पलामू: रंगदारी के रूप में एके-47 और 10 लाख रुपए मांगने के मामले में पलामू कोर्ट ने कुख्यात डॉन सुजीत सिन्हा को बरी कर दिया है. सुजीत सिन्हा के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिलने के बाद बरी किया गया है. दरअसल, 2014 में पलामू के नौडीहा के रहने वाले स्टोन क्रशर कारोबारी उदय शंकर प्रसाद अग्रवाल ने मेदिनीनगर टाउन थाना में एक एफआईआर दर्ज करवाया था.
दर्ज एफआईआर में उदय शंकर अग्रवाल ने सुजीत सिन्हा पर रंगदारी के रूप में एके-47 मांगने और एके 47 नहीं देने पर 10 लाख रुपए की रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था. इस समय उदय शिकायतकर्ता शंकर प्रसाद अग्रवाल मेदिनीनगर के बाईपास रोड में रहते थे. इस मामले को लेकर गुरुवार को पलामू कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसके बाद सुजीत सिन्हा को बरी कर दिया गया.
सुजीत सिन्हा के अधिवक्ता चितरंजन पांडेय ने बताया कि साक्ष्य के अभाव में सुजीत सिन्हा को बरी किया गया है. सुजीत सिन्हा पर एके-47 मांगने और 10 लख रुपए रंगदारी मांगने का आरोप लगा था. गुरुवार को पलामू कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है. बता दें कि सुजीत सिन्हा झारखंड के गैंगस्टर में एक बड़ा नाम है. अकेले पलामू में सुजीत सिन्हा के खिलाफ 60 से अधिक एफआईआर दर्ज है. सुजीत सिन्हा पर रांची, लातेहार, हजारीबाग, रामगढ़, जमशेदपुर समेत अन्य इलाकों में एफआईआर दर्ज है. सुजीत सिन्हा फिलहाल जेल में है. दो दिनों पहले पलामू कोर्ट ने दो अलग-अलग मामलों में सुनवाई करते हुए सुजीत सिन्हा को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था.
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