नई दिल्ली: उत्तर रेलवे की तरफ से "पर्यावरण जन भागीदारी जागरूकता अभियान" शुरू किया गया. इसके तहत उत्तर रेलवे ने रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए पर्यावरणविद रॉबिन सिंह से कोलैबोरेशन किया है. रॉबिन सिंह ने 31,000 किलोमीटर साइकिल चलाकर 24 राज्यों और 500 से अधिक जिलों में जाकर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया है. अब वे और उनकी टीम अगले 2 महीने तक दिल्ली के सभी रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को जागरूक करेगी.
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किया काम: रॉबिन सिंह ने बताया कि वह मूलत: इटावा के रहने वाले हैं. उन्होंने टूरिज्म में M.A की पढ़ाई की है. उनका कहना है कि शिक्षा स्वास्थ्य समेत अन्य समस्याओं पर बहुत काम हुआ लेकिन पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम नहीं हुआ है. आज जलवायु परिवर्तन भारत ही नहीं पूरे विश्व की समस्या है. ऐसे में उन्होंने पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 6 अक्टूबर 2022 को कन्याकुमारी से ग्रीन इंडिया मूवमेंट पर्यावरण संरक्षण जन जागरण अभियान की शुरुआत की.
साइकिल चलाकर 24 राज्यों की यात्रा की: रोबिन सिंह ने कहा कि वह साइकिल लेकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए निकल पड़े. करीब 31,000 किलोमीटर साइकिल चलाकर उन्होंने 24 राज्य के 500 से अधिक जिलों को कवर किया. इस दौरान उन्होंने तमाम शिक्षण संस्थाओं व अन्य स्थानों पर बच्चों व लोगों को पर्यावरण के महत्व के बारे में बताया और जागरूक किया. 11 मार्च 2024 तक मध्य प्रदेश के भोपाल में अभियान का प्रथम चरण समाप्त हुआ है.
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'जलवायु परिवर्तन का प्रमुख कारण प्रकृति से छेड़छाड़': रोबिन सिंह उनके साथी अवनीश कटारे, डॉक्टर तरुण कुमार और रेलवे अधिकारियों के साथ यात्रियों को बता रहे हैं कि जलवायु परिवर्तन का प्रमुख कारण प्रकृति से छेड़छाड़ है. यदि लोग अभी से पर्यावरण को बचाने के लिए जागरूक नहीं हुए तो आने वाले दिनों में जीवन संकट में आ जाएगा. हर व्यक्ति को पौधारोपण कर पौधों के बड़े होने तक उनका संरक्षण करना चाहिए. अकेले सरकार, कोई व्यक्ति या संस्था यह काम नहीं कर सकती है.
रोबिन सिंह ने कहा, "पौधारोपण के साथ जल प्रदूषण और वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए भी काम करना बेहद आवश्यक है. हर व्यक्ति अपने जीवन शैली में थोड़ा बदलाव कर पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़ा काम कर सकता है. उन्होंने कहा कि, वे अगले दो माह तक नॉर्दर्न रेलवे के स्टेशनों प्लेटफार्म वेटिंग रूम और ट्रेनों के कोच में बैठे यात्रियों को जागरूक करने का काम किया जाएगा. जागरूकता में रेलवे के अधिकारी भी साथ होंगे और सहायता करेंगे.
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