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स्कूली छात्रों को अब दी जाएगी जीवन मूल्यों की शिक्षा, तकनीक के जरिए सामाजिक और जीवन कौशल का पढ़ाया जाएगा पाठ - Taught life values in Schools

प्रदेश के स्कूलों में वर्तमान समय की प्रासंगिकता के मद्देनजर विद्यार्थियों को बौद्धिक, नैतिक, भावात्मक, सामाजिक और जीवन कौशल आधारित मूल्यों की शिक्षा देने की पहल की जा रही है. इसे लेकर बुधवार को राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से राज्य परियोजना निदेशक अविचल चतुर्वेदी और हेमा फाउण्डेशन की ओर से महेन्द्र काबरा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए है.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 25, 2024, 6:22 AM IST

TAUGHT LIFE VALUES IN SCHOOLS
TAUGHT LIFE VALUES IN SCHOOLS (Etv Bharat)

जयपुर : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्रों को अब तकनीक के जरिए जीवन मूल्यों की शिक्षा दी जाएगी. विद्यार्थियों में संस्कारों के सृजन के लिए राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद और हेमा फाउण्डेशन के बीच बुधवार को एमओयू साइन किया गया. इस एमओयू का उद्देश्य नैतिक मूल्यों को प्रभावी और सशक्त रूप से चरणबद्व तरीके से हर एक विद्यालय, शिक्षक और विद्यार्थी तक पहुंचाना है.

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर प्रदेश के स्कूलों में वर्तमान समय की प्रासंगिकता के मद्देनजर विद्यार्थियों को बौद्धिक, नैतिक, भावात्मक, सामाजिक और जीवन कौशल आधारित मूल्यों की शिक्षा देने की पहल की जा रही है. इसे लेकर बुधवार को राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से राज्य परियोजना निदेशक अविचल चतुर्वेदी और हेमा फाउण्डेशन की ओर से महेन्द्र काबरा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए. इसे लेकर अविचल चतुर्वेदी ने कहा कि छात्रों को जीवन मूल्यों पर आधारित मूल्यों की शिक्षा दी जानी आवश्यक है, जिसके परिणाम आने वाले वर्षों में दिखाई देंगे. एमओयू के तहत राज्य के पीएम श्री विद्यालयों में कक्षा 3 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से समन्वय स्थापित करते हुए हर साल 50 जीवन मूल्यों को वेब पोर्टल के माध्यम से प्रत्येक विद्यार्थी तक पहुंचाया जाएगा. इस तरह तकनीकी के जरिए जीवन मूल्यों की पहुंच सुनिश्चित होगी.

इसे भी पढ़ें : जयपुर से दिल्ली की राह होगी अब और आसान, बगराना में हटाए 265 मकान, दुकान व अन्य निर्माण - constructions removed in bagrana

श्री कृष्ण भोग योजना की शुरुआत : उधर, मिड डे मील योजना से सरकारी विद्यालयों के प्री प्राइमरी से कक्षा 8 तक के छात्रों की नामांकन में भी वृद्धि हुई है. ऐसे में अब इस योजना से आमजन को जोड़ने के लिए सामाजिक, व्यक्तिगत या पारिवारिक कार्यक्रमों को विद्यालयों में आयोजित करने के लिए राज्य सरकार ने 'श्री कृष्ण भोग योजना' की भी शुरुआत की है. जिसके तहत 28 जुलाई तक प्रदेश के सभी राजकीय विद्यालयों में श्री कृष्ण भोग का आयोजन करने के निर्देश भी दिए गए हैं. योजना के तहत दानदाताओं की ओर से उनके परिवार के विवाह, जन्मदिन, संतान प्राप्ति या धार्मिक यात्रा जैसे आयोजनों को विद्यालय परिसर में मनाते हुए छात्रों को पौष्टिक भोजन कराने की योजना है. इस भोजन में नियमित भोजन के साथ-साथ फल, शहद, मिठाई, दूध, दही, गुड़मूंगफली चक्की वितरित किया जा सकते हैं.

जयपुर : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्रों को अब तकनीक के जरिए जीवन मूल्यों की शिक्षा दी जाएगी. विद्यार्थियों में संस्कारों के सृजन के लिए राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद और हेमा फाउण्डेशन के बीच बुधवार को एमओयू साइन किया गया. इस एमओयू का उद्देश्य नैतिक मूल्यों को प्रभावी और सशक्त रूप से चरणबद्व तरीके से हर एक विद्यालय, शिक्षक और विद्यार्थी तक पहुंचाना है.

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर प्रदेश के स्कूलों में वर्तमान समय की प्रासंगिकता के मद्देनजर विद्यार्थियों को बौद्धिक, नैतिक, भावात्मक, सामाजिक और जीवन कौशल आधारित मूल्यों की शिक्षा देने की पहल की जा रही है. इसे लेकर बुधवार को राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से राज्य परियोजना निदेशक अविचल चतुर्वेदी और हेमा फाउण्डेशन की ओर से महेन्द्र काबरा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए. इसे लेकर अविचल चतुर्वेदी ने कहा कि छात्रों को जीवन मूल्यों पर आधारित मूल्यों की शिक्षा दी जानी आवश्यक है, जिसके परिणाम आने वाले वर्षों में दिखाई देंगे. एमओयू के तहत राज्य के पीएम श्री विद्यालयों में कक्षा 3 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से समन्वय स्थापित करते हुए हर साल 50 जीवन मूल्यों को वेब पोर्टल के माध्यम से प्रत्येक विद्यार्थी तक पहुंचाया जाएगा. इस तरह तकनीकी के जरिए जीवन मूल्यों की पहुंच सुनिश्चित होगी.

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श्री कृष्ण भोग योजना की शुरुआत : उधर, मिड डे मील योजना से सरकारी विद्यालयों के प्री प्राइमरी से कक्षा 8 तक के छात्रों की नामांकन में भी वृद्धि हुई है. ऐसे में अब इस योजना से आमजन को जोड़ने के लिए सामाजिक, व्यक्तिगत या पारिवारिक कार्यक्रमों को विद्यालयों में आयोजित करने के लिए राज्य सरकार ने 'श्री कृष्ण भोग योजना' की भी शुरुआत की है. जिसके तहत 28 जुलाई तक प्रदेश के सभी राजकीय विद्यालयों में श्री कृष्ण भोग का आयोजन करने के निर्देश भी दिए गए हैं. योजना के तहत दानदाताओं की ओर से उनके परिवार के विवाह, जन्मदिन, संतान प्राप्ति या धार्मिक यात्रा जैसे आयोजनों को विद्यालय परिसर में मनाते हुए छात्रों को पौष्टिक भोजन कराने की योजना है. इस भोजन में नियमित भोजन के साथ-साथ फल, शहद, मिठाई, दूध, दही, गुड़मूंगफली चक्की वितरित किया जा सकते हैं.

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