नई दिल्ली: देश भर में चैत्र नवरात्रि का त्योहार की बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. देश भर के तमाम मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालु माता के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. चैत्र नवरात्रि का 10 अप्रैल बुधवार को आज दूसरा दिन है. आज के दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं. मां ब्रह्मचारिणी के आशीर्वाद से व्यक्ति अपने कार्य में सफल होते हैं, हर विकट स्थिति से लड़ने की क्षमता पैदा होती है
मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से उस व्यक्ति को जप, तप, त्याग, संयम आदि की प्राप्ति होती है. दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिरों में से माता अध्या कात्यानी देवी शक्तिपीठ मंदिर में सुबह की आरती हुई. सुबह की आरती में भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और माता के स्वरूप के दर्शन किए. राजधानी दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर झंडेवालान देवी मंदिर, मां कालकाजी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी जा रही है.
नवरात्रि का दूसरा दिन है ऐसे में सुबह 5 बजे से ही मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं की भीड़ माता के स्वरूप के दर्शन के लिए पहुंचना शुरू हो जाती है. हालांकि मंदिरों की सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए तमाम सेवादारों की तैनाती की गई है. इसके अलावा स्थानीय पुलिस बल भी तैनात किया गया है.
ब्रह्मचारिणी इस लोक के समस्त चर और अचर जगत की विद्याओं की ज्ञाता हैं. इनका स्वरूप श्वेत वस्त्र में लिप्टी हुई कन्या के रूप में है, जिनके एक हाथ में अष्टदल की माला और दूसरे हाथ में कमंडल है. यह अक्षयमाला और कमंडल धारिणी ब्रह्मचारिणी नामक दुर्गा शास्त्रों के ज्ञान और निगमागम तंत्र-मंत्र आदि से संयुक्त है. भक्तों को यह अपनी सर्वज्ञ संपन्न विद्या देकर विजयी बनाती है.
दिल्ली के कालकाजी मंदिर में नवरात्रों में भक्तों की कतार देखी जा रही है. भक्त भारी संख्या में मंदिर पहुंच रहे हैं और माता के दर्शन कर रहे हैं वही नवरात्रों के दौरान माता की विशेष पूजा अर्चना और आरती की जा रही है. नवरात्रि के दूसरे दिन कालका माता का सुंदर फूलों से श्रृंगार किया गया और उसके बाद मंत्र उच्चारण के साथ आरती की गई. कालकाजी मंदिर में 24 घंटे भक्त बड़ी संख्या में मंदिर पहुंच रहे हैं और माता के दर्शन कर रहे हैं. नवरात्रों में भक्तों को लेकर कालकाजी मंदिर में व्यापक तैयार की गई है.
प्रवेश के लिए लोटस टेंपल और राम प्याऊ /नेहरू प्लेस के तरफ से भक्तों को प्रवेश दिया जा रहा है.भक्त लाइनों में लगकर माता के जयकारों के साथ दर्शन कर रहे हैं. बता दें रक्तबीज नामक दानव का संहार करने के लिए माता ने अपने मुख का विस्तार किया था।माता का वहीं विस्तारित रूप कालकाजी मंदिर में स्थापित है. नवरात्रों में यहां विशेष रूप से पूजा अर्चना होती है और यहां माता के दर्शन के लिए नवरात्रों के दौरान लाखों भक्त पहुंचते हैं