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वाहनों का रजिस्ट्रेशन: गलत डिटेल भरने पर 12 डीलर्स को नोटिस, रद हो सकता है ट्रेड सर्टिफिकेट - TRANSPORT DEPARTMENT

15 से ज्यादा गलतियां करने वाले डीलरों को सही दस्तावेज अपलोड करने के लिए किया गया था रिवर्ट.

सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 22, 2024, 8:57 PM IST

Updated : Nov 22, 2024, 10:00 PM IST

लखनऊ : वाहन मालिकों को आरटीओ कार्यालय का चक्कर न काटना पड़े, जिस शोरूम से वे गाड़ी खरीद रहे हों वहीं पर उनके वाहन का रजिस्ट्रेशन हो जाए, परिवहन विभाग ने ये सुविधा शुरू की थी, लेकिन डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन की ये सुविधा वाहन मालिकों पर भारी पड़ रही है. डीलर प्वाइंट की गलती का खामियाजा वाहन मालिकों को भुगतना पड़ रहा है. जिसके बाद एआरटीओ (प्रशासन) की तरफ से अब दर्जन भर से ज्यादा डीलर्स को नोटिस जारी की गई है. डीलर्स को वाहन मालिकों की सही डिटेल अपलोड करने को कहा गया है. चेतावनी दी गई है कि अब गलती करने पर तगड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा.

लखनऊ आरटीओ संजय तिवारी ने दी जानकारी (Video credit: ETV Bharat)


लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन में बड़ी गलतियां कर रहे हैं. बड़े स्तर पर डीलर्स की तरफ से हो रही गलतियों पर अब परिवहन विभाग ने सख्त रुख अख्तियार किया है. आरटीओ कार्यालय की तरफ से शहर के बड़े शोरूम मालिकों को उनकी गलती के लिए नोटिस जारी की गई है. तीन दिन के अंदर जवाब-तलब किया गया है.

इतना ही नहीं डीलर्स को विभाग की तरफ से ये चेतावनी भी दी गई है कि अपनी गलतियों को सुधारें नहीं तो भुगतने को तैयार रहें. गलतियां न सुधारने पर ट्रेड सर्टिफिकेट भी रद किया जा सकता है. दरअसल, डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन में नए वाहनों के पंजीकरण के लिए वाहन पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन और आवश्यक प्रपत्रों को अपलोड करना होता है.

जानकारी के मुताबिक, पत्रावली में वाहन मालिक से प्राप्त शपथ पत्र और सभी दस्तावेज आरटीओ को भेजना अनिवार्य है, लेकिन तमाम डीलर्स डिजिटल साइन युक्त डॉक्यूमेंट अपलोड कर ही नहीं रहे हैं. अधिकतर आवेदनों पर गलत प्रपत्र और फर्जी दस्तावेज अपलोड कर आवेदन किए जा रहे हैं. पंजीयन में 15 से ज्यादा गलतियां करने वाले ऐसे डीलरों को परिवहन विभाग के पंजीयन लिपिक की तरफ से वाहन पोर्टल पर सही दस्तावेज अपलोड करने के लिए रिवर्ट भी किया गया, लेकिन डीलरों ने प्रपत्रों में सुधार ही नहीं किया. अब परिवहन विभाग ने इसे बड़ी लापरवाही माना है और नोटिस जारी कर कार्रवाई का मन बनाया है.

डीलरों पर लिया जा सकता है कड़ा एक्शन : डीलरों के लापरवाह रवैए और जालसाजी को लेकर विभाग की तरफ से उनका बड़ा नुकसान किए जाने की तैयारी है. सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना 31/3/2021 में केंद्रीय मोटरयान संशोधन अधिनियम 2019 एक्ट 32 की धारा एक के उदाहरण दो में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए धारा 769 मूल अधिनियम 1988 की धारा 194 के अनुसार वाहन स्वामी या डीलर की तरफ से फोर्ज दस्तावेजों या किसी मिथ्या प्रविष्टि के आधार पर रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाता है तो उसे छह माह या एक साल तक के कारावास की सजा और वार्षिक रोड टैक्स का 10 गुना टैक्स का जुर्माना लगाया जा सकता है.

यही नहीं आजीवन टैक्स के दो तिहाई रकम के बराबर जुर्माना, जो भी अधिक होगा लगाने की व्यवस्था है. यानी अब डीलरों पर इस तरह का कड़ा एक्शन आरटीओ की तरफ से लिया जा सकता है.


क्या कहते हैं आरटीओ : लखनऊ के आरटीओ संजय तिवारी का कहना है कि डीलर्स को नोटिस जारी करने का काम एआरटीओ (प्रशासन) का है. उनकी तरफ से ही नियमों का उल्लंघन करने वाले डीलर्स को नोटिस भेजी गई होगी, मेरे संज्ञान में यह नहीं है. इस बारे में एआरटीओ ने मुझे अवगत नहीं कराया है.

