अयोध्या : रामनगरी में 70 एकड़ के राम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर के अलावा अन्य मंदिरों का भी निर्माण चल रहा है. प्राचीन स्थलों को भी दर्शनीय स्थलों के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसी क्रम में अंगद टीले पर चरण पादुका के प्रतीक चिन्ह को तैयार किया जा रहा है. परिसर में आने वाले रामलला के भक्त इनका दर्शन-पूजन कर सकेंगे.
राम जन्मभूमि परिसर में भव्य राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है. चारों तरफ परकोटे का भी निर्माण कराया जा रहा है. इसमें 6 मंदिर स्थापित किए जा रहे हैं. वहीं परिसर में शेषावतार मंदिर, महर्षि अगस्त्य, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि वाल्मीकि, अहिल्या, शबरी और निषाद राज के मंदिर का भी निर्माण चल रहा है.
मंदिर परिसर के बगल स्थित प्राचीन सीताकूप को भी उसकी गरिमा के अनुरूप विकसित किया जा रहा है. प्राचीन कुबेर टीले पर भव्य शिव मंदिर बनाने का कमा चल रहा है. जटायु की प्रतिमा स्थापित किए जाने के साथ आकर्षित करने वाला लैंडस्कैपिंग का कार्य भी किया गया है.
यात्री सुविधा केंद्र के पास स्थित अंगद टीले को भी भव्य रूप दिया जा रहा है. यहां चरण पादुका के प्रतीक चिन्ह बनाए जा रहे हैं. मंदिर परिसर में दर्शन करने के बाद बाहर निकालने के दौरान इस टीले की भव्यता का दर्शन भी श्रद्धालु कर रहे हैं. इसी तरह नील टीला सहित अन्य प्रमुख स्थलों को भी पर प्रतीक चिन्ह को दर्शाया जाएगा.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा के अनुसार परिसर में स्थित सभी प्राचीन स्थलों को उनकी गरिमा के अनुरूप सजाया जा रहा है. परिसर में आने वाला हर एक श्रद्धालु राम मंदिर में दर्शन करने के बाद अन्य मठ मंदिरों में दर्शन कर इन प्राचीन स्थलों को भी देख सकेगा.
बताया कि इन स्थलों के पास एक बोर्ड भी लगाया जाएगा, जिस पर इस स्थान की जानकारी उस पर दर्शाई जाएगी. एक ऑडिटोरियम और ट्रस्ट भवन का निर्माण कराया जा रहा है. शेष अन्य भूमि पर लैंडस्कैपिंग का कार्य किया जा रहा है. आने वाले 1 वर्ष में पूरे परिसर में हर तरफ हरियाली दिखाई देगी.
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