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कॉर्बेट पार्क में घड़ियाल और मगरमच्छों की संख्या बढ़ी, ऊदबिलाव हुए कम, आ गए गणना के नतीजे - Jim Corbett National Park

Aquatic animals in Jim Corbett National Park विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हर वर्ष की जाने वाली जलीव जीवों की गणना के नतीजे सामने आ गए हैं. कॉर्बेट पार्क से सटकर जाने वाली रामगंगा नदी में जलीय जीवों के आंकड़ों में मगरमच्छ और घड़ियालों की संख्या में वृद्धि हुई है. गणना में पता चला है कि ऊदबिलाव की संख्या घटी है. सीटीआर डायरेक्टर डॉ धीरज पांडे का ऊदबिलाव की संख्या घटने पर अपना तर्क है.

Corbett National Park
कॉर्बेट जलीय जीव गणना
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 22, 2024, 12:22 PM IST

रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व बाघ, हाथी, गुलदार, भालू और पक्षियों समेत अन्य वन्य जीवों के लिए ही नहीं बल्कि जलीव जीवों के लिए भी जाना जाता है. इन जलीय जीवों के दीदार के लिये भी पर्यटक यहां पहुंचते हैं. हर वर्ष पार्क प्रशासन जलीव जीवों की गणना का कार्य करता है. इस वर्ष भी फरवरी और मार्च के प्रथम सप्ताह में इन जलीव जीवों की गणना का कार्य किया गया.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में जलीय जीवों की गणना का रिजल्ट: इस बार की गणना में मगरमच्छों की संख्या 50 प्रतिशत तो घड़ियालों की संख्या में 80 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. मगर ऊदबिलाव की संख्या में गिरावट आना चिंता का विषय है. बता दें कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की 12 रेंजों में इस माह 5 से 7 मार्च तक तीन दिवसीय जलीय जीव गणना की गई थी. ग्रीष्मकालीन जलीय जीव गणना के लिए विभिन्न रेंजों के तहत नदी क्षेत्र एवं कालागढ़ बांध क्षेत्र चिन्हित किये गये थे. इसमें सीटीआर के समस्त नदी क्षेत्र, डूब क्षेत्र एवं कालागढ़ बांध क्षेत्र के विशाल परिदृश्य को सम्मिलित किया गया. इस कार्य में डाइरेक्ट साइटिंग मैथड (प्रत्यक्ष उपस्थिति प्रणाली) अपनाया गया. जिसमें मगरमच्छ, घड़ियाल और ऊदबिलाव की गणना की गई.

घड़ियाल, मगरमच्छ बढ़े: 2023 में कॉर्बेट में 102 घड़ियाल देखे गए थे. 2024 में 183 घड़ियाल दिखे हैं. इस प्रकार 81 घड़ियाल बढ़े हैं.
2023 की गणना में 129 मगरमच्छ दिखे थे. 2024 में 197 मगरमच्छ देखे गए हैं. इस प्रकार मगरमच्छों की संख्या में 68 की वृद्धि हुई है.

ऊदबिलाव की संख्या घटी: वहीं ऊदबिलाव की बात करें तो इनकी संख्या में कमी आई है. 2023 में 183 ऊदबिलाव देखे गए थे. 2024 की गणना में सिर्फ 161 ऊदबिलाऊ दिखे हैं. इस प्रकार 22 ऊदबिलाऊ कम हुए हैं. वहीं सीटीआर डायरेक्टर डॉ धीरज पांडे ने बताया कि इस गणना में ऊदबिलाव की संख्या में कमी आने का कारण प्रत्यक्ष रूप से इन्हें कम देखा जाना है. उन्होंने बताया कि ऊदबिलाव एकांतवासी होता है. कई बार प्रत्यक्ष गणना में दिखाई नहीं देता. आगामी गणना में इस दुर्लभ प्रजाति के संरक्षण हेतु जलीय क्षेत्रों के आस-पास कैमरा ट्रैप्स का उपयोग किया जायेगा, जिससे इनकी संख्या का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है.
ये भी पढ़ें: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से विलुप्त हो गए लकड़बग्घे! साल 2016 के बाद एक भी नहीं दिखाई दिया

रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व बाघ, हाथी, गुलदार, भालू और पक्षियों समेत अन्य वन्य जीवों के लिए ही नहीं बल्कि जलीव जीवों के लिए भी जाना जाता है. इन जलीय जीवों के दीदार के लिये भी पर्यटक यहां पहुंचते हैं. हर वर्ष पार्क प्रशासन जलीव जीवों की गणना का कार्य करता है. इस वर्ष भी फरवरी और मार्च के प्रथम सप्ताह में इन जलीव जीवों की गणना का कार्य किया गया.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में जलीय जीवों की गणना का रिजल्ट: इस बार की गणना में मगरमच्छों की संख्या 50 प्रतिशत तो घड़ियालों की संख्या में 80 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. मगर ऊदबिलाव की संख्या में गिरावट आना चिंता का विषय है. बता दें कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की 12 रेंजों में इस माह 5 से 7 मार्च तक तीन दिवसीय जलीय जीव गणना की गई थी. ग्रीष्मकालीन जलीय जीव गणना के लिए विभिन्न रेंजों के तहत नदी क्षेत्र एवं कालागढ़ बांध क्षेत्र चिन्हित किये गये थे. इसमें सीटीआर के समस्त नदी क्षेत्र, डूब क्षेत्र एवं कालागढ़ बांध क्षेत्र के विशाल परिदृश्य को सम्मिलित किया गया. इस कार्य में डाइरेक्ट साइटिंग मैथड (प्रत्यक्ष उपस्थिति प्रणाली) अपनाया गया. जिसमें मगरमच्छ, घड़ियाल और ऊदबिलाव की गणना की गई.

घड़ियाल, मगरमच्छ बढ़े: 2023 में कॉर्बेट में 102 घड़ियाल देखे गए थे. 2024 में 183 घड़ियाल दिखे हैं. इस प्रकार 81 घड़ियाल बढ़े हैं.
2023 की गणना में 129 मगरमच्छ दिखे थे. 2024 में 197 मगरमच्छ देखे गए हैं. इस प्रकार मगरमच्छों की संख्या में 68 की वृद्धि हुई है.

ऊदबिलाव की संख्या घटी: वहीं ऊदबिलाव की बात करें तो इनकी संख्या में कमी आई है. 2023 में 183 ऊदबिलाव देखे गए थे. 2024 की गणना में सिर्फ 161 ऊदबिलाऊ दिखे हैं. इस प्रकार 22 ऊदबिलाऊ कम हुए हैं. वहीं सीटीआर डायरेक्टर डॉ धीरज पांडे ने बताया कि इस गणना में ऊदबिलाव की संख्या में कमी आने का कारण प्रत्यक्ष रूप से इन्हें कम देखा जाना है. उन्होंने बताया कि ऊदबिलाव एकांतवासी होता है. कई बार प्रत्यक्ष गणना में दिखाई नहीं देता. आगामी गणना में इस दुर्लभ प्रजाति के संरक्षण हेतु जलीय क्षेत्रों के आस-पास कैमरा ट्रैप्स का उपयोग किया जायेगा, जिससे इनकी संख्या का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है.
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