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झारखंड में बेमौसम बारिश से फिलहाल राहत नहीं, आज भी इन जिलों में बारिश के आसार

unseasonal rain in Jharkhand. झारखंड में मौसम ने करवट बदली है. कई जिलों में कल से बारिश हो रही है. मौसम केंद्र रांची के अनुसार फिलहाल बारिश से राहत की उम्मीद नहीं है. आज भी कई जिलों में बारिश के आसार हैं.

Jharkhand Weather Update
Unseasonal Rain In Jharkhand
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 14, 2024, 3:17 PM IST

रांची: पश्चिमी विक्षोभ की वजह से राजधानी रांची सहित राज्य के ज्यादातर जिलों में मौसम का मिजाज बदला हुआ है. पिछले तीन दिनों से राजधानी रांची सहित राज्य के कई इलाकों में गर्जन के साथ हल्की से मध्यम दर्जे की वर्षा हो रही है. मौसम केंद्र रांची के अनुसार बुधवार को भी चतरा, गढ़वा, हजारीबाग, कोडरमा, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह में मेघगर्जन और वज्रपात के साथ बारिश की संभावना बनी हुई है.

बेमौसम बारिश से खेती-बाड़ी पर पड़ा असर

राज्य में बेमौसम बारिश का खेती-बाड़ी पर मिलाजुला असर पड़ने की संभावना है. कृषि विशेषज्ञ और जिला कृषि पदाधिकारी डॉ रामाशंकर सिंह ने कहा कि बेमौसम हो रही बरसात का खेती-बाड़ी पर मिलाजुला असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ की वजह से राज्य में हो रही वर्षा जहां गेहूं, तिलहन और दलहन के लिए लाभकारी साबित होगा.

सब्जियों के लिए बारिश नुकसानदायक

वहीं सब्जियों के लिए यह वर्षा नुकसानदायक साबित होगा. उन्होंने कहा कि अगर वर्षा अगले दो से तीन दिन और हो गया तो खेत में लगी सब्जियों को नुकसान पहुंचना तय है. कृषि पदाधिकारी रामाशंकर सिंह ने कहा कि आलू की फसल जहां-जहां तैयार हो गई है उस पर बेमौसम बरसात का खराब असर पड़ेगा.

राज्य में लगभग 11 लाख हेक्टेयर जमीन पर रबी की होती है खेती

झारखंड में लगभग 11 लाख हेक्टेयर भूमि पर रबी की खेती की जाती है, लेकिन इस वर्ष 150 से अधिक प्रखंडों में सुखाड़ की वजह से इस वर्ष लक्षित भूमि के लगभग 50% भू-भाग पर ही रबी की खेती की गई है. राज्य में इस वर्ष सिर्फ 01 लाख, 38 हजार, 119 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल लगाई जा सकी है. इसी तरह मक्का 8426 हेक्टेयर भूमि पर, चना 01 लाख 76 हजार 636 हेक्टेयर भूमि पर, मसूर 01 लाख 09 हजार 637 हेक्टेयर जमीन पर, सरसो 03 लाख 07 हजार 372 हेक्टेयर भूमि पर और तीसी की फसल 91 हजार 971 हेक्टेयर भूमि पर ही लगाई जा सकी है.

16 फरवरी से साफ होगा मौसम

मौसम केंद्र रांची से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को भी राज्य के कई जिलों में मेघगर्जन और वज्रपात के साथ हल्की से मध्यम दर्जे की वर्षा होने की प्रबल संभावना है. वहीं कल 15 फरवरी को राज्य के पूर्वी और निकटवर्ती मध्य भाग वाले जिलों में हल्की से मध्यम दर्जे की वर्षा होने की संभावना जताई गई है.

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बेमौसम बारिश से खेती-बाड़ी पर पड़ा असर

राज्य में बेमौसम बारिश का खेती-बाड़ी पर मिलाजुला असर पड़ने की संभावना है. कृषि विशेषज्ञ और जिला कृषि पदाधिकारी डॉ रामाशंकर सिंह ने कहा कि बेमौसम हो रही बरसात का खेती-बाड़ी पर मिलाजुला असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ की वजह से राज्य में हो रही वर्षा जहां गेहूं, तिलहन और दलहन के लिए लाभकारी साबित होगा.

सब्जियों के लिए बारिश नुकसानदायक

वहीं सब्जियों के लिए यह वर्षा नुकसानदायक साबित होगा. उन्होंने कहा कि अगर वर्षा अगले दो से तीन दिन और हो गया तो खेत में लगी सब्जियों को नुकसान पहुंचना तय है. कृषि पदाधिकारी रामाशंकर सिंह ने कहा कि आलू की फसल जहां-जहां तैयार हो गई है उस पर बेमौसम बरसात का खराब असर पड़ेगा.

राज्य में लगभग 11 लाख हेक्टेयर जमीन पर रबी की होती है खेती

झारखंड में लगभग 11 लाख हेक्टेयर भूमि पर रबी की खेती की जाती है, लेकिन इस वर्ष 150 से अधिक प्रखंडों में सुखाड़ की वजह से इस वर्ष लक्षित भूमि के लगभग 50% भू-भाग पर ही रबी की खेती की गई है. राज्य में इस वर्ष सिर्फ 01 लाख, 38 हजार, 119 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल लगाई जा सकी है. इसी तरह मक्का 8426 हेक्टेयर भूमि पर, चना 01 लाख 76 हजार 636 हेक्टेयर भूमि पर, मसूर 01 लाख 09 हजार 637 हेक्टेयर जमीन पर, सरसो 03 लाख 07 हजार 372 हेक्टेयर भूमि पर और तीसी की फसल 91 हजार 971 हेक्टेयर भूमि पर ही लगाई जा सकी है.

16 फरवरी से साफ होगा मौसम

मौसम केंद्र रांची से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को भी राज्य के कई जिलों में मेघगर्जन और वज्रपात के साथ हल्की से मध्यम दर्जे की वर्षा होने की प्रबल संभावना है. वहीं कल 15 फरवरी को राज्य के पूर्वी और निकटवर्ती मध्य भाग वाले जिलों में हल्की से मध्यम दर्जे की वर्षा होने की संभावना जताई गई है.

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