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वित्त वर्ष 2025 में भारत का राजकोषीय घाटा बजट अनुमान से कम रहेगा- केयरएज रेटिंग्स - INDIA FISCAL DEFICIT

वित्त वर्ष 2025 में भारत का राजकोषीय घाटा 4.8 फीसदी रहेगा, जो बजट अनुमान 4.9 फीसदी से कम है.

India fiscal deficit
भारत का राजकोषीय घाटा (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 16, 2024, 10:41 AM IST

नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2025 में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.8 फीसदी रहने का अनुमान है, जो बजट अनुमान 4.9 फीसदी से थोड़ा कम है. केयरएज रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के अनुसार कुछ कमियों के बावजूद इस मामूली सुधार का क्रेडिट हेल्थ टैक्स कलेक्शन को जाता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.8 फीसदी पर अनुमानित करते हैं, जो बजट अनुमान 4.9 फीसदी से थोड़ा कम है.

रिपोर्ट के मुताबिक सकल कर राजस्व में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और इनकम टैक्स कलेक्शन में मजबूत प्रदर्शन देखा गया है. इन लाभों ने कॉर्पोरेट टैक्स और केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमजोर संग्रह के प्रभाव को कम करने में मदद की है

  • हालांकि, केंद्र का पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) अपने लक्ष्य से 1.5 ट्रिलियन डॉलर कम रहने की उम्मीद है, जो दीर्घकालिक बुनियादी ढांचे के विकास को प्रभावित कर सकता है. साथ ही पहले सप्लीमेंट ग्रांट के तहत अतिरिक्त आवंटन के कारण राजस्व खर्च बजट अनुमानों से अधिक हो सकता है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी और आयकर संग्रह में स्वस्थ प्रदर्शन से सकल कर राजस्व को समर्थन मिला है. इससे कॉर्पोरेट कर और केंद्रीय उत्पाद शुल्क संग्रह में कमजोरी को आंशिक रूप से दूर करने में मदद मिली है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि नाममात्र जीडीपी बढ़ोतरी वित्त वर्ष 25 के लिए बजट में निर्धारित 10.5 फीसदी की तुलना में 9.9 फीसदी कम रहने का अनुमान है. इस नरमी के बावजूद भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि वित्त वर्ष 25 में 6.5 फीसदी पर स्वस्थ रहने की उम्मीद है.

  • रिपोर्ट में फूड कीमतों के स्थिर होने के साथ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) महंगाई में नरमी की भी भविष्यवाणी की गई है.

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रिपोर्ट के मुताबिक सकल कर राजस्व में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और इनकम टैक्स कलेक्शन में मजबूत प्रदर्शन देखा गया है. इन लाभों ने कॉर्पोरेट टैक्स और केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमजोर संग्रह के प्रभाव को कम करने में मदद की है

  • हालांकि, केंद्र का पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) अपने लक्ष्य से 1.5 ट्रिलियन डॉलर कम रहने की उम्मीद है, जो दीर्घकालिक बुनियादी ढांचे के विकास को प्रभावित कर सकता है. साथ ही पहले सप्लीमेंट ग्रांट के तहत अतिरिक्त आवंटन के कारण राजस्व खर्च बजट अनुमानों से अधिक हो सकता है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी और आयकर संग्रह में स्वस्थ प्रदर्शन से सकल कर राजस्व को समर्थन मिला है. इससे कॉर्पोरेट कर और केंद्रीय उत्पाद शुल्क संग्रह में कमजोरी को आंशिक रूप से दूर करने में मदद मिली है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि नाममात्र जीडीपी बढ़ोतरी वित्त वर्ष 25 के लिए बजट में निर्धारित 10.5 फीसदी की तुलना में 9.9 फीसदी कम रहने का अनुमान है. इस नरमी के बावजूद भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि वित्त वर्ष 25 में 6.5 फीसदी पर स्वस्थ रहने की उम्मीद है.

  • रिपोर्ट में फूड कीमतों के स्थिर होने के साथ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) महंगाई में नरमी की भी भविष्यवाणी की गई है.

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