लखनऊ: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सीवीटीएस विभाग में अब बिना चीरा लगाए मामूली छेद से ही हार्ट की सर्जरी संभव हो सकेगी. इसके लिए डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से मिनिमल इनवेसिव कार्डियक सर्जरी सिस्टम लगाया जाएगा. जो नए साल (New Year 2025) में चालू हो जाएगा.
केजीएमयू के प्रवक्ता प्रो. केके सिंह ने बताया कि ओपन हार्ट सर्जरी में खून ज्यादा बहने के साथ मरीज को खतरा भी ज्यादा रहता है. मिनिमल इनवेसिव कार्डियक सर्जरी चीरे के बजाय छोटे-छोटे छेद करके की जाती है. इसके लिए संस्थान को प्रदेश सरकार की ओर से डेढ़ करोड़ रुपए का बजट मिला है. मिनिमल इनवेसिव कार्डियक सर्जरी सिस्टम आने से सर्जरी ज्यादा सुरक्षित होगी.
छाती के बाएं ओर छेद करके होती है सर्जरी: मिनिमल इनवेसिव सर्जरी छाती के बाएं ओर छेद करके की जाती है. इसमें मांसपेशियों को अलग करके हड्डी को नुकसान पहुंचाए बिना दिल तक पहुंचा दिया जाता है. नियमित हार्ट सर्जरी के विपरीत इसमें धमनियों और पैर से निकाली गई नसों का इस्तेमाल किया जाता है.
दो से तीन दिन में मिल जाती है छुट्टी: केजीएमयू के प्रवक्ता प्रो. केके सिंह ने बताया कि इस सर्जरी का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें खून का नुकसान कम होता है. संक्रमण का खतरा भी कम होता है. सर्जरी के बाद मरीज को अस्पताल से दो से तीन दिन में छुट्टी मिल जाती है. इसे सुरक्षित और प्रभावी तकनीक माना जाता है, क्योंकि सभी जगहों के ब्लॉक को बाईपास किया जा सकता है.
ये भी पढ़ेंः यूपी में बिजली के निजीकरण का टल सकता है फैसला; योगी कैबिनेट की आज की मीटिंग स्थगित