रांची: सीजीएल परीक्षा को लेकर चल रहे विवाद के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज 27 सितंबर को जेएसएससी द्वारा विभिन्न पदों पर चयनित 527 अभ्यर्थियों के बीच नियुक्ति पत्र वितरित किया. जैप वन सभागार में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने नव चयनित अभ्यर्थी और उनके परिवार को बधाई दी. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में लगातार नियुक्ति प्रक्रिया जारी है.
उन्होंने उत्पाद सिपाही भर्ती के दौरान शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान एक दर्जन से अधिक युवाओं के खोने पर दुख जताते हुए इस पर चिंता जताई. मुख्यमंत्री ने इस संबंध में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से इसकी जांच कराने के संबंध में लिखे गए पत्र की जानकारी देते हुए कहा कि यह बेहद ही चौकाने वाली बात है कि झारखंड के युवक पांच और दस किलोमीटर चल और दौड़ नहीं सके ऐसा नहीं हो सकता है. यह जांच की बात है इसलिए हमने इस संबंध में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय से सहयोग करने की अपील की है.
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में सीजीएल परीक्षा को लेकर उठे विवाद पर चिंता जताते हुए कहा कि मीडिया ट्रायल के जरिए सरकार पर कालिख पोतने का काम किया जा रहा है. इसके बावजूद सरकार पूरे संकल्पित होकर काम कर रही है. मुख्यमंत्री ने इस संबंध में मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि आयोग ने इस संबंध में सफाई दे दिया है.
डोरंडा स्थित जैप वन सभागार में आयोजित नियुक्ति वितरण समारोह कार्यक्रम में कुल 527 अभ्यर्थियों को आज नियुक्ति पत्र दिया गया जिसमें 200 सहायक शिक्षक शामिल हैं. मुख्यमंत्री के द्वारा इस मौके पर सांकेतिक रूप से कुछ अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया गया. जिन पदों के लिए नियुक्ति पत्र अभ्यर्थियों को दिया गया है उसमें पीजीटी शिक्षक, टीजीटी शिक्षक, सहायक शिक्षक, प्रयोगशाला सहायक, जेई, कम्प्यूटर सहायक, रिम्स में तृतीय श्रेणी के पद शामिल हैं.
इस मौके पर वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव और श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने संबोधित करते हुए नवचयनित अभ्यर्थियों को बधाई दी. मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री हफिजुल, सांसद महुआ माजी की मौजूदगी में आयोजित इस नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में सबसे ज्यादा कोई खुश था तो वह नव चयनित अभ्यर्थी जो लंबे समय से सरकारी नौकरी पाने की प्रतीक्षा कर रहे थे. अभ्यर्थी वर्षा परिहार भूगोल विषय की पीजीटी शिक्षिका बनी हैं. कल तक निजी विद्यालय में पढ़ा कर जीवन यापन कर रही थीं. आज सरकारी शिक्षक बनने से वे बेहद खुश थी. इसी तरह नवचयनित अभ्यर्थी अनु भट्टाचार्य मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताते हुए काफी खुश दिखे.
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