पटना : चुनाव आयोग से लेकर सरकार तक वोट डालने की अपील की जा रही हैं. मतदाताओं में जागरूकता हो इसको लेकर हर तरह से कैंपेन किया जा रहा है. इस कैंपेन से मतदाता जागरूक हो रहे हैं और मतदान केंद्र पर पहुंच भी रहे हैं. कुछ ऐसी ही तस्वीर देखी गई पटना के विमेंस कॉलेज बूथ पर.
लोकतंत्र की खूबसूरत तस्वीर : बेटा-बहू के साथ एक दिव्यांग मां वोट देने मतदान केंद्र पर पहुंची. लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए यह तस्वीर काफी है. जिस जज्बे के साथ यह पूरा परिवार वोट देने पहुंचा उनको देखकर लोग उनकी तारीफ कर रहे थे. वहीं कुछ नए वोटर भी पहुंचे और कुछ कम उम्र की बच्चे भी पहुंचे, यह देखने के लिए कि वोट कैसे दिया जाता है.
व्हीलचेयर पर मां को लेकर आए : पीयूष और पारुल पटना वीमेंस कॉलेज पर अपनी मां को लेकर पहुंचे थे. पीयूष की मां थी और पारुल की सासू मां. दोनों जब गाड़ी से उतरे और उन्होंने अपनी मां को व्हीलचेयर पर बैठाया तो उनकी तस्वीर लेने वालों की भीड़ लग गई. क्योंकि मां एक कदम भी चल नहीं पाती थी. बेटे ने मां को व्हील चेयर पर बैठाया और बहू ने सहारा दिया. उसके बाद तीनों वोट देने पटना विमेंस कॉलेज के बूथ पर पहुंचे. तीनों ने एक साथ वोट किया. यह तस्वीर लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए काफी है.
'एक-एक वोट जरूरी है' : पीयूष की मां कहती हैं कि, ''बहुत अच्छा लग रहा है यहां तक मैं वोट देने पहुंचती हूं. देश बढ़े, देश तरक्की करे, बेटियों को पढ़ना है, बेटियों को आगे बढ़ाना है, इस आधार को लेकर मैंने वोट दिया. लो शुगर हो गया उसके बाद बेटा मीठा खिलाकर मुझे बूथ तक लाया है.''
''देश को आगे बढ़ाना है तो थोड़ी तकलीफ लेनी ही पड़ेगी. बिना तकलीफ के देश आगे नहीं बढ़ सकता है. डेवलपमेंट को आधार रखकर हमने वोट किया.''- पियूष, मतदाता, पटना साबिह
'एक-एक वोट जरूरी' : वहीं पियूष की पत्नी पारुल ने कहा कि मैं अपनी सासू मां को यहां तक नहीं लाती, मैं घर पर ही छोड़ देती तो यह अच्छा नहीं है. एक-एक प्रत्याशी के लिए, एक-एक वोट जरूरी है. लोकतंत्र को जिताना चाहते हैं, तो एक-एक वोट बहुत जरूरी है.
सिस्टम को दिखाना जरूरी : दूसरी तरफ पहली बार वोट देने ऋचा और उसकी बहन आई. बहन ने तो वोट नहीं किया. लेकिन ऋचा ने वोट किया. अपने पापा के साथ आई ऋचा कहती हैं देश को जागरूक करना है, शिक्षा को बढ़ावा देना है. उनकी उनकी माइनर बहन ने कहा कि मैं बस देखने आई हूं. 2 साल बाद मुझे भी वोट देना है. बेटियों के पिता ने कहा कि मैं अपनी बेटियों को इसलिए लाया हूं कि लोकतंत्र के बारे में इन लोगों को पता चले. इन लोगों को पता चले और यह जरूरी है कि इस सिस्टम को यह लोग जान सके.
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