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बिहार और यूपी के छात्र शुक्रवार को BPSC कार्यालय का करेंगे घेराव, नार्मलाइजेशन का विरोध तेज - NORMALIZATION IN BPSC

बीपीएससी की 70 वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा नॉर्मलाइजेशन लागू किया है. छात्र इससे नाराज हैं. शुक्रवार को BPSC ऑफिस का घेराव करेंगे.

Student Protest
छात्र नेता दिलीप. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 5, 2024, 4:48 PM IST

पटना: उत्तर प्रदेश में हाल ही में लागू हुए नार्मलाइजेशन प्रक्रिया को छात्रों के कड़े विरोध के चलते वापस लेना पड़ा था. अब बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने इसे अपनाने का निर्णय लिया है, जिससे छात्रों में आक्रोश फैल गया है. नाराज छात्रों ने शुक्रवार को बीपीएससी मुख्यालय का घेराव करने का ऐलान किया है. उनका कहना है कि यूपी के छात्रों की तरह वे भी अपने हक की लड़ाई लड़कर इस फैसले को पलटवा कर ही दम लेंगे.

क्या है मामलाः बीपीएससी की 70 वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों का आवेदन चयन आयोग ने ले लिया है. इस बीच कहा जा रहा है कि बीपीएससी इस बार प्रश्न पत्र अलग-अलग तरीके से तैयार करेगी, साथ ही नॉर्मलाइजेशन को भी लागू करेगी. इसके विरोध में शुक्रवार को छात्र नेता बीपीएससी कार्यालय का घेराव करेंगे. छात्रों को आशंका है कि नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया की आड़ में गड़बड़ी हो सकती है.

दिलीप कुमार, छात्र नेता. (ETV Bharat)

"कल बिहार यूपी सहित कई जगहों के छात्र पटना में इकट्ठा होंगे और बीपीएससी का हम लोग घेराव करेंगे. क्योंकि जिस पैटर्न पर बीपीएससी इस बार परीक्षा लेना चाहता है निश्चित तौर पर उसमें घोटाला होने का अंदेशा है. इसलिए इस पैटर्न का विरोध बिहार के छात्र लगातार कर रहे हैं."- दिलीप कुमार, छात्र नेता

घोटाले की आशंक: छात्र नेता दिलीप कुमार कहते हैं कि नॉर्मलाइजेशन किसी भी राज्य के सिविल सेवा परीक्षा में लागू नहीं है, फिर बिहार सरकार इसे क्यों लागू करना चाहती है. निश्चित तौर पर यह गलत है. उन्होंने कहा कि प्रारंभिक परीक्षा में जो पैटर्न पहले से चलते आ रहा था उसी पैटर्न के तहत एग्जाम लेना चाहिए. साथ ही प्रश्न पत्र भी एक ही होना चाहिए. प्रारंभिक परीक्षा में कुल 150 प्रश्न पत्र होते हैं और उसके अलग-अलग भागों में बांटने से घोटाला होने का अंदेशा है.

क्या होता है नॉर्मलाइजेशन?: जब अभ्यर्थियों की संख्या बहुत अधिक हो जाती है तो दो पाली या उससे अधिक पाली में परीक्षा ली जाती है. एक पाली के अभ्यर्थियों के कम अंक आए तो माना जाता है कि उस पाली में कठिन प्रश्न होंगे. वहीं दूसरी पाली में अगर नंबर ज्यादा आए तो माना जाएगा कि प्रश्न पत्र आसान होंगे. परीक्षा के हर पेपर के लेवल में थोड़ा-बहुत अंतर हो सकता है, इसी अंतर को खत्म करने के लिए यह सिस्टम लागू किया जाता है. नॉर्मलाइजेशन के अनुसार दोनों पालियों के छात्रों के नंबर में सामंजस्य बनाया जाएगा.

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क्या है मामलाः बीपीएससी की 70 वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों का आवेदन चयन आयोग ने ले लिया है. इस बीच कहा जा रहा है कि बीपीएससी इस बार प्रश्न पत्र अलग-अलग तरीके से तैयार करेगी, साथ ही नॉर्मलाइजेशन को भी लागू करेगी. इसके विरोध में शुक्रवार को छात्र नेता बीपीएससी कार्यालय का घेराव करेंगे. छात्रों को आशंका है कि नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया की आड़ में गड़बड़ी हो सकती है.

दिलीप कुमार, छात्र नेता. (ETV Bharat)

"कल बिहार यूपी सहित कई जगहों के छात्र पटना में इकट्ठा होंगे और बीपीएससी का हम लोग घेराव करेंगे. क्योंकि जिस पैटर्न पर बीपीएससी इस बार परीक्षा लेना चाहता है निश्चित तौर पर उसमें घोटाला होने का अंदेशा है. इसलिए इस पैटर्न का विरोध बिहार के छात्र लगातार कर रहे हैं."- दिलीप कुमार, छात्र नेता

घोटाले की आशंक: छात्र नेता दिलीप कुमार कहते हैं कि नॉर्मलाइजेशन किसी भी राज्य के सिविल सेवा परीक्षा में लागू नहीं है, फिर बिहार सरकार इसे क्यों लागू करना चाहती है. निश्चित तौर पर यह गलत है. उन्होंने कहा कि प्रारंभिक परीक्षा में जो पैटर्न पहले से चलते आ रहा था उसी पैटर्न के तहत एग्जाम लेना चाहिए. साथ ही प्रश्न पत्र भी एक ही होना चाहिए. प्रारंभिक परीक्षा में कुल 150 प्रश्न पत्र होते हैं और उसके अलग-अलग भागों में बांटने से घोटाला होने का अंदेशा है.

क्या होता है नॉर्मलाइजेशन?: जब अभ्यर्थियों की संख्या बहुत अधिक हो जाती है तो दो पाली या उससे अधिक पाली में परीक्षा ली जाती है. एक पाली के अभ्यर्थियों के कम अंक आए तो माना जाता है कि उस पाली में कठिन प्रश्न होंगे. वहीं दूसरी पाली में अगर नंबर ज्यादा आए तो माना जाएगा कि प्रश्न पत्र आसान होंगे. परीक्षा के हर पेपर के लेवल में थोड़ा-बहुत अंतर हो सकता है, इसी अंतर को खत्म करने के लिए यह सिस्टम लागू किया जाता है. नॉर्मलाइजेशन के अनुसार दोनों पालियों के छात्रों के नंबर में सामंजस्य बनाया जाएगा.

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