देहरादून: दून शहर की आबोहवा इन दिनों सांस के रोगियों के लिए मुसीबत का सबब बन रही है. स्वच्छ हवा के लिए पहचान रखने वाला देहरादून शहर में वायु प्रदूषण की स्थिति दीपावली के रात से ही बनी हुई है. इससे विशेष कर श्वांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
देहरादून जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉक्टर संजय जैन के मुताबिक, देहरादून में भी वायु प्रदूषण की स्थिति देखने को मिल रही है. वायु प्रदूषण के बढ़े स्तर के कारण बुजुर्गों में सांस लेने की तकलीफ समेत कई समस्याएं बढ़ जाती हैं. सभी अस्पतालों को यह दिशा निर्देश जारी किए गए हैं कि ओपीडी में श्वांस संबंधी, मधुमेह (डायबिटीज) और हाइपरटेंशन (उक्त रक्तचाप) से जूझ रहे बुजुर्ग मरीजों का समुचित इलाज किया जाए.
सीएमओ डॉक्टर जैन ने बताया कि वयस्कों की तुलना में बुजुर्गों की प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होती है. जिस कारण उन्हें बीमारियां तेजी से जकड़ लेती हैं. ऐसा वातावरण होने की वजह से बुजुर्गों को गंभीर अस्थमा और श्वांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. उन्होंने देहरादून के वायुमंडल में तैर रहे प्रदूषण को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है.
डॉ. जैन के मुताबिक, जिले के सभी अस्पतालों के संबंधित अधिकारियों से कहा गया है कि इसके कारण प्रभावित होने वाले मरीज अगर अस्पताल आते हैं तो उनके उपचार के लिए अस्पतालों में समुचित इंतजाम किए जाएं. कोरोनेशन अस्पताल देहरादून के पीएमएस डॉ. वीएस पंवार ने बताया दीपावली के बाद सांस संबंधी शिकायतों के मरीजों की संख्या में 25 फीसदी इजाफा हुआ है.
ये भी है कारण: दरअसल देहरादून में इन दिनों मौसम फिलहाल पूरी तरह से शुष्क है. लेकिन दून शहर में वायु प्रदूषण की वजह से चटक धूप नहीं खिल रही है. अमूमन लोग सुबह की ताजी हवा में टहलने के लिए निकलते हैं. लेकिन प्रदूषण सुबह और शाम को टहलने वाले लोगों के लिए यह नुकसानदेह साबित हो सकता है.
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