वाराणसी : तेजी से बढ़ रहे डिजिटल मीडिया के दौर में अब हर कोई रियल की जगह रील लाइफ पर ज्यादा विश्वास करता है. मंदिर हो या श्मशान हर तरफ बस खाली रील बनाने वालों की भीड़ दिखाई देने लगी है. इसका खामियाजा कई बार उन लोगों को भी भुगतना पड़ता है, जो शांति और सुकून की तलाश के साथ कहीं पहुंचते हैं.
श्रद्धा भाव के साथ मंदिरों में जाने वालों की भीड़ के बीच रील बनाने वाले कहीं ना कहीं से परेशानी का सबब बन जाते हैं. यही वजह है कि अब वाराणसी के एक घाट को रील फ्री घाट बनाने की तैयारी शुरू की गई है. इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि घाट का निर्माण जिस उद्देश्य से हुआ वह पूरा ही नहीं हो पा रहा है. अब वाराणसी नगर निगम इस घाट पर रील बनाने से रोकने की तैयारी में काम करने जा रहा है.
इस बारे में वाराणसी के नगर आयुक्त अक्षत वर्मा का कहना है कि यह प्राय: देखा जा रहा है कि वाराणसी के नमो घाट पर रील बनाने वाले बहुत ज्यादा परेशानी का सबब बन रहे हैं. लोग यहां पर शांति सुकून की तलाश में पहुंचते हैं या परिवार के साथ आते हैं, लेकिन लोग गाने पर या फिर अपने पर्सनल कंटेंट पर वीडियो और रील बनाने में जुटे रहते हैं. इस वजह से यहां पर रील बनाने वालों को रोकने की तैयारी की जा रही है.
उन्होंने बताया कि इसके लिए फोर्सफुल तो नहीं लेकिन लोगों को रील बनाने से रोकने के लिए कहा जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए एक जगह भी निर्धारित की जाएगी. अगर लोग बनना चाहते हैं तो रिस्ट्रिक्टेड एरिया रहेगा. जहां पर मोबाइल या कैमरा अलाउड नहीं होगा. उन जगहों पर लोग बैठें, घूमें बातचीत करें, खाए पिएं, लेकिन रील बनाने की परमिशन नहीं होगी.
नगर आयुक्त का कहना है कि यह इसलिए भी आवश्यक है, क्योंकि कुछ की वजह से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अपना कंटेंट जनरेट करने के लिए लोग दूसरों को परेशान करते हैं. कई लोग स्टंट करने लगते हैं तो कोई बीच भीड़ में डांस करने लगता है. यह चीज कई बार बहुत से लोगों के लिए उचित नहीं होती है, क्योंकि वाराणसी में पर्यटकों के साथ लोकल लोगों का भी नमो घाट पर बड़ी संख्या में जाना होता है. ऐसे में कुछ गिने चुने लोगों की वजह से बाकी लोगों को परेशानी हो यह सही नहीं है. इसलिए एक पूरा जोन निर्धारित किया जाएगा, जहां पर रील बनाने की परमिशन नहीं होगी.
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