लातेहार: चतरा संसदीय क्षेत्र में इस बार राजनीतिक दलों के लिए राह आसान नहीं दिख रही है. ओबीसी मोर्चा के द्वारा जहां ओबीसी की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा जा रहा है कि ओबीसी वर्ग से निर्दलीय उम्मीदवार उतारे जाएंगे. वहीं अब मुस्लिम समाज के लोग भी राजनीतिक पार्टियों का विरोध करने लगे हैं और निर्दलीय उम्मीदवार उतारने की बात कहने लगे हैं. यदि दोनों समुदायों के विरोध के स्वरों को शांत नहीं हुआ तो राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के लिए जीत की राह कठिन हो जायेगी.
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने चतरा संसदीय क्षेत्र से सामान्य वर्ग के व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी से कालीचरण सिंह और कांग्रेस से कृष्णानंद त्रिपाठी मैदान में हैं. इस मामले में ओबीसी समुदाय का कहना है कि चतरा संसदीय क्षेत्र में ओबीसी वर्ग की संख्या काफी अधिक है. इसके बावजूद न तो भारतीय जनता पार्टी और न ही इंडिया गठबंधन ने किसी ओबीसी को अपना उम्मीदवार बनाया.
"चतरा संसदीय क्षेत्र में राजनीतिक दलों ने ओबीसी वर्ग के साथ अन्याय किया है. लेकिन अब ओबीसी वर्ग चुप बैठने वाला नहीं है. ओबीसी मोर्चा यह तय कर रहा है कि एक मजबूत ओबीसी प्रत्याशी को स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा जाए और उसकी जीत सुनिश्चित की जाए. इस मामले पर जल्द ही अंतिम फैसला लिया जाएगा." - शत्रुघ्न प्रसाद, जिलाध्यक्ष, ओबीसी मोर्चा, लातेहार
चतरा में इंडिया गठबंधन में विवाद
वहीं इंडिया गठबंधन द्वारा झारखंड के किसी भी लोकसभा क्षेत्र से मुस्लिम समुदाय के लोगों को उम्मीदवार नहीं बनाये जाने से मुस्लिम समाज में भी नाराजगी है. एक दिन पहले चतरा जिले में मुस्लिम समुदाय की बैठक भी हुई थी जिसमें चतरा लोकसभा क्षेत्र के सभी विधानसभा क्षेत्रों के लोगों को आमंत्रित किया गया था. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि महागठबंधन प्रत्याशी का विरोध किया जायेगा. यह भी बताया जा रहा है कि मुस्लिम समाज ने राष्ट्रीय जनता दल समर्थित उम्मीदवार को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारने का भी फैसला किया है.
"जिस तरह से पूरे झारखंड में मुस्लिम समाज को नजरअंदाज करने का काम महागठबंधन ने किया है, उसी तरह से महागठबंधन को परिणाम भुगतना होगा. पूरे झारखंड में मुस्लिम समाज के लोग तीसरे मोर्चे का विकल्प तलाश रहे हैं. जल्द ही यह धरातल पर भी उतरेगा." - मोहम्मद नेसार अहमद, सामाजिक कार्यकर्ता
लातेहार में किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं
इधर चतरा संसदीय क्षेत्र में भी इंडिया गठबंधन में विवाद की खबरें सामने आने लगी हैं. चतरा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी का चतरा जिले के कुछ राष्ट्रीय जनता दल कार्यकर्ताओं ने विरोध किया.
"लातेहार जिले में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार को लेकर किसी तरह का कोई विवाद नहीं है. नेतृत्व ने ही निर्णय लेकर इंडिया गठबंधन का प्रत्याशी बनाया है, हम सब उनके साथ हैं और उनकी जीत सुनिश्चित करेंगे." - रामप्रवेश यादव, जिलाध्यक्ष, राजद
कई लोग मैदान में उतरने को उत्सुक
बीजेपी के कैडर वोटर माने जाने वाले ओबीसी वर्ग में नाराजगी और मुस्लिम वर्ग में महागठबंधन के प्रति नाराजगी को देखते हुए कई बड़े नेता चतरा संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने को उत्सुक हैं. सूत्रों की मानें तो पूर्व केंद्रीय मंत्री और चतरा संसदीय क्षेत्र के पूर्व सांसद नागमणि एक बार फिर चतरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. चतरा संसदीय क्षेत्र से लगातार दूसरी बार और तीन बार सांसद चुने जा चुके वरिष्ठ नेता धीरेंद्र अग्रवाल भी चुनाव लड़ सकते हैं.
ओबीसी मोर्चा का एक बड़ा वर्ग चाहता है कि धीरेंद्र अग्रवाल निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ें. हालांकि, दोनों नेता अपने नफा-नुकसान को देखते हुए चुनाव मैदान में उतरने का फैसला कर सकते हैं. क्योंकि 2009 के चुनाव में धीरेंद्र अग्रवाल ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था. लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गयी थी. इसी तरह, पूर्व मंत्री नागमणि ने 2014 के लोकसभा चुनाव में आजसू उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें केवल 35,000 वोट ही मिल सके और उनकी जमानत जब्त हो गई थी.
चतरा संसदीय क्षेत्र में जिस तरह का माहौल है. इससे पूरे लोकसभा क्षेत्र में असमंजस की स्थिति है. अगर राष्ट्रीय पार्टियां क्षेत्र में उपजे विवाद को नहीं सुलझा पाती हैं तो भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.