कानपुर: पिछले कई सालों से कानपुर देश की सबसे प्रदूषित शहरों में से एक था. लेकिन अब कानपुर की हवा पूरी तरह साफ हो गई है. और यहां की 60 लाख की आबादी खुलकर सांस ले सकती है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानि सीपीसीबी की ओर से प्राण पोर्टल (पोर्टल आफ रेगुलेशन आफ टोटल एयर पॉल्युशन इन नॉन अटैनमेंट सिटीज) की ओर से सभी शहरों की रैंकिंग गुरुवार को जारी की गई. उसमें कानपुर को पहला स्थान मिला है. यही नहीं, दूसरे स्थान पर जहां महाराष्ट्र का थाणे शहर है, तो वहीं तीसरा स्थान दिल्ली का है. इसी तरह टॉप-10 शहरों में हिमांचल प्रदेश के तीन शहर शामिल हैं
नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने इस उपलब्धि के लिए नगर निगम के सभी अफसरों और कर्मियों को बधाई दी है. यह रैंकिंग राष्ट्रीय स्तर पर 131 नॉन अटैंटमेंट सिटीज की त्रैमासिक और वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर जारी होती है. इसकी मॉनीटरिंग केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से हर तीन महीने पर की जाती है. इसी रैंकिंग के आधार पर शहरों को फंड भी जारी किए जाते हैं.
शिव शरणप्पा जीएन ने बताया, कि केंद्र सरकार के एनसीएपी प्रोग्राम के तहत देश के 131 शहरों में शुद्ध हवा के लिए कवायद की जा रही है. केंद्र के इस कार्यक्रम के अंतर्गत दोपहिया वाहनों के क्षेत्र में ई-मोबिलिटी की राज्य स्तरीय योजनाओं का क्रियान्वयन, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि, बीएस-6 मानकों का कड़ाई से कार्यान्वयन सहित कई अन्य काम शामिल हैं. नगर आयुक्त ने कहा, कि आने वाले समय में मियावाकी पद्धति से लाखों पौधों को रोपित कराया जाएगा. जिससे शहर की हवा हमेशा साफ बनी रहे.