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SELF DESTRUCTIVE VIRUS in CYBER crime: बैंक खाते से उड़ा लेता है सारे पैसे, फिर हो जाता है अनइंस्टॉल - BINGO MOD VIRUS THREAT

साइबर अपराधियों ने लोगों के बैंक खाते में सेंध लगाने के लिए बिंगो मोड मेलवेयर (वायरस) बना दिया है. यह यूजर के मोबाइल, लैपटॉप या डेस्कटॉप में घुसकर बैंक खाते की जानकारी जुटाता है और खाता खाली करने के बाद स्वतः अनइंस्टॉल हो जाता है.

BingoMod Virus Threat
बिंगो मोड वायरस (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 22, 2024, 6:40 PM IST

Updated : Aug 22, 2024, 7:15 PM IST

बिंगो मोड वायरस से बचने का यह है तरीका (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: एक शातिर चोर जो किसी के घर में घुसकर कीमती सामान चुरा लेता है और बिना कोई सबूत छोड़े वहां से निकल जाता है. इस तरह की घटनाएं हमने अक्सर सुनी हैं. लेकिन साइबर अपराधियों ने साइबर दुनिया में फ्रॉड के लिए भी एक ऐसा ही साइबर चोर ईजाद किया है. जो आपके मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर में घुसकर आपका खाता खाली कर देता है. इसके बाद यह वायरस अपने आप को उड़ा लेता है. साइबर अपराध की दुनिया में इसे बिंगो मोड वायरस नाम दिया गया है. इस तरह के साइबर फ्रॉड में न आपके पास कोई कॉल आएगा और न ही ओटीपी, फिर भी बैंक खाता खाली हो जाएगा.

लिंक के जरिए आता है खतरनाक वायरस: साइबर अपराधी यूजर्स को मैसेज या ई-मेल के जरिए संदिग्ध लिंक भेजते हैं. इस लिंक पर क्लिक करते ही खतरनाक वायरस बिंगो मोड आपके मोबाइल, डेस्कटॉप या लैपटॉप में प्रवेश कर जाता है. इसके बाद यह वायरस अपने आप ही बैंक खाते की जानकारी जुटाता है और यूजर्स का खाता खाली करने के बाद अपने आप को उड़ा लेता है. साइबर अपराध की दुनिया में इसीलिए इसे आत्मघाती मेलवेयर भी कहा जाता है. इस तरह की वारदात में यूजर्स को पता भी नहीं चलता कि उसके साथ कैसे फ्रॉड हो गया.

पढ़ें: साइबर ठगों ने अपनाया नया तरीका, ठगी के पैसों से खरीद रहे हैं क्रिप्टो - Cyber Fraud

एसएमएस के जरिए फैलता है वायरस: साइबर सुरक्षा के जानकर हेमराज सरावता का कहना है कि मेलवेयर बिंगो मोड इस तरह से प्रोग्राम किया हुआ होता है कि यह एक संक्रमित मोबाइल से दूसरे मोबाइल में एसएमएस के जरिए फैल जाता है. हैकर्स इसे इस तरह प्रोग्राम करते हैं कि यूजर्स की बैंक डिटेल चुराकर बैंक खाता खाली करने के बाद यह अपने आप ही मोबाइल से अन इंस्टॉल हो जाता है. इसके बाद यूजर का मोबाइल फैक्ट्री रिसेट मोड पर चला जाता है. ऐसे में किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से यूजर्स को बचना चाहिए.

पढ़ें: नेट पर नंबर सर्च करने से पहले सावधान! सेना के जवान से 12.91 लाख रुपए की ठगी - Fraud in Jodhpur

यह सावधानी रखकर बच सकते हैं वायरस से: एसएमएस या मेल पर आने वाले संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए. अपनी निजी जानकारी किसी अन्य के साथ साझा करने से भी बचना चाहिए. किसी भी तरह के साइबर फ्रॉड का शिकार होने पर साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करवाएं.

बिंगो मोड वायरस से बचने का यह है तरीका (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: एक शातिर चोर जो किसी के घर में घुसकर कीमती सामान चुरा लेता है और बिना कोई सबूत छोड़े वहां से निकल जाता है. इस तरह की घटनाएं हमने अक्सर सुनी हैं. लेकिन साइबर अपराधियों ने साइबर दुनिया में फ्रॉड के लिए भी एक ऐसा ही साइबर चोर ईजाद किया है. जो आपके मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर में घुसकर आपका खाता खाली कर देता है. इसके बाद यह वायरस अपने आप को उड़ा लेता है. साइबर अपराध की दुनिया में इसे बिंगो मोड वायरस नाम दिया गया है. इस तरह के साइबर फ्रॉड में न आपके पास कोई कॉल आएगा और न ही ओटीपी, फिर भी बैंक खाता खाली हो जाएगा.

लिंक के जरिए आता है खतरनाक वायरस: साइबर अपराधी यूजर्स को मैसेज या ई-मेल के जरिए संदिग्ध लिंक भेजते हैं. इस लिंक पर क्लिक करते ही खतरनाक वायरस बिंगो मोड आपके मोबाइल, डेस्कटॉप या लैपटॉप में प्रवेश कर जाता है. इसके बाद यह वायरस अपने आप ही बैंक खाते की जानकारी जुटाता है और यूजर्स का खाता खाली करने के बाद अपने आप को उड़ा लेता है. साइबर अपराध की दुनिया में इसीलिए इसे आत्मघाती मेलवेयर भी कहा जाता है. इस तरह की वारदात में यूजर्स को पता भी नहीं चलता कि उसके साथ कैसे फ्रॉड हो गया.

पढ़ें: साइबर ठगों ने अपनाया नया तरीका, ठगी के पैसों से खरीद रहे हैं क्रिप्टो - Cyber Fraud

एसएमएस के जरिए फैलता है वायरस: साइबर सुरक्षा के जानकर हेमराज सरावता का कहना है कि मेलवेयर बिंगो मोड इस तरह से प्रोग्राम किया हुआ होता है कि यह एक संक्रमित मोबाइल से दूसरे मोबाइल में एसएमएस के जरिए फैल जाता है. हैकर्स इसे इस तरह प्रोग्राम करते हैं कि यूजर्स की बैंक डिटेल चुराकर बैंक खाता खाली करने के बाद यह अपने आप ही मोबाइल से अन इंस्टॉल हो जाता है. इसके बाद यूजर का मोबाइल फैक्ट्री रिसेट मोड पर चला जाता है. ऐसे में किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से यूजर्स को बचना चाहिए.

पढ़ें: नेट पर नंबर सर्च करने से पहले सावधान! सेना के जवान से 12.91 लाख रुपए की ठगी - Fraud in Jodhpur

यह सावधानी रखकर बच सकते हैं वायरस से: एसएमएस या मेल पर आने वाले संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए. अपनी निजी जानकारी किसी अन्य के साथ साझा करने से भी बचना चाहिए. किसी भी तरह के साइबर फ्रॉड का शिकार होने पर साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करवाएं.

Last Updated : Aug 22, 2024, 7:15 PM IST
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