नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति घोटाले के मामले में कोर्ट से बेल मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें फिर नोटिस भेज दिया है. जिसमें उन्हें 21 मार्च को पेश होने के लिए कहा गया है. सीएम केजरीवाल को जारी समन पर आप पार्टी के नेता एक के बाद एक बीजेपी पर निशाना साध रहें हैं साथ ही मामले पर अपना पक्ष रख रहे हैं. इसी कड़ी में आप विधायक दिलीप पांडेय ने रविवार को प्रेस वार्ता कर कहा है कि मुख्यमंत्री की लीगल टीम नोटिस का अध्ययन कर रही है. इसके बाद जो न्याय संगत होगा उसके आधार पर आगे कदम उठाए जाएंगे.
विधायक दिलीप पांडेय ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय की ओर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक के बाद एक नोटिस भेजे जा रहे हैं. अरविंद केजरीवाल के नोटिस पर हमारी तरफ से कई सवाल किए गए लेकिन ईडी ने उन सवालों का जवाब नहीं दिया. ईडी कोर्ट चली गई. हास्यास्पद स्थिति तब पैदा हुई जब ईडी ने कोर्ट के फैसले को मानने से इनकार कर दिया.
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ईडी,सीबीआई और इनकम टैक्स से अब तक बीजेपी का पेट अभी भर नहीं रहा है.बीजेपी को गिरफ्तारी के लिए किसी वैधानिक आधार की आवश्यकता नहीं है. जिस तरीके से भाजपा ने विपक्ष के नेताओं को तोड़ने के लिए ईडी और सीबीआई का प्रयोग किया. इससे देश समझ चुका है कि भाजपा पर विश्वास करना बेवकूफी है. ये निराधार समन भेज सकते हैं. नोटिस भेजकर अरविंद केजरीवाल को इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव प्रचार करने से रोकने के प्रयास किया जा रहा है.
दिलीप पांडेय ने इस दौरान एक शेर कहा कि, किसी को मेरे बारे में पता कुछ भी नहीं है, इल्जाम हजारों हैं खता कुछ भी नहीं है. इसी तरह अरविंद केजरीवाल के साथ हो रहा है. जब ईडी ने झूठे आरोप लगाकर अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने की कोशिश की तो सच का बोलबाला हुआ. भाजपा का मुंह काला हुआ. अरविंद केजरीवाल को बेल मिल गई. अरविंद केजरीवाल को दोबारा कैसे फंसाया जाए. इसके लिए बेल मिलने के बाद सूरज अस्त होने से पहले ही भाजपा ने ईडी के जरिए एक और नोटिस भिजवा दिया.
आगामी चुनावों के परिणामों से भाजपा के अंदर जो भय है इसे ईडी के नोटिस के जरिए और स्पष्ट कर दिया. अपने डर को दुनिया के सामने जता और बता दिया. कई नेता और मंत्री को गिरफ्तार करने के बाद भाजपा आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करवाना चाहती हैं. जबकि कहीं भी कोई सुबूत नहीं है. हजारों रेड हुईं. बयान दर्ज हुए लेकिन कुछ नहीं मिला.
जलबोर्ड का क्या मामला है, जिसमें अरविंद केजरीवाल को नोटिस भेजा गया है. इसपर दिलीप पांडेय ने कहा कि इसकी बिल्कुल भी जानकारी नहीं है कि जल बोर्ड का क्या मामला है. लीगल टीम इस समन का अध्ययन कर रही है. उसके संवैधानिकता का अध्ययन कर रही है. इसके बाद न्याय और विधि संगत जो होगा उसके आधार पर आगे का कदम उठाया जाएगा.
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