूरा वाले छात्र अथवा सीधे प्रवेश लेने वाले छात्र दो वर्षीय पीजी पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे. ऐसे में विश्वविद्यालय में स्नातक की पढ़ाई कर रहे छात्रों को यह स्पष्ट करना होगा कि एक व दो वर्ष पीजी पाठ्यक्रम में छात्रों क्या पढ़ेंगे और क्या नहीं? लखनऊ विश्वविद्यालय ने इसे लेकर अपने सभी विभागों से दो व एक साल के पीजी का सिलेबस बनाकर देने के लिए कहा है. लखनऊ विश्वविद्यालय में पीजी के आवेदन मांगे जाने हैं. ऐसे में विश्वविद्यालय ने विभागों को एनईपी के तहत एक व दो वर्षीय पीजी सिलेबस तैयार कर देने के लिए कहा है. विश्वविद्यालय को पहले अपना पाठ्यक्रम निर्धारित कर आर्डिनेंस पास कराना होगा. बिना आर्डिनेंस के विश्वविद्यालय छात्रों के प्रवेश नहीं ले पाएगा. वहीं, राजभवन से आर्डिनेंस पास होने के बाद ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो पाएगी.


एक व दो वर्षीय पाठ्यक्रम : एलयू ने 2020 में नई शिक्षा नीति अपनाई थी. एनईपी के तहत स्नातक में प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट्स के तीन वर्ष पूरे हो रहे हैं. वहीं, पीजी करने के लिए छात्रों का स्नातक चार वर्ष में पूरा होगा. जिसके बाद वह पीजी एक वर्ष में पूरा कर सकेंगे. ऐसे में चौथे वर्ष में स्नातक में छात्रों को क्या पढ़ाया जाएगा और फिर एक वर्ष पीजी में छात्रों क्या पढ़ेंगे व क्या नहीं? यह अभी तक तय नहीं है. आर्डिनेंस के बाद होंगे प्रवेश विश्वविद्यालय विभागों से सिलेबस तैयार कराने में लगा है.

लखनऊ विश्वविद्यालय के मुताबिक विभाग बोर्ड ऑफ स्टडीज से सिलेबस पास कराकर उसे एकेडमिक काउंसिल में भेजेंगे. फिर इसका आर्डिनेंस पास कराया जाएगा. जिसके बाद पीजी में आवेदन शुरू होंगे. ऐसे में जब तक विश्वविद्यालय अपना कोर्स एनईपी के तहत डिजाइन कर आर्डिनेंस पास नहीं करा लेता, तब तक प्रवेश नहीं ले सकेगा. कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के अनुसार विभागों को एक व दो वर्षीय पीजी का सिलेबस तैयार करने के लिए बोला गया है. एक वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए आर्डिनेंस भी तैयार हो रहा है. जल्द ही इसे पास कराकर आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी.


यह भी पढ़ें : Lucknow University : सम सेमेस्टर का परीक्षा फॉर्म भरने के लिए 17 जुलाई तक मौका
यूपी में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का बनेगा एकेडमिक बैंक, जानिए क्या है तैयारी

लखनऊ : नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत लखनऊ विश्वविद्यालय पीजी पाठ्यक्रम में बदलाव करने की तैयारी कर रहा है. नई शिक्षा नीति के तहत प्रवेश लेने वाले छात्र चार साल में स्नातक की पढ़ाई करके अब एक साल में पीजी कोर्स कर सकेंगे. तीन वर्षीय स्नातक कोर्स पूरा वाले छात्र अथवा सीधे प्रवेश लेने वाले छात्र दो वर्षीय पीजी पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे. ऐसे में विश्वविद्यालय में स्नातक की पढ़ाई कर रहे छात्रों को यह स्पष्ट करना होगा कि एक व दो वर्ष पीजी पाठ्यक्रम में छात्रों क्या पढ़ेंगे और क्या नहीं? लखनऊ विश्वविद्यालय ने इसे लेकर अपने सभी विभागों से दो व एक साल के पीजी का सिलेबस बनाकर देने के लिए कहा है. लखनऊ विश्वविद्यालय में पीजी के आवेदन मांगे जाने हैं. ऐसे में विश्वविद्यालय ने विभागों को एनईपी के तहत एक व दो वर्षीय पीजी सिलेबस तैयार कर देने के लिए कहा है. विश्वविद्यालय को पहले अपना पाठ्यक्रम निर्धारित कर आर्डिनेंस पास कराना होगा. बिना आर्डिनेंस के विश्वविद्यालय छात्रों के प्रवेश नहीं ले पाएगा. वहीं, राजभवन से आर्डिनेंस पास होने के बाद ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो पाएगी.


एक व दो वर्षीय पाठ्यक्रम : एलयू ने 2020 में नई शिक्षा नीति अपनाई थी. एनईपी के तहत स्नातक में प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट्स के तीन वर्ष पूरे हो रहे हैं. वहीं, पीजी करने के लिए छात्रों का स्नातक चार वर्ष में पूरा होगा. जिसके बाद वह पीजी एक वर्ष में पूरा कर सकेंगे. ऐसे में चौथे वर्ष में स्नातक में छात्रों को क्या पढ़ाया जाएगा और फिर एक वर्ष पीजी में छात्रों क्या पढ़ेंगे व क्या नहीं? यह अभी तक तय नहीं है. आर्डिनेंस के बाद होंगे प्रवेश विश्वविद्यालय विभागों से सिलेबस तैयार कराने में लगा है.

लखनऊ विश्वविद्यालय के मुताबिक विभाग बोर्ड ऑफ स्टडीज से सिलेबस पास कराकर उसे एकेडमिक काउंसिल में भेजेंगे. फिर इसका आर्डिनेंस पास कराया जाएगा. जिसके बाद पीजी में आवेदन शुरू होंगे. ऐसे में जब तक विश्वविद्यालय अपना कोर्स एनईपी के तहत डिजाइन कर आर्डिनेंस पास नहीं करा लेता, तब तक प्रवेश नहीं ले सकेगा. कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के अनुसार विभागों को एक व दो वर्षीय पीजी का सिलेबस तैयार करने के लिए बोला गया है. एक वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए आर्डिनेंस भी तैयार हो रहा है. जल्द ही इसे पास कराकर आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी.


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