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Delhi: एनसीआर में इस जगह पर बनेगा ओलंपिक विलेज, एक ही छत के नीचे खिलाड़ियों को मिलेंगी सभी सुविधाएं

*यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में ओलंपिक विलेज और ओलंपिक पार्क का किया जाएगा विकास. *ओलंपिक सिटी को ओलंपिक मानकों के मुताबिक बनाया जाएगा.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

यमुना प्राधिकरण
यमुना प्राधिकरण (Etv Bharat)

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: भारत की खेल संस्कृति को नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया जा रहा है. यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर 22 एफ और 23 बी में ओलंपिक विलेज और ओलंपिक पार्क का विकास किया जाएगा. इस परियोजना के तहत ओलंपिक खेलों में शामिल 22 खेलों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी. मास्टर प्लान 2041 को मंजूरी मिलने से इस महत्वपूर्ण योजना में गति आई है.

यमुना सिटी: एक नई शुरुआत: ग्रेटर नोएडा में यमुना सिटी के विकास के तहत नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, मेडिकल डिवाइस पार्क, इंटरनेशनल फिल्म सिटी, जापानी सिटी और कोरिया सिटी जैसे प्रमुख प्रोजेक्ट भी शामिल हैं. इन परियोजनाओं के चलते यमुना सिटी न केवल खेलों में बल्कि विभिन्न औद्योगिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बनता जा रहा है.

एनसीआर में यहां बनेगा ओलंपिक विलेज (ETV Bharat)

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि ओलंपिक विलेज और ओलंपिक सिटी के लिए पहले से निर्धारित 442 हेक्टेयर भूमि को और भी विस्तारित किया जाएगा. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य न केवल ओलंपिक खेलों की मेज़बानी करना है, बल्कि भारत के खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों के लिए उनके कौशल और प्रतिभा को निखारने का एक मंच प्रदान करना भी है.

सुविधाओं की भरपूर व्यवस्था: ओलंपिक विलेज और ओलंपिक सिटी में स्टेडियमों के साथ-साथ स्पोर्ट्स क्लब, कोचिंग सेंटर, कन्वेंशन सेंटर, थीम पार्क, मॉल और प्लाज़ा जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इस प्रोजेक्ट के जरिए खिलाड़ियों को एक ही स्थल पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना है.

ओलंपिक खेलों का आयोजन करने के लिए बनाए जा रहे स्टेडियम में ओलंपिक के सभी खेलों को समाहित किया जाएगा. यह परियोजना एक पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर आधारित होगी, जिसमें भूमि प्राधिकरण की होगी और अवसंरचना विकास खेलों को आयोजित करने वाली बड़ी संस्थाओं द्वारा किया जाएगा.

सामुदायिक विकास और रोजगार की संभावना: यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में ओलंपिक विलेज को 52 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित करने की संभावना है, जिसमें 5000 घर बनाए जाएंगे. इन आवासों का उद्देश्य विभिन्न देशों से आने वाले खिलाड़ियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करना है. इस प्रकार, न केवल खेल संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे.

भारत में खेलों के विकास के साथ-साथ नागरिकता और समाज की तरक्की के लिए यह परियोजना एक नई दिशा दे सकती है. ओलंपिक विलेज और पार्क के निर्माण से यकीनन न केवल भारतीय खेलों का विकास होगा, बल्कि यह देश को अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर भी एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने में सहायक होगा.

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: भारत की खेल संस्कृति को नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया जा रहा है. यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर 22 एफ और 23 बी में ओलंपिक विलेज और ओलंपिक पार्क का विकास किया जाएगा. इस परियोजना के तहत ओलंपिक खेलों में शामिल 22 खेलों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी. मास्टर प्लान 2041 को मंजूरी मिलने से इस महत्वपूर्ण योजना में गति आई है.

यमुना सिटी: एक नई शुरुआत: ग्रेटर नोएडा में यमुना सिटी के विकास के तहत नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, मेडिकल डिवाइस पार्क, इंटरनेशनल फिल्म सिटी, जापानी सिटी और कोरिया सिटी जैसे प्रमुख प्रोजेक्ट भी शामिल हैं. इन परियोजनाओं के चलते यमुना सिटी न केवल खेलों में बल्कि विभिन्न औद्योगिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बनता जा रहा है.

एनसीआर में यहां बनेगा ओलंपिक विलेज (ETV Bharat)

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि ओलंपिक विलेज और ओलंपिक सिटी के लिए पहले से निर्धारित 442 हेक्टेयर भूमि को और भी विस्तारित किया जाएगा. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य न केवल ओलंपिक खेलों की मेज़बानी करना है, बल्कि भारत के खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों के लिए उनके कौशल और प्रतिभा को निखारने का एक मंच प्रदान करना भी है.

सुविधाओं की भरपूर व्यवस्था: ओलंपिक विलेज और ओलंपिक सिटी में स्टेडियमों के साथ-साथ स्पोर्ट्स क्लब, कोचिंग सेंटर, कन्वेंशन सेंटर, थीम पार्क, मॉल और प्लाज़ा जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इस प्रोजेक्ट के जरिए खिलाड़ियों को एक ही स्थल पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना है.

ओलंपिक खेलों का आयोजन करने के लिए बनाए जा रहे स्टेडियम में ओलंपिक के सभी खेलों को समाहित किया जाएगा. यह परियोजना एक पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर आधारित होगी, जिसमें भूमि प्राधिकरण की होगी और अवसंरचना विकास खेलों को आयोजित करने वाली बड़ी संस्थाओं द्वारा किया जाएगा.

सामुदायिक विकास और रोजगार की संभावना: यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में ओलंपिक विलेज को 52 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित करने की संभावना है, जिसमें 5000 घर बनाए जाएंगे. इन आवासों का उद्देश्य विभिन्न देशों से आने वाले खिलाड़ियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करना है. इस प्रकार, न केवल खेल संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे.

भारत में खेलों के विकास के साथ-साथ नागरिकता और समाज की तरक्की के लिए यह परियोजना एक नई दिशा दे सकती है. ओलंपिक विलेज और पार्क के निर्माण से यकीनन न केवल भारतीय खेलों का विकास होगा, बल्कि यह देश को अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर भी एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने में सहायक होगा.

Last Updated : 2 hours ago
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