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बलौदाबाजार में निर्दलीय पार्षद प्रत्याशियों का नामांकन निरस्त, प्रशासन पर गंभीर आरोप, कोर्ट जाने की तैयारी - CG NIKAY CHUNAV

बलौदाबाजार में नगर पालिका अध्यक्ष के लिए नामांकन रद्द होने पर निर्दलीय पार्षद प्रत्याशियों ने भाजपा और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

Nomination canceled in Balodabazar
नामांकन निरस्त होने पर बवाल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 30, 2025, 10:19 PM IST

बलौदाबाजार : नगरीय निकाय चुनाव 2025 में नामांकन प्रक्रिया को लेकर बलौदाबाजार में विवाद गहरा गया है. दो निर्दलीय पार्षद उम्मीदवारों ने अपना नामांकन रद्द होने पर आरोप लगाया है कि भाजपा ने सत्ता का दुरुपयोग कर उनका नामांकन रद्द करवाया है. उनका आरोप है कि भाजपा प्रत्याशियों को समय सीमा समाप्त होने के बाद भी त्रुटियों को सुधारने का मौका दिया गया.

प्रशासन पर गंभीर आरोप : घनश्याम भारती और पवन कुमार नायक ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपने नामांकन दाखिल किया था. घनश्याम भारती वार्ड 10 से तो पवन कुमार नायक वार्ड 12 से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में थे.दोनों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि चुनावी प्रक्रिया में प्रशासन ने जानबूझकर उनके नामांकन फॉर्म को निरस्त किया.

निर्दलीय पार्षद प्रत्याशियों ने लगाए गंभीर आरोप (ETV Bharat)

भाजपा के दो प्रत्याशियों के नामांकन फॉर्म में भी त्रुटियां थीं, लेकिन उन्हें समय सीमा समाप्त होने के बाद भी सुधारने का अवसर दिया गया. उन्होंने इसे पूरी तरह पक्षपाती निर्णय करार दिया : घनश्याम भारती, निर्दलीय प्रत्याशी

निर्दलीय प्रत्याशी जाएंगे अदालत : घनश्याम भारती ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया था. उनका आरोप है कि जब उन्होंने नामांकन फॉर्म दाखिल किया, तो रिटर्निंग ऑफिसर ने उस फॉर्म को चेक किया और पावती दी थी. लेकिन स्कूटनी के दौरान यह आरोप लगाया कि उनके फॉर्म में प्रस्तावक के हस्ताक्षर नहीं थे, जिसकी वजह से उनका नामांकन रद्द कर दिया गया.

अगर फॉर्म में कोई कमी थी, तो मुझे पहले ही बता दिया गया होता और मैं उसे सुधार सकता था. मगर अब समय समाप्त होने का हवाला देकर हमारा नामांकन निरस्त कर दिया गया. यह पूरी प्रक्रिया गलत थी. हमें चुनावी मुकाबले से बाहर करने के लिए यह सब किया जा रहा है, क्योंकि यदि हम चुनाव में खड़े होते तो भाजपा की हार तय थी. अब हम इस मामले को अदालत में ले जाएंगे और न्याय की मांग करेंगे : घनश्याम भारती, निर्दलीय प्रत्याशी

पवन कुमार नायक ने लगाए गंभीर आरोप : पवन कुमार नायक वार्ड 12 से निर्दलीय उम्मीदवार थे. नामांकन रद्द होने पर पवन कुमार ने भी सत्ताधारी भाजपा और प्रशासन पर मिलकर काम करने का आरोप लगाया है. पवन का कहना है कि वे यह समझ नहीं पाए कि आखिर क्यों उनके जैसे निर्दलीय उम्मीदवार के फॉर्म को सख्ती से खारिज किया गया, जबकि भाजपा उम्मीदवारों को फॉर्म सुधारने का अवसर दिया गया.

हम भाजपा के विरोधी थे और हमारी जीत से भाजपा को खतरा था. इसलिए प्रशासन ने मिलकर हमारा नामांकन निरस्त करवा दिया. यह पूरी तरह से गलत है और हमें चुनाव में भाग लेने का पूरा हक मिलना चाहिए था : पवन कुमार नायक

रिटर्निंग ऑफिसर का स्पष्टीकरण : इस पूरे विवाद पर रिटर्निंग ऑफिसर दीप्ति गोते ने कहा कि 28 जनवरी को नामांकन प्रक्रिया के दौरान कुछ फॉर्म में त्रुटियां पाई गईं, जिसके बाद उनकी समीक्षा की गई. दीप्ति गोते ने कहा कि नामांकन की समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि कुछ फॉर्म में कमी थी. इनमें से जिन फॉर्मों में त्रुटियां पाई गईं, उन्हें निरस्त कर दिया गया.

अध्यक्ष पद के लिए मैदान में 6 प्रत्याशी : उन्होंने यह भी बताया कि नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए 6 उम्मीदवारों और वार्ड पार्षद पद के लिए 66 उम्मीदवारों के नामांकन की स्कूटनी पूरी की जा चुकी है. दीप्ति गोते ने यह स्पष्ट किया कि नाम वापसी का समय खत्म हो चुका है और अब जो भी उम्मीदवार चुनावी प्रक्रिया में बने रहेंगे, वही चुनाव लड़ने के पात्र होंगे.

