जालोर. जिले के आहोर उपखंड क्षेत्र के ओडवाड़ा गांव में दो भाइयों के बीच जमीन बंटवारे को लेकर विवाद हाईकोर्ट पहुंच गया. इसके बाद राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रशासन की ओर से गुरुवार को चिह्नित 138 पक्के अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू होते ही एक बार तो माहौल तनावपूर्ण हो गया. लोगों के साथ बड़ी संख्या में महिलाओं ने प्रशासन का रास्ता रोका. काफी देर समझाइश की गई, लेकिन ग्रामीण नहीं माने. इसके बाद पुलिस जाप्ते ने लोगों को सड़क से हटाया. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों की पूरी टीम मौजूद रही.
आहोर उपखंड अधिकारी शंकरलाल मीणा ने बताया कि करीब 35 एकड़ जमीन में 138 पक्के निर्माण चिह्नित किए गए हैं, जिन्हें हटाने की कार्रवाई शुरू की गई है. इसमें कई लोगों ने न्यायालय से फिर से स्थगन आदेश भी ले रखा है, लेकिन गुरुवार को 138 चिह्नित पक्के निर्माण को हटाने की कार्रवाई की गई है. मीणा ने बताया कि गर्मी के मौसम को देखते हुए आवासरत किसी व्यक्ति को बेघर करने का प्रयास नहीं किया गया है. दीवारों को तोड़ा गया है। न्यायालय की पालना में कार्रवाई की गई है. आपको बता दें कि इस संबंध में 20 मई को प्रशासन की ओर से न्यायालय में जवाब पेश करना है.
जानकारी के मुताबिक ओड़वाड़ा गांव में दो भाइयों के बीच हुए विवाद के बाद एक पक्ष हाईकोर्ट चला गया. गांव के ओरण में अतिक्रमण होने का मामला दायर किया गया था. इसकी जांच पड़ताल के बाद न्यायालय ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के आदेश बीते वर्ष भी दिए थे. उस दौरान प्रशासन ने 67 कच्चे अतिक्रमण हटाए थे. न्यायालय के आदेश पर गुरुवार को पुनः पक्के अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई. यहां बड़ी संख्या में पुलिस जाप्ता तैनात किया गया. इस कार्रवाई के दौरान आहोर, जालोर व सायला के उपखंड अधिकारी भी मौजूद रहे.