यह भी पढ़ें : महाकुंभ 2025 : प्रयागराज जाने वाली सभी बसें भगवा कलर की होंगी, छह क्विक रिस्पांस टीमें भी गठित

यह भी पढ़ें : परिवहन निगम ने सलाहकारों को भी बनाया नोडल अफसर, कई के क्षेत्रों में किया गया बदलाव

लखनऊ : वाहन मालिकों को आरटीओ कार्यालय का चक्कर न काटना पड़े, जिस शोरूम से वे गाड़ी खरीद रहे हों वहीं पर उनके वाहन का रजिस्ट्रेशन हो जाए, परिवहन विभाग ने ये सुविधा शुरू की थी, लेकिन डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन की ये सुविधा वाहन मालिकों पर भारी पड़ रही है. डीलर प्वाइंट की गलती का खामियाजा वाहन मालिकों को भुगतना पड़ रहा है. जिसके बाद एआरटीओ (प्रशासन) की तरफ से अब दर्जन भर से ज्यादा डीलर्स को नोटिस जारी की गई है. डीलर्स को वाहन मालिकों की सही डिटेल अपलोड करने को कहा गया है. चेतावनी दी गई है कि अब गलती करने पर तगड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा.

लखनऊ आरटीओ संजय तिवारी ने दी जानकारी (Video credit: ETV Bharat)


लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन में बड़ी गलतियां कर रहे हैं. बड़े स्तर पर डीलर्स की तरफ से हो रही गलतियों पर अब परिवहन विभाग ने सख्त रुख अख्तियार किया है. आरटीओ कार्यालय की तरफ से शहर के बड़े शोरूम मालिकों को उनकी गलती के लिए नोटिस जारी की गई है. तीन दिन के अंदर जवाब-तलब किया गया है.

इतना ही नहीं डीलर्स को विभाग की तरफ से ये चेतावनी भी दी गई है कि अपनी गलतियों को सुधारें नहीं तो भुगतने को तैयार रहें. गलतियां न सुधारने पर ट्रेड सर्टिफिकेट भी रद किया जा सकता है. दरअसल, डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन में नए वाहनों के पंजीकरण के लिए वाहन पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन और आवश्यक प्रपत्रों को अपलोड करना होता है.

जानकारी के मुताबिक, पत्रावली में वाहन मालिक से प्राप्त शपथ पत्र और सभी दस्तावेज आरटीओ को भेजना अनिवार्य है, लेकिन तमाम डीलर्स डिजिटल साइन युक्त डॉक्यूमेंट अपलोड कर ही नहीं रहे हैं. अधिकतर आवेदनों पर गलत प्रपत्र और फर्जी दस्तावेज अपलोड कर आवेदन किए जा रहे हैं. पंजीयन में 15 से ज्यादा गलतियां करने वाले ऐसे डीलरों को परिवहन विभाग के पंजीयन लिपिक की तरफ से वाहन पोर्टल पर सही दस्तावेज अपलोड करने के लिए रिवर्ट भी किया गया, लेकिन डीलरों ने प्रपत्रों में सुधार ही नहीं किया. अब परिवहन विभाग ने इसे बड़ी लापरवाही माना है और नोटिस जारी कर कार्रवाई का मन बनाया है.

डीलरों पर लिया जा सकता है कड़ा एक्शन : डीलरों के लापरवाह रवैए और जालसाजी को लेकर विभाग की तरफ से उनका बड़ा नुकसान किए जाने की तैयारी है. सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना 31/3/2021 में केंद्रीय मोटरयान संशोधन अधिनियम 2019 एक्ट 32 की धारा एक के उदाहरण दो में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए धारा 769 मूल अधिनियम 1988 की धारा 194 के अनुसार वाहन स्वामी या डीलर की तरफ से फोर्ज दस्तावेजों या किसी मिथ्या प्रविष्टि के आधार पर रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाता है तो उसे छह माह या एक साल तक के कारावास की सजा और वार्षिक रोड टैक्स का 10 गुना टैक्स का जुर्माना लगाया जा सकता है.

यही नहीं आजीवन टैक्स के दो तिहाई रकम के बराबर जुर्माना, जो भी अधिक होगा लगाने की व्यवस्था है. यानी अब डीलरों पर इस तरह का कड़ा एक्शन आरटीओ की तरफ से लिया जा सकता है.


क्या कहते हैं आरटीओ : लखनऊ के आरटीओ संजय तिवारी का कहना है कि डीलर्स को नोटिस जारी करने का काम एआरटीओ (प्रशासन) का है. उनकी तरफ से ही नियमों का उल्लंघन करने वाले डीलर्स को नोटिस भेजी गई होगी, मेरे संज्ञान में यह नहीं है. इस बारे में एआरटीओ ने मुझे अवगत नहीं कराया है.

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Last Updated : Nov 22, 2024, 10:00 PM IST
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