कानूनी रास्ता अपनाने का ऐलान : इस विवाद के बाद निर्दलीय उम्मीदवारों ने इस मामले को न्यायालय में ले जाने का निर्णय लिया है. उनका कहना है कि चुनाव में निष्पक्षता का उल्लंघन हुआ है. इस मुद्दे पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. दोनों उम्मीदवारों ने कहा कि उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया और उन्हें पूरी प्रक्रिया में न्याय नहीं मिला.

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प्रशासन पर गंभीर आरोप : घनश्याम भारती और पवन कुमार नायक ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपने नामांकन दाखिल किया था. घनश्याम भारती वार्ड 10 से तो पवन कुमार नायक वार्ड 12 से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में थे.दोनों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि चुनावी प्रक्रिया में प्रशासन ने जानबूझकर उनके नामांकन फॉर्म को निरस्त किया.

निर्दलीय पार्षद प्रत्याशियों ने लगाए गंभीर आरोप (ETV Bharat)

भाजपा के दो प्रत्याशियों के नामांकन फॉर्म में भी त्रुटियां थीं, लेकिन उन्हें समय सीमा समाप्त होने के बाद भी सुधारने का अवसर दिया गया. उन्होंने इसे पूरी तरह पक्षपाती निर्णय करार दिया : घनश्याम भारती, निर्दलीय प्रत्याशी

निर्दलीय प्रत्याशी जाएंगे अदालत : घनश्याम भारती ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया था. उनका आरोप है कि जब उन्होंने नामांकन फॉर्म दाखिल किया, तो रिटर्निंग ऑफिसर ने उस फॉर्म को चेक किया और पावती दी थी. लेकिन स्कूटनी के दौरान यह आरोप लगाया कि उनके फॉर्म में प्रस्तावक के हस्ताक्षर नहीं थे, जिसकी वजह से उनका नामांकन रद्द कर दिया गया.

अगर फॉर्म में कोई कमी थी, तो मुझे पहले ही बता दिया गया होता और मैं उसे सुधार सकता था. मगर अब समय समाप्त होने का हवाला देकर हमारा नामांकन निरस्त कर दिया गया. यह पूरी प्रक्रिया गलत थी. हमें चुनावी मुकाबले से बाहर करने के लिए यह सब किया जा रहा है, क्योंकि यदि हम चुनाव में खड़े होते तो भाजपा की हार तय थी. अब हम इस मामले को अदालत में ले जाएंगे और न्याय की मांग करेंगे : घनश्याम भारती, निर्दलीय प्रत्याशी

पवन कुमार नायक ने लगाए गंभीर आरोप : पवन कुमार नायक वार्ड 12 से निर्दलीय उम्मीदवार थे. नामांकन रद्द होने पर पवन कुमार ने भी सत्ताधारी भाजपा और प्रशासन पर मिलकर काम करने का आरोप लगाया है. पवन का कहना है कि वे यह समझ नहीं पाए कि आखिर क्यों उनके जैसे निर्दलीय उम्मीदवार के फॉर्म को सख्ती से खारिज किया गया, जबकि भाजपा उम्मीदवारों को फॉर्म सुधारने का अवसर दिया गया.

हम भाजपा के विरोधी थे और हमारी जीत से भाजपा को खतरा था. इसलिए प्रशासन ने मिलकर हमारा नामांकन निरस्त करवा दिया. यह पूरी तरह से गलत है और हमें चुनाव में भाग लेने का पूरा हक मिलना चाहिए था : पवन कुमार नायक

रिटर्निंग ऑफिसर का स्पष्टीकरण : इस पूरे विवाद पर रिटर्निंग ऑफिसर दीप्ति गोते ने कहा कि 28 जनवरी को नामांकन प्रक्रिया के दौरान कुछ फॉर्म में त्रुटियां पाई गईं, जिसके बाद उनकी समीक्षा की गई. दीप्ति गोते ने कहा कि नामांकन की समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि कुछ फॉर्म में कमी थी. इनमें से जिन फॉर्मों में त्रुटियां पाई गईं, उन्हें निरस्त कर दिया गया.

अध्यक्ष पद के लिए मैदान में 6 प्रत्याशी : उन्होंने यह भी बताया कि नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए 6 उम्मीदवारों और वार्ड पार्षद पद के लिए 66 उम्मीदवारों के नामांकन की स्कूटनी पूरी की जा चुकी है. दीप्ति गोते ने यह स्पष्ट किया कि नाम वापसी का समय खत्म हो चुका है और अब जो भी उम्मीदवार चुनावी प्रक्रिया में बने रहेंगे, वही चुनाव लड़ने के पात्र होंगे.

कानूनी रास्ता अपनाने का ऐलान : इस विवाद के बाद निर्दलीय उम्मीदवारों ने इस मामले को न्यायालय में ले जाने का निर्णय लिया है. उनका कहना है कि चुनाव में निष्पक्षता का उल्लंघन हुआ है. इस मुद्दे पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. दोनों उम्मीदवारों ने कहा कि उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया और उन्हें पूरी प्रक्रिया में न्याय नहीं मिला.

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