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गोरखपुर जिला अस्पताल के जन औषधि केंद्र से बिक रहीं नॉन जेनेरिक दवाएं, शुरू हुई जांच - Fraud in Jan Aushadhi Kendra

गोरखपुर जिला अस्पताल के जन औषधि केंद्र से बाजार की दवाएं बेचने का मामला फाइलों में दबता नजर आ रहा है. हालांकि भारत सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना पर ग्रहण लगाने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की बात अधिकारी कह रहे हैं.

गोरखपुर जिला अस्पताल के जन औषधि केंद्र से गड़बड़झाला.
गोरखपुर जिला अस्पताल के जन औषधि केंद्र से गड़बड़झाला. (Photo Credit-Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 28, 2024, 6:51 PM IST

गोरखपुर जिला अस्पताल के जन औषधि केंद्र से गड़बड़झाला. (Video Credit-Etv Bharat)

गोरखपुर: लोगों को सस्ती दवा उपलब्ध कराने की मोदी सरकार की जन औषधि योजना पर सरकारी सिस्टम में बैठे लोग ही पलीता लगा रहे हैं. मामला जिला अस्पताल परिसर और अन्य मेडिकल संस्थानों में संचालित जन औषधि केंद्रों से जुड़ा है. आरोप है कि केंद्रों से जेनेरिक के बजाय अन्य दवाएं डॉक्टर के परामर्श के बाद बेची जा रही हैं. इन दवाओं का पर्चा भी औषधि केंद्र से मरीजों को वापस नहीं मिल रहा है. यह शिकायत अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से लेकर सीएमओ तक पहुंची है. इसके बाद जांच की बात कही जा रही है.

गोरखपुर के जिला अस्पताल परिसर के जन औषधि केंद्र से जुड़े कई मामले सामने आ चुके हैं. जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेंद्र ठाकुर ने ड्रग इंस्पेक्टर समेत उच्च अधिकारियों से पत्राचार भी किया, लेकिन बीते तीन महीने में अभी तक उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है. हालांकि इस दौरान जन औषधि केंद्र के संचालक के द्वारा अपने दो कर्मचारियों की सेवा समाप्त की कार्रवाई की गई है. बावजूद इसके इस केंद्रों से बाजरू दवाएं बेचे जाने की सूचना मिल रही है.

बता दें, भारत सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के जरिए गरीब और हर जरूरतमंद मरीजों को सस्ते दाम पर जेनेरिक दवाई उपलब्ध उपलब्ध कराई जाती हैं. बहरहाल अब जन औषधि केंद्रों पर भी भ्रष्टाचार ने पैर पसारना शुरू कर दिया है. गोरखपुर जिला चिकित्सालय के ओपीडी परिसर में स्थित जन औषधि केंद्र के बाबत महेंद्र नाम के मरीज के परिजन ने इसकी शिकायत बुधवार 27 जून को की है. इसके पहले पहला शिकायती पत्र 20 अप्रैल 2024 में दिया गया था. इसकी जांच अभी पूरी नहीं हो सकी है. 24 जून 2024 को एक महिला मरीज ने जिला चिकित्सालय के एसआईसी को लिखित तौर पर शिकायत पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है.

इस संबंध में जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि कई बार मुझे शिकायती पत्र मिले हैं. मैं अपने स्तर से जांच कर रहा हूं. इसके अलावा जिलाधिकारी, सीएमओ, ड्रग विभाग सहित शासन को भी पत्र लिखा गया है. हालांकि कहीं से कोई जवाब अभी तक नहीं आया है. बहरहाल जल्द ही पूरे मामले की जांच पूरी हो जाएगी और कार्रवाई भी होगी. उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्रों से बाहर की दवा बेचना बड़ा अपराध है.

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गोरखपुर जिला अस्पताल के जन औषधि केंद्र से गड़बड़झाला. (Video Credit-Etv Bharat)

गोरखपुर: लोगों को सस्ती दवा उपलब्ध कराने की मोदी सरकार की जन औषधि योजना पर सरकारी सिस्टम में बैठे लोग ही पलीता लगा रहे हैं. मामला जिला अस्पताल परिसर और अन्य मेडिकल संस्थानों में संचालित जन औषधि केंद्रों से जुड़ा है. आरोप है कि केंद्रों से जेनेरिक के बजाय अन्य दवाएं डॉक्टर के परामर्श के बाद बेची जा रही हैं. इन दवाओं का पर्चा भी औषधि केंद्र से मरीजों को वापस नहीं मिल रहा है. यह शिकायत अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से लेकर सीएमओ तक पहुंची है. इसके बाद जांच की बात कही जा रही है.

गोरखपुर के जिला अस्पताल परिसर के जन औषधि केंद्र से जुड़े कई मामले सामने आ चुके हैं. जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेंद्र ठाकुर ने ड्रग इंस्पेक्टर समेत उच्च अधिकारियों से पत्राचार भी किया, लेकिन बीते तीन महीने में अभी तक उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है. हालांकि इस दौरान जन औषधि केंद्र के संचालक के द्वारा अपने दो कर्मचारियों की सेवा समाप्त की कार्रवाई की गई है. बावजूद इसके इस केंद्रों से बाजरू दवाएं बेचे जाने की सूचना मिल रही है.

बता दें, भारत सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के जरिए गरीब और हर जरूरतमंद मरीजों को सस्ते दाम पर जेनेरिक दवाई उपलब्ध उपलब्ध कराई जाती हैं. बहरहाल अब जन औषधि केंद्रों पर भी भ्रष्टाचार ने पैर पसारना शुरू कर दिया है. गोरखपुर जिला चिकित्सालय के ओपीडी परिसर में स्थित जन औषधि केंद्र के बाबत महेंद्र नाम के मरीज के परिजन ने इसकी शिकायत बुधवार 27 जून को की है. इसके पहले पहला शिकायती पत्र 20 अप्रैल 2024 में दिया गया था. इसकी जांच अभी पूरी नहीं हो सकी है. 24 जून 2024 को एक महिला मरीज ने जिला चिकित्सालय के एसआईसी को लिखित तौर पर शिकायत पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है.

इस संबंध में जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि कई बार मुझे शिकायती पत्र मिले हैं. मैं अपने स्तर से जांच कर रहा हूं. इसके अलावा जिलाधिकारी, सीएमओ, ड्रग विभाग सहित शासन को भी पत्र लिखा गया है. हालांकि कहीं से कोई जवाब अभी तक नहीं आया है. बहरहाल जल्द ही पूरे मामले की जांच पूरी हो जाएगी और कार्रवाई भी होगी. उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्रों से बाहर की दवा बेचना बड़ा अपराध है.

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