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बड़ा फैसला: जिन कर्मियों की अनुबंध अवधि के कारण पूरी नहीं हुई 10 साल की रेगुलर सेवा, उन्हें अब मिलेगी OPS - CONTRACT PERIOD PENSION

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 10, 2024, 6:27 PM IST

Updated : Jun 10, 2024, 8:20 PM IST

अब अनुबंध अवधि की पेंशन भी मिलेगी. कॉन्ट्रैक्ट के कारण जिनकी पेंशन छूट गई उनको मिलेगा लाभ. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हिमाचल सरकार ने जारी किए दिशा निर्देश.

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सुप्रीम कोर्ट (Etv Bharat FILE PHOTO)

शिमला: हिमाचल में सरकारी कर्मियों से जुड़ा एक बहुत अहम फैसला हुआ है. अनुबंध अवधि के कारण जिन कर्मचारियों की नियमित दस साल की सेवा पूरी नहीं हुई. उन्हें अब OPS का लाभ मिल सकेगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब राज्य सरकार ने इस बारे में ऑफिस मेमोरेंडम जारी कर दिया है. वित्त विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने इसे जारी किया है. इस मामले में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में केस हार गई थी.

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वित्त विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने जारी किया ऑफिस मेमोरेंडम (ईटीवी भारत)

आयुर्वेद विभाग का मामला:

सुप्रीम कोर्ट से आयुर्वेद विभाग की शीला देवी केस में एक जजमेंट आयी थी. उसके बाद 10 जून को राज्य सरकार के वित्त विभाग की ओर से कार्यालय आदेश जारी किये गए. इस आदेश से अनुबंध अवधि की पेंशन देने की व्यवस्था हो गयी है. अब ऐसे कर्मचारी या पेंशनरों को ओल्ड पेंशन मिल जाएगी, जिनकी 10 साल की रेगुलर सर्विस अनुबंध अवधि के कारण पूरी नहीं हुई थी. उल्लेखनीय है कि आयुर्वेद विभाग से शीला देवी केस में 7 अगस्त 2023 को आए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार को ऐसे कर्मचारियों की अनुबंध अवधि को पेंशन के लिए गिनना होगा, जो कॉन्ट्रैक्ट से सीधे नियमित हुए हैं. उसके बाद राज्य सरकार ने इस फैसले को कुछ शर्तों के साथ लागू किया है.

एनपीएस लेने वालों को नहीं मिलेगी ये पेंशन:

राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए कार्यालय आदेश में एक अहम शर्त लगाई गई है. इसमें कहा गया है कि अभी जिन कर्मचारियों ने ओल्ड पेंशन के बजाय नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस के लिए विकल्प दिया है, वे कॉन्ट्रैक्ट सर्विस को पेंशन के लिए काउंट करने के पात्र नहीं होंगे. बता दें कि राज्य सरकार ने 15 मई 2003 से हिमाचल में एनपीएस को लागू कर दिया था, जिसे 31 मार्च 2023 को फिर से ओल्ड पेंशन में कन्वर्ट किया गया है. इस फैसले से लाभान्वित होने वाले कर्मचारियों में खुशी की लहर है.

क्या लिखा है आदेश में:

वित्त विभाग के कार्यालय आदेश में कहा गया है कि सिर्फ उन्हीं अनुबंध कर्मचारियों को पेंशन मिलेगी, जिनका चयन हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग या पूर्व के कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से अनुबंध नीति में हुआ है अन्य किसी एजेंसी से चयनित होकर आए कर्मचारियों को यह लाभ नहीं मिलेगा. एक शर्त यह भी होगी कि इन कर्मचारियों में कॉन्ट्रैक्ट और रेगुलर सर्विस के बीच कोई ब्रेक न हो. ऐसे सभी कर्मचारियों को 30 दिन के भीतर अपने हेड ऑफ ऑफिस या हेड ऑफ डिपार्टमेंट के माध्यम से 30 दिन के भीतर विकल्प देना होगा. बड़ी बात है कि यह विकल्प अंतिम होगा और बाद में बदला नहीं जा सकेगा.

यदि किसी कर्मचारी या पेंशन में विकल्प नहीं दिया तो यह माना जाएगा कि वह कॉन्ट्रैक्ट सर्विस को सीसीएस पेंशन रूल्स 1972 के तहत काउंट नहीं करवाना चाहता. यदि रेगुलर होने के बाद कर्मचारियों की मृत्यु हो गई है तो परिवार के सदस्य को नियमानुसार फैमिली पेंशन लगेगी. यदि बिना रेगुलर हुए अनुबंध अवधि में ही मृत्यु हो गई है, तो पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा. यह विकल्प मिलने के बाद संबंधित विभाग की कंपीटेंट अथॉरिटी कॉन्ट्रैक्ट सर्विस को काउंट कर इस बारे में एक ऑर्डर पास करेगी, जिसे संबंधित कर्मचारियों की सर्विस बुक में भी अटैच किया जाएगा.

