रांची: रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा को मिली सूचना के आधार पर लूट और छिनतई की वारदातों को अंजाम देने में माहिर जाजपुर गैंग के पांच सदस्यों को पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया है. गिरोह के द्वारा रांची के अलग-अलग थाना क्षेत्र से एक दर्जन से ज्यादा लूट और छिनतई की वारदातों को अंजाम दिया गया था.
रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि हाल के दिनों में बैंक से पैसे निकाल कर अपने घर लौटने वाले लोगों को निशाना बनाया जा रहा था. मामले की तफ्तीश में जुटी पुलिस सादे लिबास में लगातार बैंकों के सामने संदिग्ध लोगों पर नजर रख रही थी. इसी दौरान मांडर थाना क्षेत्र के एक बैंक के पास सादे लिबास में तैनात पुलिसकर्मियों को बैंक के बाहर लगातार तीन दिन से आ रहे तीन संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर पड़ी. आशंका के बाद पुलिस की टीम ने तीनों को जब पकड़ना चाहा तो तीनों फरार होने की कोशिश करने लगे लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें खदेड़ कर दबोच लिया. गिरफ्तार अपराधियों के निशानदेही पर उनके दो अन्य साथियों को भी गिरफ्तार किया गया.
कौन-कौन हुए गिरफ्तार
रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों में अउला आलोक राव, करण प्रधान, काली कबाड़ी, अउला धर्म राव और अउला तारों शामिल है. गिरफ्तार सभी अपराधी ओडिशा के जाजपुर के रहने वाले हैं. चोरी, छिनतई और लूट ही इस गिरोह का मुख्य पेशा है.
आठ थानों में मामला दर्ज
गिरफ्तार अपराधियों ने रांची के आठ थाना क्षेत्र में बैंक से पैसे निकाल कर जाने वाले लोगों के साथ छिनतई की थी. इस गिरोह के द्वारा रांची के मांडर, रातु, खेलारी, बेडो, चान्हो और डोरंडा इलाके में छिनतई की वारदातों को अंजाम दिया गया था. जाजपुर गैंग के द्वारा बैंक के बाहर और भीतर पहले रेकी की जाती थी उसके बाद छिनतई को अंजाम दिया जाता था. गिरफ्तार अपराधियों के पास से चोरी की बाइक, मास्टर की, 12 हजार नगद सहित कई अन्य सामान बरामद किए गए हैं.
किराए के मकान में रह दे रहे थे वारदातों को अंजाम
रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि ओडिशा का यह गिरोह रांची के ग्रामीण इलाकों में किराए का मकान लेकर पहले अपना डेरा जमाता था उसके बाद रेकी कर वारदातों को अंजाम दिया करता था. गिरफ्तार अपराधियों के ऊपर दूसरे राज्यों में भी मामले दर्ज हैं.
पैसे तुरन्त ओडिशा पहुंचा देते थे
पूछताछ के दौरान अपराधियों ने स्वीकार किया है कि छिनतई या लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद वे लुटे हुए पैसा लेकर तुरंत अपने एक साथी को ओडिशा भेज देते थे. उनके साथी पैसे ओडिशा पहुंचाकर वापस लौटता था उसके बाद फिर वह दूसरी वारदात को अंजाम देते थे.
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