शिमला: हिमाचल में सरकारी कर्मियों से जुड़ा एक बहुत अहम फैसला हुआ है. अनुबंध अवधि के कारण जिन कर्मचारियों की नियमित दस साल की सेवा पूरी नहीं हुई. उन्हें अब OPS का लाभ मिल सकेगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब राज्य सरकार ने इस बारे में ऑफिस मेमोरेंडम जारी कर दिया है. वित्त विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने इसे जारी किया है. इस मामले में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में केस हार गई थी.

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वित्त विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने जारी किया ऑफिस मेमोरेंडम (ईटीवी भारत)

आयुर्वेद विभाग का मामला:

सुप्रीम कोर्ट से आयुर्वेद विभाग की शीला देवी केस में एक जजमेंट आयी थी. उसके बाद 10 जून को राज्य सरकार के वित्त विभाग की ओर से कार्यालय आदेश जारी किये गए. इस आदेश से अनुबंध अवधि की पेंशन देने की व्यवस्था हो गयी है. अब ऐसे कर्मचारी या पेंशनरों को ओल्ड पेंशन मिल जाएगी, जिनकी 10 साल की रेगुलर सर्विस अनुबंध अवधि के कारण पूरी नहीं हुई थी. उल्लेखनीय है कि आयुर्वेद विभाग से शीला देवी केस में 7 अगस्त 2023 को आए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार को ऐसे कर्मचारियों की अनुबंध अवधि को पेंशन के लिए गिनना होगा, जो कॉन्ट्रैक्ट से सीधे नियमित हुए हैं. उसके बाद राज्य सरकार ने इस फैसले को कुछ शर्तों के साथ लागू किया है.

एनपीएस लेने वालों को नहीं मिलेगी ये पेंशन:

राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए कार्यालय आदेश में एक अहम शर्त लगाई गई है. इसमें कहा गया है कि अभी जिन कर्मचारियों ने ओल्ड पेंशन के बजाय नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस के लिए विकल्प दिया है, वे कॉन्ट्रैक्ट सर्विस को पेंशन के लिए काउंट करने के पात्र नहीं होंगे. बता दें कि राज्य सरकार ने 15 मई 2003 से हिमाचल में एनपीएस को लागू कर दिया था, जिसे 31 मार्च 2023 को फिर से ओल्ड पेंशन में कन्वर्ट किया गया है. इस फैसले से लाभान्वित होने वाले कर्मचारियों में खुशी की लहर है.

क्या लिखा है आदेश में:

वित्त विभाग के कार्यालय आदेश में कहा गया है कि सिर्फ उन्हीं अनुबंध कर्मचारियों को पेंशन मिलेगी, जिनका चयन हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग या पूर्व के कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से अनुबंध नीति में हुआ है अन्य किसी एजेंसी से चयनित होकर आए कर्मचारियों को यह लाभ नहीं मिलेगा. एक शर्त यह भी होगी कि इन कर्मचारियों में कॉन्ट्रैक्ट और रेगुलर सर्विस के बीच कोई ब्रेक न हो. ऐसे सभी कर्मचारियों को 30 दिन के भीतर अपने हेड ऑफ ऑफिस या हेड ऑफ डिपार्टमेंट के माध्यम से 30 दिन के भीतर विकल्प देना होगा. बड़ी बात है कि यह विकल्प अंतिम होगा और बाद में बदला नहीं जा सकेगा.

यदि किसी कर्मचारी या पेंशन में विकल्प नहीं दिया तो यह माना जाएगा कि वह कॉन्ट्रैक्ट सर्विस को सीसीएस पेंशन रूल्स 1972 के तहत काउंट नहीं करवाना चाहता. यदि रेगुलर होने के बाद कर्मचारियों की मृत्यु हो गई है तो परिवार के सदस्य को नियमानुसार फैमिली पेंशन लगेगी. यदि बिना रेगुलर हुए अनुबंध अवधि में ही मृत्यु हो गई है, तो पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा. यह विकल्प मिलने के बाद संबंधित विभाग की कंपीटेंट अथॉरिटी कॉन्ट्रैक्ट सर्विस को काउंट कर इस बारे में एक ऑर्डर पास करेगी, जिसे संबंधित कर्मचारियों की सर्विस बुक में भी अटैच किया जाएगा.

Last Updated : Jun 10, 2024, 8:20 PM IST
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